हे परमात्मा !! जिसका अंदेशा था, वही हुआ. स्टिंग के नाम पर ‘उगाही’ को उद्योग बनाने वाला टेलीविजन चैनल वह है जिसको मैने भी अपने पसीने से सींचा था. दिल्ली नर्सिंग होम फोरम के सदर डाक्टर सी एम भगत ने जब मुझे बताया कि यह गंदा धंधा करने वाला चैनल “न्यूज नेशन” है और उसके खिलाफ एफआईआर ही नहीं हुई वरन ब्राडकास्ट यूनियन से भी चैनल के धतकरमों की शिकायत की गयी है, तब मेरे तो पैरों तले जमीन ही खिसक गयी.
यह भी पता चला कि जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गयी है. पुराने आईओ को भी हटा दिया गया है. एक भरोसेमंद सूत्र ने तो यहां तक बताया कि मामले की पूरी फाइल गृह मंत्री राजनाथ सिंह की टेबल पर पहंच चुकी है. मित्रों मैं सकते में हूं. जब पत्रकारिता जीवन शुरू किया था तो एक जुनून था और इसका भरपूर आनंद भी लिया. लेकिन भयानक गिरावट आयी है, यह मानता हूं, पेड मीडिया भी देखता चला आया हूं पर जो सुना कि मीडिया सीधे ‘धन उगाही’ ब्लैकमेलिंग पर उतर आया, यह मेरे लिए कल्पनातीत था.
‘आपरेशन जोक’ में किस तरह से पैसे उगाहे गए, इसका कच्चा चिट्ठा मुझे मिल चुका है. पर मैं इस स्थिति में खुद को नहीं पा रहा हूं कि लिख सकूं. मेरी उंगलियां इसलिए कांप रही हैं कि जो नाम इसमें आ रहे हैं उनसे मुझे सपने में भी ऐसे कुकृत्य की उम्मीद नहीं की थी. मुझे संभलने दीजिए. सब बताऊंगा मित्रों. यह वह जानकारी होगी जो सभी को हिला कर रख देगी.
वरिष्ठ खेल पत्रकार पदमपति शर्मा की रिपोर्ट.
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‘न्यूज नेशन’ उगाही कथा (2) : This channel, its reporters and stingers are extorting money (पढ़िए शिकायती पत्र)
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‘न्यूज नेशन’ उगाही कथा (3) : स्टिंग से बाहर करने की एवज में भुगतान चेक से किया गया
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umesh shukla
June 5, 2015 at 10:16 am
padmpati sharmaji aapko badhai.. aap ne Electronic Media ka mauzuda asal chehara ujagar karane ka kaam kiya.