लखनऊ में फिर एक ऐसा कांड हो गया है जिसमें कार्रवाई को लेकर पुलिस बल का बल ढीला पड़ जा रहा है. लगता है ये कांड भी सीएम सोशल मीडिया सेल के युवा कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड कांड की तरह दब कर रह जाएगा और पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल पाएगा.
लखनऊ में एक रात अंबानी के चैनल न्यूज18 के रिपोर्टर अजीत सिंह के बेटे अपनी बड़ी गाड़ी दौड़ाते हुए एक युवक को कुचलते हुए घसीट दिया. बताया जाता है कि अजीत के पुत्र नशे की हालत में थे. उनके पास काफी पैसा भी था. रुपयों का थैला था. पुत्र ने कांड करने, यानि एक बाइक सवार युवक को घसीट कर मार डालने के बाद वहां आए पुलिस वालों को हड़काया और अपने बाप की फोटो दिखाया जिसमें वे सीएम के साथ खड़े हैं.
पुलिस वाले समझ गए कि मामला हाई प्रोफाइल है इसलिए इसमें कुछ करना ठीक न होगा. थोड़ी ही देर में सीएम आफिस से भी लोगों ने पुलिस पर दबाव डालना शुरू कर दिया. नतीजा ये हुआ कि नेटवर्क18 के पत्रकार अजित सिंह के नशेड़ी और खूनी सुपुत्र बाइज्जत घर भेज दिए गए. दुर्घटना का एक ऐसा ढीला ढाला केस दर्ज कर लिया गया जिसमें आरोपी किसी अज्ञात को बना दिया गया है. चूंकि मामला सत्ता से बेहद नजदीकी रखने वाले एक मीडिया वाले से जुड़ा था, इसलिए बाकी मीडिया वालों को भी सांप सूंघ गया. हर ओर चहुं ओर सन्नाटा ही सन्नाटा.
इस बीच, मरने वाले युवक के कुछ परिचित लोगों ने सिंधु महासभा तक ये खबर पहुंचाई. मृत युवक सिंधी था. इसलिए सिंधु महासभा नामक जातीय संगठन ने अपने बैनर से सीएम योगी को एक पत्र भेजा है जिसमें पूरे वारदात के बारे में विस्तार से बताया गया है. देखें पूरा पत्र-
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