नवीन पांडेय 21 साल से प्रिंट मीडिया में है. उन्हें सबसे बुरा अनुभव अमर उजाला में झेलना पड़ा. उन्हें यहां फुटबाल बना दिया गया. कभी यहां तो कभी वहां फेंका गया. फिर भी वे निराश फ्रस्टेट होने की बजाय जहां जिम्मेदारी दी गई, वहीं तन मन से लग गए. वे सहारनपुर के ब्यूरो चीफ थे. पर उन्होंने परसों इस्तीफा दे दिया. सूत्रों का कहना है कि उनके इस्तीफे के पीछे अमर उजाला के मेरठ संस्करण में तैनात एक डीएनई है जिसने वहां के संपादक राजेंद्र त्रिपाठी के लगातार कान भरे और गलत भ्रामक सूचनाएं दीं.
बताया जाता है कि नवीन पांडेय को अमर उजाला में शुरुआती दौर से ही फुटबॉल बनाया गया. पहले देहरादून यूनिट में ज्वाइंनिंग मिली तो नए आए संपादक संजय अभिज्ञान ने कह दिया कि देहरादून में चीफ रिपोर्टर, चीफ सब एडिटर की पोस्ट नहीं है. ये अगस्त अंतिम सप्ताह 2019 की बात है. नवीन ने एचआर से बात की. फिर देहरादून यूनिट से कहा गया कि आप को बताया जाएगा.
नवीन हरिद्वार अपने घर आ गए. बाद में एचआर का फोन आया कि आप नोएडा उदय कुमार से जाकर मिल लीजिए.
पंजाब केसरी समूह जालंधर के अखबार नवोदय टाइॅम्स के हरिद्वार ब्यूरो चीफ पद से इस्तीफा दे चुके नवीन पांडेय खुद को छला और दुखी महसूस कर रहे थे. वे उदय कुमार से मिले. उन्हें कहा गया कि मेरठ के संपादक राजेन्द्र त्रिपाठी से मिल लीजिए. करीब बीस दिन तक मेरठ में रखे जाने के बाद नवीन को सहारनपुर ब्यूरो चीफ बनाकर भेजा गया.
हालांकि नवीन दैनिक जागरण जैसे संस्थान में कई साल ब्यूरो चीफ रहे, सीनियर सब एडिटर के तौर पर. पंजाब केसरी समूह जालंधर के अखबार नवोदय टाइम्स में ब्यूरो चीफ रहे. पूर्व में लखनऊ से जर्नलिज्म करने के बाद वे उत्तराखंड आए. उन्होंने अमर उजाला मेरठ यूनिट के अधीन सहारनपुर ब्यूरो चीफ का पद स्वीकार किया. करीब साल भर वे ब्यूरो चीफ रहे. साल भर के नवीन के सहारनपुर ब्यूरो के कार्यकाल में सकुर्लेशन, विज्ञापन, खबरें, रीडर कनेक्ट जबरदस्त रहा.
नवीन का कहना है कि कंपनी को स्वतंत्र रूप से उनके खिलाफ पूरे साजिश की जांच करानी चाहिए. उनके पास साजिश के प्रमाण हैं. मेरठ के संपादक राजेन्द्र त्रिपाठी को मेरे प्रति जान बूझकर गलत और भ्रामक तथ्य डेस्क प्रभारी और डीएनई ब्रजेश चौहान सहित कुछ अन्य लोगों की तरफ से प्रस्तुत किए गए. इस पूरे प्रकरण में साजिश के भागीदार बनने वालों की जांच होनी चाहिए।
BHAKT MOHAN PUN
July 1, 2020 at 12:30 pm
now amar ujala become non professionally managed company. independent investigation is a joke in amar ujala. actually this news paper company is now managed by incompetent peoples. very soon this company will shut or will open for sale due to its poor management and owner.