नेताजी को वरिष्ठ पत्रकार का रिटर्न गिफ्ट
राजनीतिक स्टंटबाजी में मुलायम सिंह उर्फ नेता जी के आगे सब बच्चे हैं। कहा जाता है कि मौजूदा भाजपा सरकारें मीडिया मैनेजमेंट में दक्ष हैं। देश की मीडिया सरकार की मुट्ठी में है। ये आज की बात है। लेकिन कुछ ऐसी परम्परा की जन्मदाता भाजपा नहीं यूपी का एक क्षेत्रीय दल था। कठपुतलियों की तरह मीडिया की डोरियों को हाथ में रखने का सिलसिला अब से बीस-तीस साल पहले नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने शुरू किया था। इसका अनुसरण लगभग सभी पार्टियों की सरकारों ने किया।
अंतर इतना है कि सख्ती और दबाव से नहीं मुलायम मुलायमियत से मीडिया को मुट्ठी में ले लेते थे। ये उनका बड़ा हुनर था। मीडिया मैनेजमेंट और पत्रकारों को अपने पाले में रखना उनकी बड़ी ख़ूबी थी।
नेता जी के जन्मदिन पर एक पत्रकार ने लखनऊ के एक अखबार को फुल पेज विज्ञापन दिया। इस विज्ञापन में पत्रकार महोदय ने नेता जी को जन्मदिन की बधाई दी है और लिखा है कि आपके आर्शीवाद और छत्र-छाया में हमने बहुत कुछ पाया। विज्ञापनदाता पत्रकार नहीं हैं बल्कि वरिष्ठ पत्रकार हैं। यानी इनकी पत्रकारिता पुरानी है। शायद तब की होगी जब बतौर मुख्यमंत्री मुलायम सिंह जी के कई कार्यकाल गुज़रे। यानी उस दौर में इन पत्रकार महोदय को बतौर मुख्यमंत्री नेता जी खूब आर्शीवाद देते थे।
इन सुखद अहसासों के साथ शायद आज इस वरिष्ठ पत्रकार ने मुलायम सिंह जी को उनके जन्मदिन पर फुल पेज विज्ञापन रूपी बधाई का रिटर्न गिफ्ट दिया है।
इस किस्से के साथ एक कहावत की प्रासंगिकता रोचकता के साथ महसूस कीजिए –
कहा जाता है आज की पीढ़ी के युवाओं से अधिक मजबूत कल के वो बूढ़े होते हैं जिन्होंने जीवन भर साइकिल चलाई और देशी घी खाया।
ऐसे ही ये भी कहा जा सकता है कि मुलायम सिंह के जमाने के पुराने पत्रकार भी आर्थिक रूप से इतने मज़बूत हैं कि वो खुद फुल-फुल पेज विज्ञापन जारी कर रहे हैं।
जबकि आज ठीक-ठाक बैनरों के ठीक-ठाक पत्रकार भी अपने संस्थान को विज्ञापन दिलवाने की जद्दोजहद में दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं।
- नवेद शिकोह
लखनऊ