गिरीश मालवीय-
यूपी में उपचुनाव के परिणाम से यह सिद्ध हो गया है कि यूपी की जनता बीजेपी से बहुत, बहुत और बहुत ही ज्यादा पियार करती है, और अब मुस्लिम समुदाय भी मुख्यधारा में शामिल होने को बेताब है।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव पर 23 जून को वोटिंग हुई। उस वक्त देश भर में अग्निपथ योजना का चौतरफा विरोध हो रहा था…..सेना में भर्ती के लिये लाई गई ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर युवाओं का गुस्सा चरम पर था इसको लेकर कई जगह युवा सड़क पर उतर कर उपद्रव कर रहे थे, आजमगढ़ से जुड़ी हुई बेल्ट में में भारी संख्या में युवा सेना में जाते हैं…
वही दूसरी तरफ़ पैगंबर साहब पर बीजेपी की प्रवक्ता नुपुर शर्मा के विवादित बयान देने के बाद मुस्लिम समुदाय में भारी नाराजगी थी, उप चुनाव की तारीख तक नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उग्र प्रदर्शन हो रहे थे लेकिन नुपूर शर्मा की गिरफ्तारी नहीं हो रही थी।
ऐसे में आजमगढ़ और रामपुर जो दोनो मुस्लिम बहुल क्षेत्र माने जाते है वहा चुनाव हुए, रामपुर में तो लगभग 52 प्रतिशत वोटर मुस्लिम है और कल जब परिणाम आए तो बीजेपी दोनो क्षेत्र से जीत गई।
अब कहने और सुनने के लिए क्या बाकि रहा ….क्योंकि जब यूपी मे असेंबली इलेक्शन था तब कहा जा रहा था कि कर्नाटक में हिजाब के विवाद वाले मुद्दे ने यूपी चुनाव में बीजेपी को बहुत फायदा पुहचाया लेकिन उपचुनाव में तो ऐसा कुछ नही था बल्कि मुद्दे भी बीजेपी के खिलाफ थे और सीट भी मुस्लिम बहुल थी तब भी बीजेपी जीत जाती है….
तो हमे मान ही लेना चाहिए कि यूपी की जनता बीजेपी से बहुत, बहुत और बहुत ही ज्यादा पियार करती है, और मुस्लिम समुदाय भी मुख्यधारा में शामिल होने को बेताब है।