आदरणीय संजय शर्मा भैया, आपके अख़बार ‘4पीएम’ की बेबाकी निष्पक्षता से परिपूर्ण लेखनी का मैं कायल था मगर मुलायम “नेता जी” के आई पी एस Amitabh Thakur जी के धमकी वाले मामले में आपकी और आपके 4pm अख़बार की चुप्पी ….मेरी समझ से परे है। आज फेसबुक पर आपके अख़बार का लिंक ढूढ़ते ढूढ़ते आँखें पथरा गयीं। खैर उम्मीद करूँगा, किसी चैनल पर अमिताभ ठाकुर वाले मामले में आपको उसी निष्पक्षता और बेबाकी से बहस करता देखूं।
चलो मान लेता हूँ की मुलायम सिंह ने अमिताभ ठाकुर को “सुधर”जाओ की नसीहत दी है धमकी नहीं मगर यही ‘सुधर जाओ’ की सलाह पत्रकार को जला कर मार डालने के आरोपी राममूर्ति वर्मा को क्यों नहीं दिए, यही सुधर जाने की सलाह एक बच्चे से गाली गलौज करने वाले मंत्री विनोद पण्डित को क्यों नही दिये, बाराबंकी में पत्रकार की माँ को दुष्कर्म के प्रयास में सफल न होने पर जलाने वाले दरोगा को बर्खास्त कर जेल न भेजने और मामले में लीपापोती करने वाले पुलिस अधिकारी को सुधर जाओ की सलाह क्यों नही दिये। बात-बात पर साम्प्रदायिक जहर उगलने वाले, भारत माँ को डायन कहने वाले आजम को सुधर जाने की नसीहत क्यों नही दी। दिन-प्रतिदिन बद से बदतर होती जा रही कानून व्यवस्था पर मुख्यमंत्री को सुधर जाने की सलाह क्यों नही दिये।
नेता जी कुछ सपा नेता प्रदेश में गुंडाराज कायम करने पर तुले हैं, उन्हें भी सुधर जाने की सलाह दीजिये न। कुछ आपके करीबी मंत्री, अधिकारी आपके “मुलायम” दिल का फायदा उठा कर प्रदेश को दोनों हाथों से लूट रहे हैं और भ्रष्टाचार का साम्राज्य स्थापित करने पर तुले हैं, उन्हें भी सुधर जाने की सलाह दीजिये। बस अमिताभ ठाकुर को सुधर जाने की सलाह देने से प्रदेश नहीं सुधरेगा।
विनय मौर्य के एफबी वाल से
vishal shukla
July 12, 2015 at 9:51 am
विनय भाई आप भी खुब चकलस ले रहे हो। अरे संजय भईया तो कुछ वक्त पहले ही मुख्यमंत्री को ईमानदारी के खिताब से नवाज चुके है, अब ऐसे में सीएम के पिताश्री के विषय में बेबाक लेखनी कैसे नजर आयेगी। वैसे भी समाचार संपादकों की कुछ मजबुरियां होती है…वह आप भी समझते हो।
Raj
July 12, 2015 at 3:54 pm
Sanjay sharma bahut bade wale chutiya hain, ek do kaudi ka akhbaar nikal k sampadak k Abba ban rahe hain
sheelesh tripathi
July 14, 2015 at 5:25 am
samajwad ke chamchon se aisi ummeed mat kero hahhahah