जब से नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया गया था, तभी से मीडिया के एक बड़े वर्ग ने उनकी ‘पॉवरफुल मैन’ की इमेज बिल्डिंग का काम शुरू किया था, जो चुनाव प्रचार के दौरान अपने चरम पर था। उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद अब मोदी की ‘पॉवरफुल प्राइम मिनिस्टर’ की छवि बनाने का काम मीडिया में जारी है। जब राजग सरकार के सौ दिन पूरे हुए तो मीडिया ने कुछ ऐसा समां बांधा कि बस ‘अच्छे दिन आने वाले’ ही हैं। उनकी भूटान और जापान यात्रा को ऐसे पेश किया गया, जैसे भूटान और जापान भारत के आगे नतमस्तक हो गया हो। ऐसा हो भी क्यों नहीं, जब मीडिया का एक वर्ग नरेंद्र मोदी से या तो कुछ ज्यादा ही अभिभूत है या वह मोदी की तथाकथित ‘कड़क छवि’ के आगे बौना हो गया है।
जब ज़ी न्यूज जैसे बड़े चैनल का मालिक हरियाणा विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार बनने की चाहत रखता है, तो कोई बेवकूफ ही होगा, जो यह समझेगा कि जी न्यूज जनता के साथ खड़ा होगा। वह तो मोदी सरकार की बुराई को भी बड़ी अच्छाई के रूप में दिखाने के लिए कटिबद्ध होगा। ऐसा वह कर भी रहा है। क्या यह विद्रूप नहीं है कि इंडिया टीवी के ‘आपकी अदालत’ के लिए बनाए गए सेट पर नरेंद्र मोदी की तस्वीर लगी है? यह हाल इलेक्टॉनिक मीडिया का ही नहीं है, प्रिंट मीडिया भी नरेंद्र मोदी को ‘महामानव’ मानकर चल रहा है। शिक्षक दिवस पर जब नरेंद्र मोदी ने बच्चों को संबोधित किया तो नवभारत टाइम्स ने हैडिंग लगाई, ‘चाचा मोदी’ ने बच्चों को किया संबोधित।
दुनिया जानती है कि ‘चाचा’ का खिताब जवाहर लाल नेहरू को दिया गया है। अब ऐसा लगता है कि मीडिया नेहरू की जगह मोदी को ‘चाचा’ बनाना चाहता है। इधर, मीडिया एक ओर मोदी के स्तुतिगान में लगा है, तो दूसरी ओर अमित शाह और आदित्यनाथ योगी उत्तर प्रदेश में ‘लव जेहाद’ का हौवा खड़ा करके सांप्रदायिकता की ऐसी फसल तैयार कर रहे हैं, जिसकी आग पूरे प्रदेश को झुलसा सकती है। यह तल्ख सच्चाई है कि इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के एक बड़े वर्ग ने तथाकथित ‘लव जेहाद’ के झूठ को सच बनाकर नमक मिर्च मिलाकर पेश किया है। जी न्यूज ने तो बाकायदा लव जेहाद को तूल देने के लिए सीरीज चलाई।
मीडिया ने लव जेहाद का ऐसा तूफान खड़ा किया, जैसे हर दूसरी हिंदू लड़की लव जेहाद की शिकार हो रही है। बहुत तल्खी से कहना चाहूंगा कि क्या हिंदुओं की लड़कियां इतनी सस्ती, निरीह और बेवकूफ हैं कि उन्हें कोई भी ऐरा-गैरा फुसलाकर ले जाएगा? लव जेहाद का तूफान खड़ा करने वाले क्या खुद हिंदू लड़कियों का अपमान नहीं कर रहे हैं? जैसे इतना ही काफी न हो? मध्य प्रदेश की एक भाजपा विधायक ने यह कहकर आग में घी डाला है कि दुर्गा उत्सव में होने वाले गरबा में मुसलिम लड़कों के शामिल होने पर रोक लगाई जाए। बहाना वही कि गरबे में शामिल होने वाले मुसलिम लड़के हिंदू लड़कियों को फुसलाते हैं।
ऐसा लगता है कि संघ परिवार ने यह तय कर लिया है कि देश में धर्म निरपेक्ष ताने-बाने को एकदम छिन्न-भिन्न कर देना है, चाहे उसके लिए देश को कितनी भी बड़ी कीमत चुकानी पड़े? दुख और गुस्से बात यह है कि ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुप हैं। उनकी यह चुप्पी खतरनाक है, क्योंकि उन्होंने भगवा बिग्रेड को मनमानी करने की पूरी छूट दे रखी है। नरेंद्र मोदी को यह नहीं भूलना चाहिए कि अस्सी और नब्बे के दशक में उनके गुरू लालकृष्ण आडवाणी ने भी यही सब कुछ किया था, जो मोदी कर रहे हैं। वक्त बहुत बेरहम होता है। यह रुकता नहीं। आडवाणी के लिए भी नहीं रुका था, मोदी के लिए भी नहीं रुकेगा।
कहीं ऐसा न हो कि मोदी का हश्र आडवाणी से भी बुरा हो। भगवा बिगे्रड को यह समझ लेना चाहिए कि इस देश के बहुसंख्यक हिंदू सांप्रदायिक नहीं, धर्मनिरपेक्ष हैं। भगवा ब्रिगेड हद से गुजरेगी, तो उसको इसका नुकसान उठाना पड़ेगा। मीडिया का जो वर्ग मोदी स्तुतिगान में लगा है, उसे भी यह समझ लेना चाहिए मोदी गान से उसकी विश्वसनीयता में तेजी से गिरावट आ रही है। यकीन न हो तो सर्वे कराकर देख ले।
सलीम अख्तर सिद्दीकी
Sub Editor : Dainik JANWNI
Meerut
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ajay bhattacharya
October 24, 2014 at 1:13 pm
saliom sahab, is desh ko totkon ke bharose chalaya ja raha hai. aap sahi hain