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वाशिंगटन पहुंचकर अपनी मूर्खता का प्रदर्शन करने में जुट गए हैं भारतीय चैनल

Om Thanvi : कई दिन बाद बरबस टीवी खोला। भारतीय चैनल वाशिंगटन जा पहुंचे हैं और मजेदार ‘रिपोर्टिंग’ हो रही है। देखा कि एक प्रमुख हिंदी चैनल के संवाददाता ने भारतीय मूल के मुसलिम रईस को पकड़ रखा है। वह अंग्रेजी बोल रहा है, संवाददाता हिंदी। रईस कहता है, मि. मोदी ने यह कहकर मेरा दिल जीत लिया कि भारत के मुसलमान देश के लिए जीने-मरने को तैयार हैं।

<p>Om Thanvi : कई दिन बाद बरबस टीवी खोला। भारतीय चैनल वाशिंगटन जा पहुंचे हैं और मजेदार 'रिपोर्टिंग' हो रही है। देखा कि एक प्रमुख हिंदी चैनल के संवाददाता ने भारतीय मूल के मुसलिम रईस को पकड़ रखा है। वह अंग्रेजी बोल रहा है, संवाददाता हिंदी। रईस कहता है, मि. मोदी ने यह कहकर मेरा दिल जीत लिया कि भारत के मुसलमान देश के लिए जीने-मरने को तैयार हैं।</p>

Om Thanvi : कई दिन बाद बरबस टीवी खोला। भारतीय चैनल वाशिंगटन जा पहुंचे हैं और मजेदार ‘रिपोर्टिंग’ हो रही है। देखा कि एक प्रमुख हिंदी चैनल के संवाददाता ने भारतीय मूल के मुसलिम रईस को पकड़ रखा है। वह अंग्रेजी बोल रहा है, संवाददाता हिंदी। रईस कहता है, मि. मोदी ने यह कहकर मेरा दिल जीत लिया कि भारत के मुसलमान देश के लिए जीने-मरने को तैयार हैं।

बहरहाल, रईस का बड़ा-सा घर है (अमेरिका में बेशुमार भारतीयों के ऐसे घर हैं)। संवाददाता कहता है, यह तो वाइट हाउस जैसा लगता है। रईस कहता है घर बनाने में ताजमहल, यूनानी स्तंभों, सम्राट हेनरी के बगीचों, भारत के राष्ट्रपति भवन, अमेरिकी संसद के गुंबद और वाइट हाउस तक से प्रेरणा ली है। संवाददाता को वाइट हाउस के हवाले में ‘खबर’ का तत्त्व दिखाई दे गया है। कैमरा घर की सैर करवाता है। रईस अपने ‘दफ्तर’ में बैठते हुए कहता है कि वाइट हाउस में राष्ट्रपति की मेज भी ऐसी ही है। लीजिए, उन्हें उठाकर संवाददाता मेज के पार कुरसी पर बैठ गया, और दर्शकों की ओर मुखातिब है – “बराक ओबामा ठीक ऐसी ही मेज पर मेहमानों से मिलते हैं, ठीक ऐसे सामने कुरसियां हैं, ठीक ऐसे…”!

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बदले दौर में चैनल वालों के पांव और कल्पना कितने ऊपर कितने नीचे जा पहुंचे हैं।

जनसत्ता अखबार के संपादक ओम थानवी के फेसबुक वॉल से.

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0 Comments

  1. दलपत

    September 25, 2014 at 5:48 am

    मिडिया निष्पक्ष नहीं है.मात्र पैसे के पीछे दौड़ लगा रहे है.मिडिया लोक तन्त्र का चौथा स्तम्भ नहीं बल्कि तीनो स्तंभों को कमजोर करने वाले लोग है.अपने आप को बुध्धिशाली समजने वाले मिडिया के लोग जाँ ले की वह भी संविधान के अन्दर दिए गए नियमो के आधीन है उसके ऊपर नहीं.अखबार हो या tv में संपादक अपनी मर्जी से लिखे या दिखाए जाने वाली सामग्री जनमत नहीं परन्तु थोपी गई वास्तु या विचार है.सब अपनी लफ्फाजी करते है अपने विचार रखते है जो किसी काम का नहीं अपितु बकवास होता है.

  2. maheshwari

    October 1, 2014 at 3:24 am

    Chunav ke vakt dd news me modi ka interview nahi chala to press ke aajade ke duhai date fir rahe the. Ab dd news kya aajtak aur sabhi channel ko did news to door modi news channel bana dala

  3. maheshwari

    October 1, 2014 at 3:26 am

    Mode news channel aur mode news

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