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उत्तर प्रदेश

ठाकुर की तरह मैंने भी मुलायम से तंग आकर नौकरी छोड़ी थी : आईपीएस शैलेंद्र सिंह

वाराणसी : एसटीएफ के पूर्व डिप्‍टी एसपी रहे शैलेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह की वजह से ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। मुलायम की सरकार गुंडों से बनी है और यही कारण है कि सबसे पहले पुलिस को कंट्रोल में लिया जाता है। वर्ष 2004 में बाहुबली मुख्तार अंसारी पर पोटा की कार्रवाई के कारण उन्हें मुलायम सिंह सरकार ने परेशान किया था। उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

<p><span style="line-height: 1.6;">वाराणसी : एसटीएफ के पूर्व डिप्‍टी एसपी रहे शैलेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह की वजह से ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। मुलायम की सरकार गुंडों से बनी है और यही कारण है कि सबसे पहले पुलिस को कंट्रोल में लिया जाता है। वर्ष 2004 में बाहुबली मुख्तार अंसारी पर पोटा की कार्रवाई के कारण उन्हें मुलायम सिंह सरकार ने परेशान किया था। उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।</span></p>

वाराणसी : एसटीएफ के पूर्व डिप्‍टी एसपी रहे शैलेन्‍द्र सिंह ने कहा है कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष मुलायम सिंह की वजह से ही उन्होंने नौकरी छोड़ दी थी। मुलायम की सरकार गुंडों से बनी है और यही कारण है कि सबसे पहले पुलिस को कंट्रोल में लिया जाता है। वर्ष 2004 में बाहुबली मुख्तार अंसारी पर पोटा की कार्रवाई के कारण उन्हें मुलायम सिंह सरकार ने परेशान किया था। उसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

उन्होंने कहा कि सपा सरकार में जंगलराज कायम है और इस सरकार में पुलिसकर्मी काफी दबाव में काम करते हैं। इस सरकार में सिर्फ एक ही बिरादरी को उठाने का काम किया जाता है और हर ऊंचे पदों पर उन्हें ही बैठाया जाता है ताकि सरकार अपनी मनमर्जी चला सके। अमिताभ ठाकुर के साथ वही हो रहा है, जैसाकि उनके साथ हुआ था। मुलायम सिंह यादव की कार्यप्रणाली शुरू से ही ईमानदार अधिकारियों को तंग करने की रही है। समाजवादी सरकार की कार्यशैली शुरू से ऐसी रही है। सीएम मुलायम सिंह और सीएम अखिलेश यादव की कार्यशैली एक जैसी है। उसी का नतीजा अमिताभ ठाकुर का उत्पीड़न।

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शैलेन्‍द्र सिंह ने कहा कि जिस जसराना का उल्लेख मुलायम सिंह ने अपने विवादित टेप में किया है, उस घटना के बाद से ही अमिताभ ठाकुर काफी दु:खी थे और उन्होंने मुझे कॉल कर कहा भी था कि मैं अब इस्तीफा देकर नौकरी से बाहर आना चाहता हूं। हालांकि मैंने उनसे कहा भी कि अगर गवर्मेंट से लड़ना है तो उसमें काफी समस्या आएगी और अब वही उनके साथ हो भी रहा है। 

ईनाडु इंडिया से साभार

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  1. jaatak

    July 16, 2015 at 8:58 am

    अमिताभ ठाकुर अपनी सम्पत्तियों और आय के स्रोतों की जानकारी देने से मना क्यों कर रहे हैं

    आरटीआई में मांगे जाने पर अमिताभ ठाकुर ने अपनी सम्पत्तियों और आय के स्रोतों की जानकारी देने से मना कर दिया है। आखिर क्यों ?

    लखनऊ। यूपी आईपीएस अमिताभ ठाकुर के भ्रष्टाचार/ अनियमितताओं और दोहरे मानदंडों को उजागर कर सामने लाने के लिए सामाजिक संगठन ‘तहरीर’ की प्रेस कांफ्रेंस में आरटीआई कार्यकर्ता संजय शर्मा ने निम्न सवाल जारी किए-

    1- अमिताभ ठाकुर ने ‘नेशनल आरटीआई फोरम’ नाम की संस्था बना रखी है और अमिताभ ठाकुर और नूतन ठाकुर आरटीआई एक्टिविस्ट होने का दम भरते हैं। दूसरों लोकसेवकों की संपत्ति, आय के स्रोत, अवकाश, कार्यालय अवधि में किये सरकारी काम, शिकायतें, अनुशासनिक कार्यवाहियाँ, जाँच रिपोर्टें आदि बारे में सूचना मांगने बाले अमिताभ ठाकुर मेरे द्वारा यही सूचना उनके बारे में मांगे जाने पर दोहरा मापदंड अपनाकर सूचना देने से मना कर देते हैं ! आखिर क्यों ?

    2- अमिताभ ठाकुर ने वर्ष 2010 में केंद्रीय गृह मंत्रालय को अपनी अचल संपत्ति की जानकारी में बताया था कि उनके और उनकी पत्नी नूतन ठाकुर के नाम से लखनऊ व बिहार में दस संपत्तियां थीं, जिसमें राजधानी के गोमतीनगर स्थित विरामखंड में एक एचआईजी मकान, खरगापुर में पांच प्लाट व उजरियांव में एक पांच हजार स्क्वायर फिट में मकान भी थे। उनके पास इसके अलावा बिहार के मुजफ्फरपुर, पटना, सीतामढ़ी में भी उनके पास मकान व कृषि भूमि थी। इन सभी संपत्तियों से उनकी वार्षिक आय दो लाख 88 हजार 390 रुपये थी।अमिताभ ठाकुर ने बाद के वर्षो में दाखिल किए गए अपने आईपीआर में अपने नाम केवल दो संपत्तियां ही होने का दावा किया है और वह बाकी आठ संपत्तियों की जानकारी छुपा रहे हैं। आरटीआई में मांगे जाने पर अमिताभ ने अपनी सम्पत्तियों और आय के स्रोतों की जानकारी देने से मना कर दिया है। आखिर क्यों ?

    3- अमिताभ ठाकुर के विरुद्ध झांसा देकर बलात्कार करने के पंजीकृत मुकद्दमे के सम्बन्ध में :

    A) अमिताभ ठाकुर ने नवम्बर 2014 में कानपुर के एक यौन उत्पीड़न मामले की जाँच में पीड़िता के बयान अकेले में लिए, घटना के चश्मदीद गवाह का बयान नहीं लिया, प्रेस-वार्ता में पीड़िता की पहचान उजागर की, जो जाँच समिति बनाई उसमे सह अभियुक्त ए.डी.सी. रवीन्द्र प्रताप की डिप्टी कन्ट्रोलर पत्नी अनीता प्रताप को पीठासीन अधिकारी और अमिताभ ठाकुर की पत्नी नूतन ठाकुर को समिति सदस्य बनाकर पीड़िता के विरुद्ध जाँच की । उच्च आदर्शों का दम भरने बाली इस दंपत्ति ने जांच में इतनी अनियमितताओं क्यों कीं ?

    B) दिनांक 7 जनवरी 2015 को नूतन ठाकुर ने हज़रतगंज गांधी प्रतिमा पर एक धरने के दौरान यह स्वीकारोक्ति की थी कि काफी लोग उनके पास नौकरी के लिए पैसे लेकर आते हैं।

    C) नूतन ठाकुर के फेसबुक प्रोफाइल के एक स्क्रीनशॉट के अनुसार वे पीड़िता द्वारा राज्य महिला आयोग में शिकायत देने के 02 दिन बाद 16 जनवरी 2015 (शुक्रवार) को गाज़ियाबाद गयीं थीं पर वे इसे नकार क्यों रहीं हैं ?

    D) हमारे संगठन ने इस सम्बन्ध में जांच हेतु शिकायती पत्र महामहिम राज्यपाल को भी दिया था जिसे राज्यपाल द्वारा बीते 10 मार्च को यूपी के गृह विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दिया गया था l

    E) हमारे संगठन ने इस सम्बन्ध में जांच हेतु शिकायती पत्र भारत सरकार के गृह मंत्रालय को भी दिया था जिसे बीते 15 जून को भारत सरकार के उप सचिव ने यूपी के मुख्य सचिव को भेज दिया गया था l

    F) अमिताभ ठाकुर द्वारा अपने एक फेसबुक स्टेटस में एक महिला के साथ बदसलूकी की स्वीकारोक्ति करने के बाद अपने प्रोफाइल को पेज में बदलकर स्टेटस हटा क्यों लिया गया?

    4- अमिताभ ठाकुर द्वारा सरकारी संसाधनों के दुरुपयोग के सम्बन्ध में :

    A) आरटीआई से उजागर हुआ कि अमिताभ ठाकुर द्वारा आकस्मिक अवकाश की अवधि में भी अपने सरकारी वाहन की लॉग बुक की प्रविष्टियों में कूटरचना करते हैं।

    B) संस्था की हेल्पलाइन पर आई फ़ोन-कॉल्स से ज्ञात हुआ क़ि यूपी के आईपीएस श्री अमिताभ ठाकुर द्वारा कार्यालय समय में अपनी सामाजिक संस्थाओं के कार्य किये जाते हैं, उच्च न्यायलय की याचिकाएं तैयार की जाती हैं, आरटीआई का कार्य किया जाता है तथा ठाकुर प्रायः बिना अवकाश लिए सूचना आयोगों एवं न्यायालयों की सुनवाइयों में शामिल होकर सरकारी संसाधनों एवं पद का जमकर दुरुपयोग कर रहे हैं।

    C) अमिताभ ठाकुर द्वारा कार्यालय समय में कार्यालय के और अपने निजी इंटरनेट कनेक्शन के द्वारा अपने, अपनी पत्नी अधिवक्ता नूतन ठाकुर के और कई एनजीओ के कार्य किए जाते हैं जिनमें ई-मेल भेजना, सोशल मीडिया पर पोस्ट डालना, ब्लॉग लिखना, व्यक्तिगत रिट, पीआईएल, आरटीआई आदि टाइप करना शामिल हैं। अमिताभ ठाकुर द्वारा कार्यालय समय में और बिना अवकाश लिए हुए ही सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत कर पद का दुरुपयोग किया जाता है।

    D) नेपाल केंद्रीकृत भूकंप के संबंध में अपने पदीय दायित्वों का सम्यक निर्वहन न करके महज सस्ती लोकप्रियता पाने के उद्देश्य से अपने कार्यों को बढ़ा-चढ़ाकर मीडिया में दिखाने के असत्य अभिकथन करने के कृत्यों की भर्त्सना करने के लिए मैंने दिनांक 08-07-15 को श्री अमिताभ ठाकुर की भर्त्सना करते हुए सांकेतिक ‘भर्त्सना राशि’ 20 रुपये प्रेषित की है।

    आरटीआई में मांगे जाने पर अमिताभ ने सरकारी संसाधनों के उपयोग और अपने द्वारा किये गए सरकारी कार्यों की जानकारी देने से मना कर दिया है। आखिर क्यों ?

    5- नूतन ठाकुर ग्राम पुरैना, रामनगर, बाराबंकी, उत्तर प्रदेश के प्राइमरी स्कूल में तैनाती के समय बिना स्कूल जाए ही पूरा वेतन लेती थीं। इस सम्बन्ध में कुछ समाजसेवियों द्वारा आपत्ति करने पर अत्यधिक उच्च आदर्शों की बात करने बाली नूतन ठाकुर ने पद से तो इस्तीफा दे दिया किन्तु इस अवधि का वेतन सरकार को नहीं लौटाया है।

    6- फेसबुक पर ‘आई हेट गांधी’ नाम के पेज पर महात्मा गांधी से जुड़े अभद्र कमेंट किए जाने पर फेसबुक के खिलाफ थाने में एफआईआर दर्ज कराने बाले अमिताभ ठाकुर ने स्वयं महात्मा गांधी से जुड़े अभद्र कमेंट किए और जब लखनऊ के आशियाना थाने में अमिताभ पर एफआईआर हो गयी तो अमिताभ ने शातिर अपराधियों की तरह सबूत मिटाने के लिए अपने और अपनी पत्नी के फेसबुक प्रोफाइल को पेज में बदल दिया। अपराध करने के बाद ये दोहरे मापदण्ड क्यों ? आईजी अमिताभ ठाकुर ने 28 अगस्त 2014 को फेसबुक पर महात्मा गांधी और महिला समाज पर बेहद ही आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए लिखा था कि बापू गैर औरतों के साथ सार्वजनिक रूप से सोते थे। इस टिप्पणी में जहां एक तरफ राष्ट्रपिता को अपमानित करके देश और राज्य के लोगों की भावना को ठेस पहुँचाया गया, वहीं दूसरी तरफ महिला समाज पर चरित्र हीनता का घिनौना आरोप तय कर दिया ।

    हमारे द्वारा इन सभी मामलों की जांच कराकर नियमानुकूल दंडात्मक कार्यवाही कराने के लिए सूबे के मुख्यमंत्री और लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को अवगत भी कराया जा रहा है।

    hastakshep.com से

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