किसान आंदोलन से सहमी मोदी सरकार अब इसे कवर करने वाले पत्रकारों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
किसान मोर्चे की विज्ञप्ति के अनुसार, आंदोलन को कवर कर कर रहे पंजाब के 12 पत्रकारों को केंद्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने नोटिस भेजा है।
नोटिस में उनसे पूछ ताछ करने के लिए दिल्ली बुलाया गया है।
इनमें पत्रकार बलतेज पन्नू (पटियाला), जसवीर सिंह (श्री मुक्तसर साहिब), मनदीप सिंह सिद्धू (दीप सिद्धू के भाई), परमजीत सिंह अकाली (अमृतसर), नोबलजीत सिंह (होशियारपुर), जंग सिंह (लुधियाना), प्रदीप सिंह (लुधियाना), सुरिंदर सिंह ठिक्रीवाला (बरनाला), पलविंदर सिंह (अमरकोट), न्यायाधीश इंद्रपाल सिंह (लुधियाना), रणजीत सिंह दमदमी मिंट (अमृतसर), और करनैल सिंह दसूहा (होशियारपुर) का नाम शामिल है।
उल्लेखनीय है कि कारपोरेट मीडिया में किसान आंदोलन को कम से कम दिखाए जाने और सरकार के पक्ष में माहौल बनाए जाने के प्रयासों के बावजूद छोटे मीडिया हाउस, यूट्यूब चैनल और सोशल मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों की बदौलत ख़बरें गांव गांव तक पहुंच रही हैं।
अभी तक नौ दौर की बातचीत होने के बावजूद सरकार ने समझौते के कोई संकेत नहीं दिए हैं। किसान संगठनों ने 17 तारीख़ को मीटिंग कर 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर मार्च के बारे में पुख़्ता घोषणा करने की बात कही है।
हालांकि इस बीच 19 जनवरी को सरकार और किसान नेताओं के बीच दसवें दौर की वार्ता होनी है लेकिन क़रीब 53 दिनों से इस कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली के बॉर्डर पर जमे किसानों का हौसला बुलंद है।