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डेढ़ साल पहले लांच हुआ जिंदल का चैनल ‘फोकस हरियाणा’ बंद, मीडिया कर्मियों ने विरोध जताया

नोएडा : आखिरकार, हरियाणा का एक और चैनल तालाबंदी का शिकार हो गया है। उद्योगपति एवं कांग्रेसी नवीन जिंदल के ‘फोकस हरियाणा’ पर ताला लटक गया है। कल से यह चैनल ऑफ एयर हो गया है। इसके बाद चैनल के कर्मी स्टूडियो में विरोध पर बैठ गए। बिना पूर्व सूचना के नोटिस दिए बगैर काम काज बंद कर दिए जाने से कर्मियों में भारी रोष है।  

चैनल में तालाबंदी के खिलाफ स्टूडियो में जमा होकर विरोध जताते मीडिया कर्मी

नोएडा : आखिरकार, हरियाणा का एक और चैनल तालाबंदी का शिकार हो गया है। उद्योगपति एवं कांग्रेसी नवीन जिंदल के ‘फोकस हरियाणा’ पर ताला लटक गया है। कल से यह चैनल ऑफ एयर हो गया है। इसके बाद चैनल के कर्मी स्टूडियो में विरोध पर बैठ गए। बिना पूर्व सूचना के नोटिस दिए बगैर काम काज बंद कर दिए जाने से कर्मियों में भारी रोष है।  

चैनल में तालाबंदी के खिलाफ स्टूडियो में जमा होकर विरोध जताते मीडिया कर्मी

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दरअसल काफी समय से इस चैनल के भविष्य को लेकर कयास ही लगाए जा रहे थे, लेकिन अब सब कुछ सामने आ गया है। प्रबंधन अब इस चैनल को और आगे चलाने के मूड में नहीं था। इसलिए चैनल को बंद करने का निर्णय ले लिया गया है। चैनल के एडिटर इन चीफ रितेश लक्खी ने भी फेसबुक पर इसकी जानकारी दे दी है। 

जी समूह के मालिक सुभाष चंद्रा से विवाद के बाद ही नवीन जिंदल ने न्यूज चैनल के कारोबार में उतरने का मन बनाया था। तब पूर्व केंद्रीय मंत्री मतंग सिंह के फोकस समूह के चैनल्स से सौदेबाजी हुई और जिंदल न्यूज चैनल के कारोबार में उतर गए। हालांकि मतंग सिंह का अपनी पत्नी मनोरंजना सिंह से चैनल को लेकर विवाद चल ही रहा था। शुरूआत से ही रितेश लक्खी को चैनल की कमान सौंपी गई। इस दौरान डेस्क और फील्ड पर भी मजबूत टीम का गठन हुआ। मेरे भी कुछ नजदीकी मित्र चैनल के साथ जुड़े और इसे आगे बढ़ाने के लिए मजबूती से काम किया। हरियाणा में एक अलग पहचान भी इस चैनल ने बनाई।  

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हालांकि कुप्रबंधन का शिकार यह चैनल लगातार रहा। जिस तरह की खबरें अब निकलकर सामने आ रही हैं, उनसे तो यही लगता है। कुछ सो काल्ड लोगों ने चैनल को जमकर लूटा, चाहे वह चुनाव का समय रहा हो या बाद का। ऐसे में चैनल को तो बंद होना ही था। बीच में एक और कांग्रेसी नेता का भी नाम सामने आया था कि वे फोकस चैनल को खरीदने जा रहे हैं, लेकिन यह बात सच नहीं निकली। दरअसल सबने सोचा होगा जब जिंदल जैसा उद्योगपति इसे नहीं चला पाया तो फिर उनकी क्या औकात। 

मीडिया बाजार में काफी समय से फोकस हरियाणा के भविष्य को लेकर चर्चाएं चल रही थीं। वह चर्चाएं आज सच साबित हुई। बताते हैं कि आज शाम प्रबंधन के आला अधिकारियों की मालिकान के साथ बैठक हुई। जिसमें चैनल को बंद करने का निर्णय लिया गया। रितेश लक्खी ने तो बाकायदा फेसबुक पर चैनल पर ताला लगने की घोषणा कर दी है। लक्खी की भी किस्मत देखिए, एक बार फोकस हरियाणा को छोड़कर ई टीवी चले गए थे, लेकिन वहां दाल नहीं गली तो फिर वापस फोकस में आ गए थे। अब देखते हैं कौन सा नया ठिकाना ढूंढते हैं। खैर चैनल बंद होने से जिन साथियों का रोजगार छिना है, उसके लिए दुख है। हालांकि यह सबके लिए नहीं है क्योंकि कुछ ने इसे लूटा भी है।

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लेखक दीपक खोखर से संपर्क : 09991680040

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0 Comments

  1. da

    July 1, 2015 at 5:54 am

    sa

  2. शुभचिंतक

    July 1, 2015 at 1:26 pm

    प्रिये एडिटर,

    आपके द्वारा अपलोड की गए उपरोक्त फोटोज में मुझे तो कोई विरोध जताता हुआ नहीं लगा.. बल्कि ऐसा लग रहा है की किसी से जोक सुनाया हो और सामने बैठी सभी महिलाये और पुरुष ठहाके लगा रहे है ..जैसे ११/२ साल बाद ऐसा मौका मिला है की जो करना है करो कोई पूछने वाला नहीं है …..

  3. deepak khokhar

    July 1, 2015 at 4:51 pm

    और अब सुना है कि रितेश लक्खी ने अपनी नौकरी बचाकर हरियाणा के बाकी संवाददाताओं की नौकरी ले ली है। दरअसल प्रदेश भर के संवाददाताओं की नौकरी का सौदा लक्खी ने कर लिया है। इसी के साथ उन्होंने अपने कुछ चहेतों को भी साथ रख लिया है। इसे कहते हैं सही मायने में दलाली।

  4. R.K.SHARMA

    July 16, 2015 at 3:18 am

    लेखक मित्र आप PK हैं क्या। क्यों झूठा प्रचार करते हैं आप। मैं भी यही काम करता था। जहाँ के फोटों आपने भेजे हैं और जिसने जानकारी दी है गलत दी है। पहली बात तो हम चुटकुले गाने गीत और अपना अनुभव बता रहे थे। कोई विरोध नहीं कर रहे थे। दूसरी बात ये की हमें हटाया गया तो हमें अड्वान्स में 4 महीने की सेलरी भी दी गयी। रही बात रितेश जी की वो खुद चैनल को छोड़ PU के नोदेशक ( पत्रकारिता विभाग) बन गए हैं। उनकी नोकरी बचाने का सवाल ही रहता है। हरियाणा में एक भी स्ट्रिंगर रिपोटर को नहीं हटाया गया है। लगता है इस चैनल में आपकी दाल नहीं गली होगी कभी। यही वजह है की इतनी कुंठा में हो की बिना आधार गलत बात लिखी है आपने। ऐसे में वेबसाइट प्रबंधन को ऐसे लेखकों से बचने की जरूरत है।

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