Connect with us

Hi, what are you looking for?

उत्तर प्रदेश

क्या धीरेंद्र सिंह एनआरएचएम घोटाले के ह्विसल ब्लोवर नहीं हैं?

पिछले दिनों भड़ास पर खबर छपी कि एनआरएचएम घोटाले के ह्विसल ब्लोअर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी धीरेंद्र सिंह ने सीबीआई डायरेक्टर और अमर उजाला के मालिक राजुल माहेश्वरी को पत्र लिखकर खुद को प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया. धीरेंद्र का आरोप है कि अमर उजाला पीलीभीत के दो पत्रकार उनके खिलाफ दुर्भावना से खबर छाप रहे हैं. भड़ास में धीरेंद्र से संबंधित छपी खबर पर बरेली से पत्रकार निर्मलकांत शुक्ला ने एक रिपोर्ट भड़ास में प्रकाशन के लिए भेजा है जिसमें धीरेंद्र सिंह को ही कठघरे में खड़ा कर दिया गया है. निर्मलकांत शुक्ला ने ये रिपोर्ट खुद लिखी है या उन्हें अमर उजाला पीलीभीत के उन दो पत्रकारों ने मुहैया कराई है जिन पर धीरेंद्र सिंह का आरोप है, यह बात फिलहाल स्पष्ट नहीं है. उम्मीद करते हैं कि निर्मलकांत शुक्ला इसे अगली पोस्ट में स्पष्ट करेंगे. नीचे निर्मलकांत शुक्ला की भेजी खबर के उन महत्वपूर्ण अंशों को प्रकाशित किया जा रहा है जिसमें धीरेंद्र पर तथ्यों के साथ आरोप लगाया गया है. धीरेंद्र सिंह इन आरोपों पर अपना जवाब ज्योंही भेजेंगे, उसे भी प्रकाशित किया जाएगा.

-यशवंत, एडिटर, भड़ास4मीडिया

Advertisement. Scroll to continue reading.

पीलीभीत से लखनऊ तक स्वास्थ्य विभाग के लिए सिरदर्द बन गया निलंबित एचईओ धीरेंद्र सिंह

निर्मलकांत शुक्ला

1- धीरेंद्र सिंह ने सीबीआई डायरेक्टर को एक पत्र भेजकर दावा किया है कि उनके द्वारा उत्तर प्रदेश में एनआरएचएम घोटाले का पर्दाफाश किए जाने से विभाग के लोग उनके पीछे पड़ गए हैं, जिसमें तमाम अधिकारी संलिप्त हैं, उनकी हत्या करा देना चाहते हैं। साथ ही उन्होंने अमर उजाला अखबार के दो पत्रकारों पर उनके खिलाफ दुर्भावनावश फर्जी खबरें छापने का आरोप लगाते हुए अमर उजाला के मालिक को भी पत्र लिखा है। इस प्रकरण पर विभागीय अफसरों का कहना है कि धीरेंद्र का यह कदम मात्र अधिकारियों और पत्रकारों पर दबाव बनाने के लिए एक दुष्प्रचार है। धीरेंद्र की किसी शिकायत या जनहित याचिका पर एनआरएचएम घोटाले की जांच नहीं हो रही है। उस याचिका को कुछ और लोगों ने अदालत में दाखिल किया था।

Advertisement. Scroll to continue reading.

2- करीब 4 साल पहले जनपद से स्थानांतरित और उसके बाद निलंबित स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र सिंह पूरे स्वास्थ्य महकमे के लिए एक बड़ा सिरदर्द बन गया है। इस कर्मचारी ने ना तो जिला चिकित्सालय परिसर का सरकारी आवास खाली किया है और ना ही बिजली व आवास किराये की लाखों की बकाया की अदायगी की है। अब मामला उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद बड़े अधिकारी सरकारी देयकों की वसूली और आवास को खाली कराने के लिए संजीदा हुए हैं। अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल ने पूरे मामले में पत्रावली तलब कर ली है, जिससे मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ है।

3- जनपद में स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी के पद पर तैनात रहे तृतीय श्रेणी कर्मचारी धीरेंद्र चंद्र सिंह का वर्ष 2015 में प्रशासनिक आधार पर जनपद रामपुर के लिए स्थानांतरण कर दिया गया था, उनको उस समय तैनात रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बिना प्रतिस्थानी का इंतजार किए एक तरफा रिलीव भी कर दिया लेकिन इस कर्मचारी ने जनपद रामपुर में ज्वाइन नहीं किया, तब लंबे अरसे तक स्थानांतरण आदेश का अनुपालन कर ज्वाइन ना करने पर 7 जून 2016 को धीरेंद्र चंद्र सिंह को अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल ने निलंबित कर दिया। तब इस कर्मचारी ने 24 जून 2016 को जनपद रामपुर जाकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अपना योगदान दिया। कर्मचारी को अपर निदेशक ने निलंबन के दौरान अपने कार्यालय से संबद्ध रखा लेकिन धीरेंद्र चंद्र सिंह अपर निदेशक मुरादाबाद कार्यालय से संबद्ध होने के बाद भी वहां नहीं गए। ना उन्होंने जिला चिकित्सालय परिसर में डॉक्टरों के लिए बने आवासीय भवन में आवंटित आवास को खाली किया।

Advertisement. Scroll to continue reading.

4- तृतीय श्रेणी कर्मचारी की हठधर्मी को शासन ने बेहद गंभीरता से लिया। तब विभागीय अफसर सरकारी आवास खाली कराने, बकाया वसूली करने, सरकारी फाइलों को कब्जे में लेने को लेकर संजीदा हुए। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीमा अग्रवाल ने जिला क्षय रोग अधिकारी कार्यालय के प्रधान सहायक नाहिद खान सीएमओ कार्यालय के प्रधान सहायक राजेश कुमार व कनिष्ठ सहायक लाखन सिंह को नोटिस जारी कर कहां है कि वह जनपद से स्थानांतरित वह निलंबित स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र चंद्र सिंह के पास मौजूद न्यायालय के बाद संबंधी पत्रावलियों का तत्काल पूरा विवरण उपलब्ध कराएं ताकि अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल को अवगत कराया जा सके।

5- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीमा अग्रवाल ने जिला चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को पत्र भेजकर कहा है कि जनपद पीलीभीत से रामपुर स्थानांतरित व निलंबित होने के बाद अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल कार्यालय से संबद्ध स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र चंद्र सिंह के जिला चिकित्सालय के टाइप- 4 आवास में रहने के दौरान उन पर देय विद्युत बकाया, अवैध विद्युत प्रयोग करने पर देयता का आगणन कर अवगत कराया जाए ताकि बकाया के आगणन से अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल को अवगत कराया जा सके।

Advertisement. Scroll to continue reading.

6- मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. सीमा अग्रवाल ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के अवर अभियंता विश्राम सिंह को पत्र देकर कहा है कि जनपद पीलीभीत से वर्ष 2015 में रामपुर स्थानांतरित व वर्ष 2016 में निलंबित होने के बाद अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल कार्यालय से संबद्ध स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी धीरेंद्र चंद्र सिंह के जिला चिकित्सालय के टाइप- 4 आवास में रहने का अब तक का किराया मानक दर के अनुसार निर्धारित कर उसका आगणन तत्काल वसूली के लिए उपलब्ध कराएं ताकि वस्तुस्थिति से अपर निदेशक मुरादाबाद मंडल को अवगत कराया जा सके।

बरेली से पत्रकार निर्मलकांत शुक्ला की रिपोर्ट.

Advertisement. Scroll to continue reading.

पूरे प्रकरण को समझने के लिए इस खबर को जरूर पढ़ें-

एनआरएचएम स्कैम उजागर करने वाले अधिकारी के पीछे पड़ गए अमर उजाला के पत्रकार!

आगे पढ़िए धीरेंद्र सिंह का जवाब-

Advertisement. Scroll to continue reading.

NRHM घोटालेबाजों के मददगार बने अमर उजाला पीलीभीत के पत्रकारों के ‘झूठ’ का बिंदुवार जवाब

https://www.facebook.com/bhadasmedia/videos/491489041700672/
Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement