सत्येंद्र पीएस-
भारत में पहली बार अमेरिका से सुअर का मांस मंगाने का फैसला किया गया है। मैंने सोचा कि मोदी जी ने किया है तो यह राष्ट्रहित में ही किया गया होगा। इसका एक मकसद हो सकता है कि मांस बेचने वाले मीयों को कमजोर करना और राष्ट्र के नागरिकों को सुअर का मांस खिलाकर उन्हें मजबूत हिंदू बनाना।
फिर अचानक याद आया कि मुसलमान तो सुअर से नफरत करते हैं, उनकी कमर तो टूटेगी नहीं। अब मैं भयंकर कन्फ्यूज हूं कि अमेरिका 20 साल से भारत में सुअर का मांस भेजने के लिए दबाव बना रहा था, सरकार ने अब जाकर क्यों स्वीकार किया है।
उधर सरकार ने वोडाफोन कंपनी को खरीदने का फैसला किया है क्योंकि वह बर्बाद हो चुकी है और बैंकों का पैसा फंसा हुआ है। कितना दिलचस्प है कि एमटीएनएल और बीएसएनएल को सरकार ने 4जी स्पेक्ट्रम न देकर बर्बाद किया और अब वोडाफोन और टाटा टेली को खरीद रही है, जिससे वह बच जाएं। यह अलग बात है कि सबसे बड़ी हिस्सेदार होने के बावजूद सरकार वोडाफोन को अपने नियंत्रण में नहीं लेगी। शायद इसलिए कि निजी क्षेत्र वाले कंपनी बढिया से चलाते हैं, इसलिए प्राइवेट टेलीकॉम सेक्टर 5,00,000 करोड़ रुपये घाटे में चल रहा है। सरकारी कंपनियां खराब चलती हैं, अधिकारी उसे खराब चलाते हैं, इसलिए बीएसएनएल केवल 19,000 करोड़ रुपये घाटे में है, वो भी तब, जब उसे 4जी स्पेक्ट्रम ही नहीं दिया गया था।
हम तो विनोद राय और कोर्ट के उन माननीय जजों को ढूंढ रहे हैं, जिन्होंने स्पेक्ट्रम घोटाला का नारा लगाकर इस सेक्टर को बर्बाद कर दिया और अब हालत यह हो गई है कि 2008 में जिस दर पर मनमोहन सरकार ने स्पेक्ट्रम बेचा था, उस भाव भी कोई स्पेक्ट्रम लेने को तैयार नहीं है।
पवन सिंह-
ये कटिंग्स सुरक्षित रखिएगा…धर्म के नाम पर …ये सब कटिंग्स मैं इसलिए अपलोड करता रहता हूं कि जब इस खंडहर हो चुके मुल्क में कभी पीढ़ियां तबाही के निशां तलाशने निकलें तो उन्हें धर्म, जाति और फर्जी राष्ट्रवाद …के तमाम निशान आसानी से मिलते रहें…