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‘हिंदुस्तान’ में लंबे समय तक कार्यरत रहे वरिष्ठ पत्रकार नागेंद्र ले आए यह डिजिटल प्लेटफार्म

नागेंद्र

35 साल तक प्रिंट की दुनिया में काम करने के बाद वरिष्ठ पत्रकार नागेन्द्र प्रताप अब डिजिटल पत्रकारिता में हाथ आजमाने आ गए हैं। अस्सी के दशक में लखनऊ में नवजीवन से काम शुरू कर दैनिक जागरण, पाटलिपुत्र टाइम्स, प्रदीप होते हुए 1986 में पटना ‘हिंदुस्तान’ की लांचिंग टीम का हिस्सा बने और और कुछ माह पहले ही ‘हिंदुस्तान’ दिल्ली से अवकाश प्राप्त किया।

इस बीच 1996 से 2007 तक ‘हिंदुस्तान’ लखनऊ में विभिन्न पदों पर रहे। उसके बाद हिंदुस्तान के ही भागलपुर, गोरखपुर, वाराणसी और फिर दिल्ली संस्करण में स्थानीय सम्पादक रहे। नागेन्द्र जी ने अभी अभी अपने गृहनगर लखनऊ से कुछ समान सोच वाले मित्रों के साथ Yoyocial.news वेबसाइट की शुरुआत की हैं और वे इसके मैनेजिंग एडिटर हैं।

उन्होंने बताया कि “yoyocial” यूथ और सोशल का मिक्स है जो पूरी तरह यूथफुल कंटेंट के साथ खबरों और विचारों का एक समग्र पैकेज देने को प्रतिबद्ध है। यह पारम्परिक या प्रचलित अर्थों में हर खबर परोसने वाली वेबसाइट नहीं होगी, बल्कि हर बड़ी सूचना परोसते हुए, खबरों की पड़ताल के साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेगी।

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नागेंद्र जी कहते हैं- ”’आज की इस डिजिटल दुनिया में इतना कुछ है, फिर भी बहुत कुछ है, जो नहीं है। इसी बहुत सारी कमी को पूरा करने की पहल है Yoyocial.news। भारत में सत्ता एवं संस्कृति की जुगलबंदी के सबसे बड़े केन्द्रों में से एक लखनऊ से इसकी शुरुआत मीडिया के मौजूदा घिसे-पिटे ढर्रे से एकदम अलग होगी। Yoyocial.news बदलते भारत एवं उसकी नौजवान पीढ़ी की पसंद को सर्वाधिक प्राथमिकता देगा। जिसमें मनोरंजन होगा तो हर अहम घटनाक्रम का विश्लेषण भी, युवाओं के सपनों को पंख लगें इसकी खबरिया खुराक होगी तो सियासत और समाज के हर अहम पल का आईना भी होगा Yoyocial.news। यानी Yoyocial.news आज के यूथ के लिए खबरों की उसकी दुनिया को उसके अंदाज में, उसके लिए परोसने की एक बिलकुल नई-ताजातरीन कोशिश है।”

वे आगे कहते हैं- ” वेबसाइट Yoyocial.news एक ऐसी ठोस पहल है जो युवाओं की हर वह आकांक्षा पूरी करती दिखे, जो उस यूथ की तरह सोचता हो। जो उसकी धड़कनों से तालमेल करते हुए उसके साथ हमकदम हो सके। Yoyocial.news हर उस युवा की धड़कन बनना चाहेगा जो इस डिजिटल दुनिया में अपने लिए स्पेस तलाश रहे हैं। यह इंडिया में अपने तरह का पहला डिजिटल स्टार्टअप होगा जिसमें स्थानीय स्तर पर होने वाली हर वह हाइपर लोकल गतिविधि रोजमर्रा आधार पर कवर होगी जिससे यूथ खुद को जुड़ा हुआ पाता है। यहां आपके अपने शहर लखनऊ की हर धड़कन के साथ हाइपर लोकल पेज थ्री कवरेज होगा तो बॉलीवुड और टेलीविजन की चमकीली दुनिया पर ओवर द टॉप कवरेज के साथ लाइफ स्टाइल, फैशन, फ़ूड हैबिट्स और गैजेट्स ही नहीं करियर की तलाश में उसकी राह आसान करने की भी कोशिश भी होगी।”

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भड़ास4मीडिया से बातचीत में नागेंद्र जी बताते हैं- ”इन्फॉर्मेशन की दुनिया में ‘इन-डेप्थ’ खबरों पर जोर होगा, जहां खबर में सच्चाई का भरोसा दिलाने के साथ, खबरों के पीछे की खबर भी बिलकुल नए और ताजा-तरीन अंदाज में परोसी जाएगी। इसमें आपके आसपास से लेकर शहर, राज्य और देश-दुनिया की बात होगी। कोशिश यह भी होगी कि हम आम आदमी के मुद्दों, उसके सवालों पर उसकी अपेक्षा के अनुरूप बात कर सकें। Yoyocial.news की योजना यहीं तक सीमित नहीं है। हमारी योजना इसे लखनऊ से शुरू कर जल्द ही देश के अन्य प्रमुख शहरों के साथ ही दुबई, कनाडा और अमेरिका में भी पूरी मजबूती के साथ ले जाने की है। हमारी नजर उन सभी लोगों पर है, जो अपने-अपने क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं और जो हमारी इस यात्रा के सहयात्री हो सकते हैं। हम ऐसे एक्सपर्ट्स की सेवाएं लेंगे जिनकी राय आप देश-दुनिया के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जानना चाहेंगे। नजर उन छोटे दिखने वाले महत्वपूर्ण कंट्रीब्यूटरों पर भी होगी जो हमारी इस यात्रा को अपने हाइपर लोकल कंटेंट के साथ मजबूती देने में सक्षम होंगे। यह हमारे आसपास सिटीजन जर्नलिस्ट जैसे सोच की कमी को भी पूरा करने का काम करेगा। तो आइए, जुड़ते हैं एक ऐसे नए डिजिटल प्लेटफार्म से जिसका आपको लम्बे समय से इंतजार है। Yoyocial.news इसी प्लेटफार्म का नाम है।”

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  1. AP Bharati, Rudrapur, Uttarakhand

    December 23, 2019 at 7:03 pm

    मोदी राज में लगातार छंटनी जारी है. सारी कवायद खर्चा बचाने, भ्रष्टाचार खत्म करने के नाम पर की जाती है लेकिन इसका नकारात्मक परिणाम अंतत: आम जनता को भुगतना पड़ता है या फिर नौकरीपेशा को. इसी क्रम में खबर है कि राज्यसभा टीवी और लोकसभा टीवी का विलय कर एक चैनल बनाने की तैयारी मोदी सरकार ने लिया है.

    इस विलय पर आखिरी राय देने के लिए पांच सदस्यीय समिति का गठन किया गया है. इस समिति में प्रसार भारती के चेयरमैन ए. सूर्यप्रकाश और ए.ए.रॉव भी शामिल हैं.

    ज्ञात हो कि LSTV और RSTV का संचालन एक ही बिल्डिंग से की जाती है. इसलिए इनके मर्जर में कोई दिक्कत नहीं है. ये बात भी सही है कि दो चैनलों के अलग अलग संचालन के मुकाबले एक चैनल के संचालन से खर्च काफी कम हो जाएगा.

    विलय के जरिए खर्चे में कटौती तो हो जाएगी लेकिन सैकड़ों लोगों की नौकरी भी जाएगी. लोकसभा टीवी और राज्यसभा टीवी में फ्रीलांसर, एडहॉक और पे रोल पर करीब 500 लोग नौकरी कर रहे हैं. विलय के बाद 300 लोगों की नौकरी जाएगी.

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