एक बुरी खबर आ रही है। कमाल खान नहीं रहे। लखनऊ के शानदार पत्रकारों में शुमार कमाल खान लम्बे समय से एनडीटीवी में कार्यरत थे। यूपी में कमाल और एनडीटीवी एक दूसरे के पर्यायवाची थे, अगर ये कहा जाए तो ग़लत न होगा।
कमाल खान के असमय गुज़र जाने की खबर जो सुन रहा है, वो एक सदमा सा महसूस कर रहा है। ये उमर जाने की न थी। साफ़ और बेबाक़ को सलीके से कहने वाले कमाल लखनवी पत्रकारिता की मिसाल थे।
कमाल खान को दिल का दौरा आज भोर में पड़ा। सोशल मीडिया पर लोगों ने कमाल खान को अपने अपने तरीक़े से श्रद्धांजलि देना शुरू कर दिया है।
वरिष्ठ पत्रकार नवीन कुमार लिखते हैं- ‘पत्रकारिता की एक पाठशाला ठप पड़ गई। कहन की एक काव्यशैली बिला गई। एनडीटीवी के कमाल खान हमारे बीच नहीं रहे। यह भारी शोक का समय है। श्रद्धांजलि।’
वरिष्ठ पत्रकार रामदत्त त्रिपाठी कहते हैं- ‘ईश्वर से प्रार्थना है कोई चमत्कार हो जाये और मेरे दोस्त, सहयोगी छोटे भाई कमाल खान का हृदय फिर से धड़कने लगे . वह जितने शानदार इंसान हैं उतने ही शानदार पत्रकार.’
लखनऊ के जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता दीपक कबीर कहते हैं- ‘कमाल खान के इंतक़ाल की सूचना लखनऊ की सबसे बुरी खबर है!’
लखनऊ के वरिष्ठ पत्रकार नवेद शिकोह जानकारी देते हैं-
‘एनडीटीवी के कमाल ख़ान का इंतेकाल.. एनडीटीवी के जाने-पहचाने वरिष्ठ पत्रकार कमाल ख़ान नहीं रहे। लखनऊ के बटलर पैलेस स्थित उनके आवास में आज सुबह तड़के हार्ट अटैक पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। क़रीब दो दशक से अधिक समय से बतौर यूपी चीफ वो एनडीए से जुड़े थे। टीवी पत्रकारिता है पहले वो लखनऊ के तमाम अंग्रेजी-हिन्दी अखबारों में काम कर चुके थे। कमाल खान साहब की पत्नी रुचि कुमार इंडिया टीवी में राजनीतिक संपादक हैं। देश-दुनिया के चहेते कमाल ख़ान ने वाकई कमाल की पत्रकारिता से अपनी अलग पहचान बनाई। उनकी जैसी जुबान की मिठास,शब्दों का चयन, उच्चारण और आकर्षक स्क्रिप्ट शायद ही किसी टीवी पत्रकार के पास हो। बतौर एंकर यदि रविश कुमार एनडीटीवी के हीरा हैं तो कमाल पत्रकार के रूप में इस चैनल के जवाहरात थे। किसी भी न्यूज़ पैकेज में उनका पीटीसी(पीस टू कैमरा) देखकर टीवी दर्शकों की आंखें टीवी स्क्रीन से जड़ जाती थीं। खुदा को भी शायद कमाल भाई की जुबान, लहजा, अल्फ़ाज़, स्क्रिप्ट, निष्पक्षता और अदायगी पसंद आ गई, और वक्त से पहले उन्हें बुला लिया। इन्ना लिल्लाही व इन्ना इलैही राजिऊन!’
Sanjog Walter
January 14, 2022 at 10:33 am
#कमालखान सर को कई में कई साल से जानता था वो अक्सर बड़ी जुबली के पास दिख जाते थे स्कूटर चलाते हुए। फिर उनसे मुलाकात हुई ,बड़े दिन पर कई साल तक वो मेरे घर आते रहे थे । एस एस न्यूज़ हो या आज तक से जुड़ने के बाद भी उनसे सम्पर्क बना रहा। आज तक छूटने के बाद उन्होंने कई खबरें मुझसे करवाई #NDTVIndia के लिए अक्टूबर 2015 तक। हर महीने उनका फोन आता था दफ्तर आइये चेक आ गया है आपका। मेरी बीमारी के बाद 3 जनवरी 2021 तक उनसे राब्ता बना रहा।
आज यह हैरान करने वाली ख़बर मिली। कल्याण सिंह भाजपा छोड़कर ट्रेन से चारबाग रेलवे स्टेशन पहुंचें थे। पीटीसी के लिए वो तैयार थे,तभी मैने कहा सर दाग का गाना आज की पंच लाइन है
कमाल खान सर ने कहा बताइये। ( कभी तुम शब्द का इस्तेमाल उन्होंने नहीं किया ) वो गाना उस दिन की पंच लाइन बना। कहने के लिए बहुत कुछ है पर मन नहीं कर रहा था। बीती रात जब कई महीनों के बाद टीवी खोला पर कमाल सर थे और सुबह …..
Jeelani khan Alig
January 14, 2022 at 10:34 am
Best of the best…. His script and style of presentation was so lucknawi that there used to be a desire to kp watching continously but unfortunately cant….he was like an elder brother… inspiration for those who want to be best in this profession… Never refused to share his views especially on political matters albeit with a condition to not write his name.. May God him a suitable place in jannat… Will always miss you brother…