रवीश कुमार-
पत्रकार नवीन कुमार LNJP में भर्ती हैं। उनका वीडियो देखा हूँ। लगता है उनकी हालत काफ़ी ख़राब है। दिल्ली सरकार से अपील है कि नवीन की हालत पर ध्यान दें। हम समझते हैं कि डॉक्टरों पर इस वक्त बहुत बोझ है। फिर भी उनका मनोबल बढ़ाए ताकि नवीन जल्दी ठीक हो सके।
यशवंत सिंह-
मेरे प्यारे मित्र और आर्टकिल19इंडिया YouTube चैनल के संस्थापक भाई Navin Kumar जी अस्पताल में भर्ती हैं। उनसे अभी चैट पर बात हुई। उनके जल्द रिकवर करने की प्रार्थना करता हूँ। आप सब भी उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करें।
सेहतयाब होकर आते ही नवीन भाई के साथ एक दिन खाना पकाना होगा। वो बहुत शानदार मनुष्य के साथ साथ दोस्तों-यारों के लिए बेहतरीन कुक भी हैं। उनके आवास पर उनके हाथ का पका खाने का मुझे भी सौभाग्य मिला है। विश्वास है खाने-गाने की पार्टी जल्द रिपीट करेंगे हम लोग।
अश्विनी कुमार श्रीवास्तव-
देश के जाने माने पत्रकार Navin Kumar का एक वीडियो खूब वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ दिनों पहले कोरोना का शिकार होने के बाद नवीन ने बेहद दयनीय स्वास्थ्य के बावजूद पत्रकारिता धर्म निभाते हुए एक संदेश दिया है. नवीन फिलहाल अस्पताल में भर्ती जरूर हैं मगर अपने मजबूत आत्मबल से वह बहुत जल्द स्वस्थ हो जाएंगे, इसका मुझे यकीन है.
नवीन से मेरी पहली मुलाकात दिल्ली में साल 2000 में आईआईएमसी में रिटेन क्लियर करने के बाद इंटरव्यू के दौरान हुई थी. फिर साथ में पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू करने से पहले ही बैच के छह सात लोगों ने मिलकर तीन कमरों का एक फ्लैट मुनिरका में किराए पर लिया था, जिसमें नवीन भी थे. वहां रूम और इंस्टीट्यूट में लगातार साथ रहने के कारण हम सभी लोगों के बीच एक परिवार के जैसा रिश्ता आपस में बरसों बना रहा.
लगभग रोजाना ही देर रात या सुबह तक जेएनयू के गंगा ढाबे पर बैठना हो या रोजाना किसी न किसी के कमरे पर होने वाली दावत हो, हम सभी ने बरसों तक एक साथ एक परिवार की तरह सुख दुख साझा किए हैं.
नौकरी मिलने के बाद आर्थिक रूप से सक्षम होने के बाद धीमे धीमे सभी ने अपनी अपनी रिहाइश जरूर बदल दी थी लेकिन लगभग पूरा बैच वहीं जेएनयू या आईआईएमसी के आसपास वॉकिंग डिस्टेंस पर ही बरसों तक रहा. कई तो अभी भी वहीं ही रह रहे हैं. कुल मिलाकर यह कि आईआईएमसी और जेएनयू से जुड़े हम सब लोग अगर एक परिवार की तरह थे तो जेएनयू और आईआईएमसी कैंपस व उसके आसपास का इलाका हमारा गली मोहल्ला था.
उसी दौरान तमाम अन्य लोगों के साथ साथ नवीन के साथ भी मैंने जेएनयू में आइसा और जसम से जुड़कर कई सांस्कृतिक व राजनीतिक गतिविधियों में भाग लिया. ओपन थियेटर में हमने एक स्ट्रीट प्ले बुद्ध की वापसी किया, जिसमें नवीन ही बुद्ध बने थे और मैं उनका प्रिय शिष्य आनंद. वह पूरा प्ले बुद्ध का आनंद के साथ प्रश्नोत्तर रूपी संवाद पर आधारित था, जिसमें हमारे बैच के कई और लोग भी अहम भूमिका में थे.
अपनी व नवीन की युवावस्था से ही एक परिवार के सदस्य की तरह बरसों तक नवीन साथ रहे हैं इसलिए मेरी यादों के पिटारे में तो नवीन के लिए ऐसा बहुत कुछ है, जो मैं लिखना शुरू करूंगा तो पूरी एक किताब लिखनी पड़ जाएगी. इसलिए यहां बस इतना ही लिखूंगा कि नवीन हमारे बैच के कई जबरदस्त प्रतिभाशाली लोगों में से एक रहे हैं. पत्रकारिता के प्रति उनका समर्पण, जुनून और समझ देश के बड़े से बड़े पत्रकार से टक्कर लेने की हैसियत रखती है.
पत्रकारिता की पढ़ाई शुरू होते ही नवीन ने हमारी क्लास, रूम में साथियों के बीच होने वाली बहस या कैंपस आदि में होने वाली चर्चा या कार्यक्रमों में लगातार अपने वही तेवर दिखाने शुरू कर दिए थे, जिसके लिए आज वह पूरे देश में जाने और पसंद किए जाते हैं. समाचारों को पढ़ने की नवीन की अनूठी और बेहद लोकप्रिय शैली ने तो कई न्यूज चैनल में फर्जी नवीन तैयार कर दिए हैं, जिसे सुनकर कई बार तो मैं खुद कंफ्यूज हो जाता हूं कि कहीं यह नवीन की ही आवाज तो नहीं है.
नवीन की स्क्रिप्ट तो खैर लोगों के रोंगटे खड़े कर ही देती है.
नवीन जैसे लोग अगर पत्रकारिता में न हों तो पत्रकार और चारण भांट में अंतर करना ही मुश्किल हो जाएगा. नीचे कमेंट में मैं नवीन के वायरल वीडियो का लिंक डाल रहा हूं. आप भी उसे सुनिए और समझिए कि आखिर नवीन किस चीज के लिए लड़ रहे हैं. इसी पोस्ट में अपनी और नवीन की वह फोटो भी मैं डाल रहा हूं, जिसमें बुद्ध और आनंद बने हम दोनों चर्चा कर रहे हैं. एक फोटो आईआईएमसी कैंपस की भी है, जिसमें नवीन के साथ हम कुछ और बैचमेट भी हैं.
अंत में आईआईएमसी के उन्हीं दिनों के अंदाज में यही कहना चाहूंगा कि साथी नवीन , कोरोना से भी आपको उसी जुझारूपन से लड़ना है, जैसे आप अभी तक पत्रकारिता के लिए लड़ते आए हैं… हम सब एक परिवार की तरह आज भी आपके साथ हैं….
नवीन के वायरल video का लिंक-