बनारस में जनसंदेश टाइम्स कर्मियों को वेतन नहीं दिये जाने और उत्पीड़न के मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए संबंधित अथार्टी (प्रशासन) को कड़ी कार्रवाई कर रिपोर्ट देने को कहा है। प्रशासन को कृत कार्रवाई की सूचना शिकायतकर्ता को भी देने का निर्देश जारी किया गया है। महीनों से वेतन नहीं देने और उसके लिए आवाज उठाने पर प्रबंधन द्वारा प्रताडि़त किये जाने के संबंध में मिली शिकायत (172302/सीआर/2014) को गंभीरता से लेते हुए एक दिसंबर को राष्टृीय मानवाधिकार आयोग द्वारा जारी आदेश में प्रशासन को इस संबंध में आठ सप्ताह के अंदर कार्रवाई कर रिपोर्ट देनी है।
यह जनसंदेश कर्मियों की बहुत बड़ी जीत के रूप में देखी जा रही है। किसी समाचार पत्र संस्थान में कर्मचारियों के उत्पीड़न मामले को लेकर किसी संवैधानिक संस्था द्वारा इतना त्वरित निर्णय लेने का संभवत: यह पहला मामला है। इस मामले में केन्द्रीय श्रम मंत्रालय भी राज्य के प्रमुख सचिव श्रम को कर्मचारियों को न्याय दिलाने के लिए कार्रवाई कर रिपोर्ट देने का निर्देश दे चुका है। गौरतलब है कि जनसंदेश टाइम्स प्रबंधन इस समय हिटलरशाही पर उतर गया है। कर्मचारियों को कई महीनों से तनख्वाह नहीं दी गयी है। पीएफ का पैसा भी मार्च के बाद नहीं जमा किया गया है। इसके बावजूद कर्मचारियों पर रौब गांठी जा रही है। यदि किसी ने वेतन मांगने की भूल कर दी तो अगले दिन उसे बिना बकाया अदा किये बाहर होने का फरमान सुना दिया जा रहा है। अखबार में न कोई नियम है और न कोई कानून। दर्जनों कर्मी पूर्व में कोई सूचना दिये बिना काम से रोक दिये गये। उनका कई माह का बकाया वेतन भी नहीं दिया गया। अब वे अपने बकाये वेतन के लिए रोज आफिस की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उनसे कोई सीधे मुंह बात तक नहीं कर रहा है। तीन नवंबर को रोहनियां स्थित प्रेस अचानक बंद कर दिया गया। दर्जनों गरीब कर्मी एक झटके में सड़क पर आ गये। अब वे कर्मी न्याय के लिए श्रम कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं।
ssc
December 10, 2014 at 5:27 am
shree times lucknow me bhi patrakar shram vibhag aur manvadhikar me jane ka man bana rahe hai, yaha bhi kai logo ko paisa 2 mahino se paise ke darshan nahi hue hai, koi paise mange to uski kamiya dikhayi jati hai.