Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

बीस साल पुराने सिपाही मर्डर केस में सीएम योगी आदित्यनाथ को मिली राहत

एमपी-एमएलए कोर्ट ने पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को बरकरार रखने का आदेश दिया… उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को मंगलवार को प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट से बड़ी राहत मिली। पुलिस कांस्टेबल सत्यप्रकाश यादव की हत्या का केस खारिज कर दिया गया है। सत्यप्रकाश की 1999 में महाराजगंज में हत्या हुई थी।

20 साल पुराने इस मामले में योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। सीबीसीआईडी ने इस मामले में फाइनल रिपोर्ट पहले ही दे दी थी, फाइनल रिपोर्ट को पिछले साल सीजेएम कोर्ट ने भी सही माना था। उसके बाद सीजेएम के आदेश को प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट में चुनौती दी गई थी। स्पेशल कोर्ट ने भी सीजेएम के आदेश को सही मानते हुए पिटीशन को खारिज कर दिया।इस आदेश के बाद सीएम योगी के खिलाफ हत्या का मुकदमा नहीं चलेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

प्रयागराज के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने गनर के मर्डर मामले में सीजेएम महाराजगंज के पुलिस की फाइनल रिपोर्ट को कायम रखने के आदेश को बरकरार रखा है। इस मामले में योगी आदित्यनाथ भी आरोपी थे। कोर्ट ने सीजेएम के आदेश के खिलाफ दाखिल रिविजन खारिज कर दिया है। कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई के बाद अपना फैसला रिजर्व कर लिया था। कोर्ट ने इसके साथ ही सीएम से ही जुड़े एक अन्य मामले में भी दाखिल रिविजन खारिज कर दी है, जिसमें सीएम वादी थे।

पहला मामला 10 फरवरी 1999 को योगी आदित्यनाथ ने महाराजगंज के कोतवाली थाने में दर्ज कराया था। जिसमें कहा गया था कि समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेताओं ने तमंचा, ईंट, पत्थर और रिवॉल्वर से लैस होकर मारपीट और कातिलाना हमला किया। इस मामले में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी। इसके बाद परिवाद दाखिल हुआ, जिसे सीजेएम महाराजगंज ने 13 मार्च 2018 को खारिज कर दिया। इस आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका दाखिल की गई थी।

Advertisement. Scroll to continue reading.

दूसरे मामले में महाराजगंज जिले के कोतवाली थाने में एसपी नेता तलत अजीज ने योगी आदित्यनाथ और अन्य के खिलाफ गनर सत्य प्रकाश की हत्या का मुकदमा 10 फरवरी 1999 को दर्ज कराया था। इस मुकदमे में पुलिस ने फाइनल रिपोर्ट लगा दी, जिसके खिलाफ तलत अजीज ने परिवाद दाखिल किया। सीजेएम महाराजगंज ने इसे भी 13 मार्च 2018 को खारिज कर दिया था। इस आदेश के खिलाफ तलत अजीज ने पुनरीक्षण यचिका दाखिल की।

इलाहाबाद के वरिष्ठ पत्रकार जेपी सिंह की रिपोर्ट.

Advertisement. Scroll to continue reading.
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement