अबे ओए..उतार करीना ससुरी को…
आ गई खबर मोरे बाप…
का बे…?
डेढ़ सौ बच्चो हलाक ..
कहां बे..?
अऊर कहां पाकिस्तान में. बे…
सच्चे..?
अऊर का झुट्ठे…ई देख….पीटीआई का फ्लैश आवा है…
ई साले कटुए ना सुधरेंगे कब्बो..
अबे चला..चला ..ब्रेकिंग न्यूज चला…
फुल्ल्ल स्क्रीन प्लेट….डेढ़ सौ बच्चे हलाक…
विजुअल नहीं है अभी तक,,
अमां नेट से निकाल,स्टिल…मरे बच्चे
के पहचानी बे,…मयानमार वाला ले ले..बच्चे तो बच्चे..
अबे टाइम्स नाऊ को काट…वूका मिल गवा है विजुअल…
…..
सर चला दिया.
मुंह का ताक रहा है बे..?
एंकर बदल…फीमेल एंकर भेज..
किसको,,?
स्वाति को भेज…
आवाज का माड्यूलेशन अच्छा करती है..
नौटकीबाज है.पूरी….
धुर्र बे…पक्की छिनाल है …बॉस की..
बोलना सेंटी लुक दे…खेलती रहे दस मिनट तक…
और सुन…बोलना कि बाल थोड़ा बिखेर ले,
ई नाही कि मॉडल बनकर पहुंचे..
पार्लियामेंट से लाइव ले…राहुलवा होगा वहां पर
अऊर सुन
दुई चार मौलाना को फोनों पर ले,.
पाकिस्तान का मामला है…
एक आध गो कटुआ तो चाही ना
और इनपुट को बोल,, पैनल सेट करे..छह बजे लाइव डिस्कशन….
एक दुई ठो संघी भी सेट करे..
मुल्ला संघी भिड़ेंगे तब्बै ना मजा आई…
सर..एक मेल एंकर भी चाहिए, स्वाति अकेले संबाल ना पाएगी
तो हैदर को भेज..मुसल्लों का मामला है ….
वो सही रहेगा….
फ्रेम काट बे..
चल,..
अब..?
अब का बे..?
दिन भर खेलेंगे इस पर..
हां सर कल भी खेल चलेगा,,
चलो..बाहर
सुट्टा मार कर आते हैं…
सर आप तो बस गजैबे हैं..
अऊर का बे..इत्ते साल टीवी में काम किया है..पिछल्ला खूंटे पर थोड़े रगड़े हैं बे…
वरिष्ठ पत्रकार Sumant Bhattacharya के फेसबुक वॉल से.
शिवेंद्र मोहन सिंह
December 19, 2014 at 6:47 am
हा हा हा नब्ज पकड़ी है चैनल वालों की। बहुत खूब बहुत खूब जीयो राजा। 😆 😆 😆
tariq
December 19, 2014 at 1:31 pm
Kya baat hai apne ye Jo likha hai sach hai सारे पादरियों-पंडितों-मौलवियों से दो टूक
मैं सारे पादरियों-पंडितों-मौलवियों से पूछना चाहता हूँ कि किसी को लोभ-लालच देकर अथवा ज़ोर-ज़बर्दस्ती करके धर्म में शामिल कराना हो तो तुम्हारी जवानी जाग उठती है, लेकिन जो लोग तुम्हारे धर्मों की सरेआम धज्जियाँ उड़ा रहे हैं, बमों-बारूदों से इंसानियत के परखच्चे उड़ा रहे हैं, दुनिया भर में बेगुनाहों की हत्याएँ कर रहे हैं, उन्हें धर्म से बाहर का रास्ता दिखाने में तुम्हारी नानी क्यों मर जाती है?
पाकिस्तान में सैकड़ों मासूम बच्चों की हत्या करने वाले आतंकवादी क्या इस्लाम का अनुसरण कर रहे हैं? क्या कोई धर्म मासूम बच्चों की हत्याएँ करने, स्कूलों को तबाह करने की इजाज़त दे सकता है? अगर नहीं, तो क्यों नहीं दुनिया भर के मुसलमान एक सुर में ऐसे पापियों और हैवानों को इस्लाम से बाहर करने और उनके किसी भी धार्मिक अनुष्ठान में शामिल होने अथवा किसी भी धार्मिक फोरम पर उनकी उपस्थिति को रोकने का एलान करते हैं?
ग़रीबों को लोभ-लालच देकर और मजबूरों पर ज़ोर-ज़बर्दस्ती करके उन्हें धर्म में शामिल कराने की घटनाएँ तो आए दिन होती रहती हैं, लेकिन आज तक मैंने नहीं सुना कि हिन्दुओं ने, मुसलमानों ने, ईसाइयों ने- किसी ने भी अपनी-अपनी कौम के हैवानों, हत्यारों, पापियों, आतंकवादियों को धर्म से बाहर का रास्ता दिखाकर धर्म के तमाम अनुष्ठानों और मंचों पर उनके प्रवेश और उपस्थिति पर पाबंदी लगा दी हो। मैं पूछना चाहता हूँ कि ऐसे वक़्त में सारे फतवा-बहादुरों की फ़ौज चूहे के किन बिलों में घुस जाती है?
ओसामा बिन लादेन मुसलमान था या शैतान था? बगदादी और हाफिज सईद जैसे लोग इस्लाम की इज़्ज़त बढ़ा रहे हैं या इसकी नाक कटाने वाले नालायक हैं? ISIS, तहरीक ए तालिबान, लश्कर ए तैयबा जैसे राक्षसी संगठनों से किस धर्म की ध्वजा फहरा सकती है?
कट्टर… दकियानूसी… पुरातनपंथी… अनपढ़… अवैज्ञानिक… राक्षस… पापी… हैवान कहीं के! मासूम बच्चों की हत्याएं करते हो? डूब मरो। चुल्लू भर पानी में। तुम्हें जन्नत में हूरें मिलेंगी? अभागो… पापियों… हैवानो… कमीनो… हर जनम में तुम्हें जहन्नुम की सबसे गंदी नालियों के सबसे बजबजाते हुए कीड़े नसीब होंगे। तुम लोग किसी भी धर्म में, समाज में, देश में, दुनिया में रहने के लिए डिज़र्व नहीं करते हो।
vijay
December 21, 2014 at 4:23 pm
क्यों मनगढ़ंत लिखते हो भाई…… माना कि चैनल वालों ने बड़ी गंद फैलाई है, लेकिन उनके मुंह पर कालिख पोतने के चक्कर में अपनी फजीहत क्यों करा रहे हो. पेशावर वाली घटना में 150 बच्चे हलाक होने की खबर एकदम से फ्लैश नहीं हो गई थी. यह दिन में 11 बजे के लगभग सभी चैनलों पर दिखनी शुरू हुई थी और मौतों का आंकड़ा 8-10 से शुरू होकर देर रात में 141 के पास पहुंचा था. विजुअल्स भी तकरीबन सभी के पास एक साथ ही पहुंच रहे थे, जो कि पाकिस्तानी चैनलों के थे.
किसी की गलत तस्वीर पेश करने के लिए तस्वीर से छेड़छाड़ भी उतना ही गलत है दोस्त. (…और हां, ये सटायर भी है, तो बेहूदा है.)