झांसी। राजकीय संग्रहालय, झांसी सभागार में 17 दिसंबर 2014 को स्वर्गीय रामेश्वर दयाल त्रिपाठी नन्ना की स्मृति में स्थापित रामेश्वरम हिंदी पत्रकारिता पुरस्कार का ग्यारहवां सम्मान समारोह प्रख्यात पत्रकार और एडीटर्स गिल्ड के सदस्य एनके सिंह एवं वरिष्ठ पत्रकार कैलाशचंद्र जैन की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ बुदेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अविनाश चंद्र पाण्डेय ने स्व. रामेश्वर दयाल त्रिपाठी के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन करके किया।
समारोह के विशिष्ट अतिथि पूर्व मंत्री ओमप्रकाश रिछारिया, हरगोविंद कुशवाहा, डीएलए के संपादक बंशीधर मिश्र, नरोत्तम स्वामी, विष्णुदत्त स्वामी, एमएल चतुर्वेदी, भूपेंद्र हांडा रहे। मंचस्थ अतिथियों का संस्थान के पदाधिकारियों डा. सुधीर त्रिपाठी, उमेश शुक्ल, वीरेंद्र शर्मा, शफीक अहमद मुन्ना, सुरेश भार्गव, सजय बबेले, प्रतीक चौरसिया, राजीव त्रिपाठी, राहुल शुक्ला, राजेश राय, शिवकेश दुबे,जाकिर, मुकेश अग्रवाल, मनोज गुप्ता, बलवान सिंह, डा. अरूण पटैरिया, डा. फुरकान मलिक. डा. असद अहमद ने पुष्प गुच्छ भेंटकर स्वागत किया।
समारोह को संबोधित करते हुए डा. सुधांशु त्रिपाठी ने पिछले दस वर्षों से दिए जा रहे पुरस्कारों और संस्था की स्थापना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पत्रकारिता के समक्ष पेश आ रही चुनौतियों का भी उल्लेख किया। संस्थान के कार्यकारी निदेशक डा. इकबाल खान ने अतिथियों का स्वागत करते हुए वर्ष 2014 का राष्ट्रीय स्तर का रामेश्वरम हिंदी पत्रकारिता पुरस्कार हिंदुस्तान, नई दिल्ली के प्रमुख संवाददाता निर्मल यादव को देने की घोषणा की। अतिथियांे ने 11 हजार रूपये का नगद पुरस्कार और प्रशस्तिपत्र निर्मल यादव को प्रदान किया। यादव ने पुरस्कार की राशि एचआईवी पीड़ित बच्चों के हितार्थ देने का ऐलान किया। इसी अवसर पर झासंी के वरिष्ठ पत्रकारों कामरेड हरेंद्र सक्सेना, रामसेवक अड़जरिया, रामकुमार साहू, को शाल, श्रीफल और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रख्यात पत्रकार एनके सिंह ने कहा कि भारतीय समाज ही नहीं वरन पूरी दुनिया के लिए नई मीडिया ने उम्मीद की नई ज्योति जगाई है। तकनीकी फैलाव से पुष्ट हुई इस विधा से यह उम्मीद दिखाई दे रही है कि पत्रकारिता पर धन्नासेठों का कोई दबाव नहीं रहेगा। जो लोग पत्रकारिता को लोकपरक बनाना चाहते हैं उनके लिए इंटरनेट महत्वपूर्ण हथियार साबित होगा। उन्होंने पत्रकारिता जगत में समय.समय पर उपजी पेड न्यूज जैसी बुराइयों, विसंगतियों और विदू्रपताओं का भी विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरनेट और न्यू मीडिया के प्रयोग के तौर.तरीकों और उसके परिणामों का भी जिक्र किया।
बुंदेलखंड विश्वविद्याालय के कुलपति प्रो. अविनाश चंद्र पाण्डेय ने कहा कि पत्रकारिता में बहुत दमखम है। बाजारवाद से मुक्त होकर यह अब भी अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और भाषाई संतुलन बनाए हुए है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पत्रकार आने वाले समय में भी समाज को आईना दिखाते रहेंगे। सम्मानित हुए पत्रकार निर्मल यादव ने जोशभरे लहजे में कहा कि पत्रकारिता की भावी पीढ़ी अपनी चुनौतियों के संबंध में सतर्क है। पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल है। पत्रकारिता सत्य का कारोबार है। सिर्फ इतना ध्यान रखना होगा कि हम अपनी लक्ष्मण रेखा का उल्लंघन न करें। बुंदेलखंड के सम्मानित पत्रकारों हरेंद्र सक्सेना, रामसेवक अड़जरिया, रामकुमार साहू ने कहा कि सम्मान मिलने से उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्होंने आगे और प्रखरता से जन सरोकारों की पैरोकारी का संकल्प व्यक्त किया।
विशिष्ट अतिथि ओमप्रकाश रिछारिया, हरगोविंद कुशवाहा, पत्रकार बंशीधर मिश्र, कैलाशचंद्र जैन ने पत्रकारिता के मौजूदा हालात और जनता में उनके संबंध में उठने वालो सवालों का जिक्र किया। इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता शमीम राज की पोती माहेरश राज ने दो गीत सुनाए। उसे कुलपति प्रो. पाण्डेय ने पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया। इस कार्यक्रम के अंत में पाकिस्तान में बीते रोज स्कूली बच्चों पर हुए आतंकी हमले को जघन्यतम घटना करार दिया गया। सभी ने दो मिनट मौन रहकर मृतकों को श्रद्धांजलि दी। इस समारोह में रामप्रकाश अग्रवाल, श्यामाकांत पाराशर, साबिर अंसारी, सलिल रिछारिया, सरला भदौरिया, सरोज त्रिपाठी. डा. कमलेश शर्मा, अभिषेक तिवारी, रमेश मौर्य, हरनारायण मिश्र, स्वामी प्रसाद शर्मा, देवेंद्र घोष. बलवान सिंह यादव. राजीव जैन समेत अनेक लोग उपस्थित रहे। संचालन वरिष्ठ पत्रकार प्रवीण जैन ने किया। अंत में सुरेंद्र सक्सेना ने आभार व्यक्त किया।
SHANKAR JALAN
December 18, 2014 at 11:11 am
SUBH KAMNA
pankaj yadav
December 19, 2014 at 7:24 am
Congratulations to Nirmal bhai and all others.