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नवभारत छत्तीसगढ़ कर रहा अपने कर्मचारियों के साथ छलावा

भले ही नवभारत छत्तीसगढ़ नियमित कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान देने का दावा करता हो लेकिन यह आधी सच्चाई है। दरअसल कर्मचारियों के साथ मजीठिया वेतनमान के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। नवभारत छत्तीसगढ़ को नवभारत रायपुर प्रेस व रामगोपाल इन्वेस्टमेन्टर्स प्रा. लि. नामक कंपनी संचालित करती है जिसके मालिक समीर माहेश्वरी हैं। हालांकि कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और उनका हर संभव सहयोग में नवभारत अव्वल नंबर का समाचार पत्र संस्थान है, अन्य समाचार पत्र संस्थानों को इससे सीख लेनी चाहिए। इसी कारण इसे लोग सरकारी प्रेस कहते हैं। लेकिन बनियावाद की दौड़ में अब नवभारत भी शामिल हो गया है और कर्मचारियों का हर संभव शोषण कर रहा है।

<p>भले ही नवभारत छत्तीसगढ़ नियमित कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान देने का दावा करता हो लेकिन यह आधी सच्चाई है। दरअसल कर्मचारियों के साथ मजीठिया वेतनमान के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। नवभारत छत्तीसगढ़ को नवभारत रायपुर प्रेस व रामगोपाल इन्वेस्टमेन्टर्स प्रा. लि. नामक कंपनी संचालित करती है जिसके मालिक समीर माहेश्वरी हैं। हालांकि कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और उनका हर संभव सहयोग में नवभारत अव्वल नंबर का समाचार पत्र संस्थान है, अन्य समाचार पत्र संस्थानों को इससे सीख लेनी चाहिए। इसी कारण इसे लोग सरकारी प्रेस कहते हैं। लेकिन बनियावाद की दौड़ में अब नवभारत भी शामिल हो गया है और कर्मचारियों का हर संभव शोषण कर रहा है।</p>

भले ही नवभारत छत्तीसगढ़ नियमित कर्मचारियों को मजीठिया वेतनमान देने का दावा करता हो लेकिन यह आधी सच्चाई है। दरअसल कर्मचारियों के साथ मजीठिया वेतनमान के नाम पर धोखाधड़ी की जा रही है। नवभारत छत्तीसगढ़ को नवभारत रायपुर प्रेस व रामगोपाल इन्वेस्टमेन्टर्स प्रा. लि. नामक कंपनी संचालित करती है जिसके मालिक समीर माहेश्वरी हैं। हालांकि कर्मचारियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार करने और उनका हर संभव सहयोग में नवभारत अव्वल नंबर का समाचार पत्र संस्थान है, अन्य समाचार पत्र संस्थानों को इससे सीख लेनी चाहिए। इसी कारण इसे लोग सरकारी प्रेस कहते हैं। लेकिन बनियावाद की दौड़ में अब नवभारत भी शामिल हो गया है और कर्मचारियों का हर संभव शोषण कर रहा है।

जुलाई 2013 से नवभारत रायपुर ने सभी नियमित कर्मचारियों को आधा-अधूरा मजीठिया वेतनमान देने लगा जिससे जिन कर्मचारियों का वेतन 15 हजार था वह बढ़कर 23 से 25 हजार हो गया लेकिन किसी कंपनी को मजीठिया वेतनमान ना देता देख उक्त संस्थान ने भी उल्टी गणित लगाते हुए उनका वेतन 12 से 13 हजार कर दिया। जिसका कारण मजीठिया वेतनमान की गलत गणना बताया गया। अब कर्मचारी हड़ताल किए तो लेबर कोर्ट से स्टे ला दिया। तब से कर्मचारी हड़ताल भी नहीं कर पाते, अरे जनबा जब तक घोषित तौर पर हड़ताल नहीं होती तब तक कोर्ट भी स्टे नहीं दे सकता। हां हड़ताल करने का और भी तरीका है कि दो-चार काॅपी छापे उसके बाद मषीन बंद काम बंद। हड़ताल भी नहीं काम भी नहीं।

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नवभारत रायपुर का टर्न ओवर 20 करोड़ और बिलासपुर का 10 करोड़ है। रामगोपाल इन्वेस्टमेन्टर्स प्रा. लि. को भी मिला लिया जाए तो यह आंकड़ा 60 करोड़ रूपए से ऊपर जाता है। इस हिसाब से नवभारत प्रेस चतुर्थ श्रेणी का अखबार है लेकिन वेतन गणना अंतिम श्रेणी में भी नहीं की जा रही है। यदि नवभारत रायपुर कंपनी के हिसाब से भी गणना की जाए तो पांचवी श्रेणी का अखबार आता है जिसमें अंतिम बेसिक सैलरी 16400 रूपए है। फिर भी हम गणना आठवीं श्रेणी के अंतिम पे स्केल की करें तो-

बेसिक 10500 रूपए
वेरिएबल पे 2100 रूपए           बेसिक का 20 प्रतिशत (चार्ट अनुसार)
डीयरनेस एलांउस (डीए )        6825 रूपए         बेसिक का 65 प्रतिशत 
(1 जनवरी 2014 से जून 2014 की गणना)

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जुलाई 2014 से दिसंबर 2014 तक का डीए 73 प्रतिषत
डीयरनेस एलांउस (डीए ) 7665 रूपए          

हाउस रेंट- 2520 रूपए       (बेसिक $ वेरियवल पे का 20 प्रतिशत)

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मकान किराया एक्स शहर के लिए बेसिक का 30 प्रतिशत, वाई शहर के लिए 20 प्रतिशत और जेड श्रेणी के शहर के लिए 10 प्रतिशत निर्धारित है।
कौन सा शहर किस श्रेणी का है इसका निर्धारण मजीठिया वेज बोर्ड की अनुशंसा में दिया हुआ है।

ट्रास्टपोर्ट एलाउंस 1260 रूपए     (बेसिक $ वेरियवल पे का 10 प्रतिशत)
ट्रास्टपोर्ट एलाउंस एक्स शहर के लिए बेसिक का 20 प्रतिषत, वाई शहर के लिए 10 प्रतिशत और जेड श्रेणी के शहर के लिए 5 प्रतिशत निर्धारित है।

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मेडिकल एलांउस    500 रूपए
मेडिकल एलाउंस वर्ग 1 व 2 के अखबारों के लिए लिए 1000 और 3 व 4 श्रेणी के अखबारों के लिए 500 रूपए निर्धारित है।

नाइट एलाउंस     1500 रूपए   50 रूपए प्रतिदिन
वर्ग 1 व 2 के अखबारों के लिए लिए 100 रूपए प्रतिदिन और 3 व 4 श्रेणी के लिए 75 रूपए व अन्य श्रेणी के अखबारों में कार्यरत कर्मचारियों को 50 रूपए प्रतिदिन निर्धारित है।

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कनवेन्स 1749 रूपए बेसिक का 16.66 प्रतिशत

इस तरह कुल न्यूनत वेतन 35459 रूपए हुआ। जो मजीठिया वेतन बोर्ड का न्यूनतम वेतनमान है। इसमें यदि 12.36 प्रतिषत पीएफ भी काटा जाए तो 4383 रूपए कटेगे तो भी वेतन 31076 रूपए बनेगा। लेकिन कर्मचारी गणना नहीं जानते इसलिए उन्हें मजीठिया के नाम पर उल्टा सीधा पढ़ाया जा रहा है।

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एक कर्मचारी द्वारा भेजे गए पत्र पर आधारित.

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0 Comments

  1. Paresh

    October 30, 2014 at 6:46 am

    union ke kaaran NAVABHARAT Karmiyo ko jo mila vo Bhaskar , Naidunia , Patrika , Haribhoomi jaise baniye samachar patro ke dabav me Navabharat Vapas lene par aamada hai , sabhi press ke karmchariyo ko ekjut hone kee jarurat hai .

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