Yashwant Singh : पिछले दिनों मैं बनारस गया हुआ था तो दिल्ली वापसी के वास्ते ट्रेन पकड़ने के लिए एक मित्र की बाइक पर सवार होकर स्टेशन की तरफ जा रहा था. भेलूपुर और रथयात्रा चौराहे के बीच पहुंचा तो देखा कि अचानक सड़क पर जाम लगने लगा है. थोड़ा आगे बढ़ने पर पता चला कि तंग गलियों-पतली सड़कों के लिए कुख्यात बनारस की इस मुख्य सड़क के दाहिने हिस्से पर संघियों का कब्जा हो चुका था. यूं लंबा रेला था. लाठी कंधे पर रखे संघी कार्यकर्ता पथ संचलन या पद संचलन, जो भी होता हो, कर रहे थे. लंबी लाइन और यूं सड़क कब्जा कर शक्ति प्रदर्शन करते देखकर अचानक मेरे मुंह से निकल गया- वाह… क्या बात है, ग़ज़ब. अगर दिल्ली या किसी शहर में किसान मजूर अपनी बात रखने के लिए प्रदर्शन करने आते हैं और सड़क जाम हो जाता है तो यही संघी कहते फिरते हैं कि ऐसे जनजीवन ठप कर देना ठीक नहीं होता, कितनी परेशानी होती है सबको, कोई बीमार व्यक्ति जाम में फंस जाएगा तो क्या करेगा.. ब्ला ब्ला ब्ला.
यशवंत सिंह
पर जब संघ के भाइसाहब लोगों को ही रोड कब्जाकर शक्ति प्रदर्शन करते देखा तो माथा ठनक गया. पर उपदेश कुशल बहुतेरे. अरे भाई सबको पता है कि देश में आपकी सरकार चल रही है. आपके चहेते मोदी जी प्रधानमंत्री हैं. आप लोग इस समय फुल फार्म में हैं. आप जो चाहें कर करा सकते हैं. आप सरहद से लेकर साइकोलाजी तक को बदल देने पर आमादा हैं. पर यह सब समझाने बताने के लिए आपको पीक आवर में भीड़ भरे सड़क पर पूरी की पूरी आधी सड़क कब्जाने की क्यों जरूरत है. थोड़ा तो खयाल करते हम सैलानियों का जिन्हें ट्रेन बस फ्लाइट पकड़ने के लिए जाना था. मैं बाइक पर था इसलिए जाम के कारण मुझे कोई खास दिक्कत नहीं हुई लेकिन जो दूसरी तरफ के साथी थे, जिस तरफ संघ के लोग लाइन लगाए पैदल मार्च आन किए जा रहे थे, उन्हें काफी भुगतना पड़ा. आप भी देखिए संघी भाइसाहब लोगों का काशी में शक्ति प्रदर्शन का दृश्य. यह वीडियो मैंने बाइक पर पीछे बैठे बैठे ही मोबाइल आन करके बना लिया था. इस लिंक पर क्लिक करें: http://goo.gl/cRQrjX
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नसीबलाल ने 4 ₹ तक पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए। अब भक्तों ये मत कहना कि इंटरनेशनल दाम से तय होते हैं नेशनल प्राइस। जब पेट्रो प्रोडक्ट्स के दाम आधे से कम हुए थे तब नसीबलाल ने दाम कम करने की जगह कई सारे टैक्स लगा कर पेट्रोल का पैसा विकसवा के नाम पर पीने लगे थे। पता नहीं वो टैक्स हटे या नहीं। लेकिन दाम कई बार और अबकी खूब बढ़ गए। नसीबलाल के राज में बदनसीब बन चुकी जनता को जो जो न झेलना पड़ जाए। सुना है बचवा विकसवा आजकल कॉरपोरेट भईया लोगों के किलेनुमा घरों में कैद होकर हरे-भरे लॉन में झूला झूलते हुए वो सारे लॉलीपॉप चूस रहा है जिसे इलेक्शन के दिनों में फेकू भाईसाब जनता जनार्दन को दूर-दूर से दिखा कर चुनाव बाद जीतने पर विकसवा के हाथों चहुँपाने का वादा करके धर लिए थे 🙂
भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह के फेसबुक वॉल से. संपर्क: [email protected]
RAJKUMAR
May 2, 2015 at 12:05 pm
yasvant bhai vidio me to koi jam nahi dikhai de rahah h lagta h ki sangh ki takat ko dekh kar aap ki budhi jarur jam ho gai h, is me aap ka koi dos nahi h komredo ki mansikta hi aisi ho ti h vo achhiai dekhana hi nahi chahte,