एक बड़ी खबर एक नेशनल न्यूज चैनल को लेकर आ रही है. पता चला है कि एक नए लांच हुए नेशनल न्यूज चैनल में यादव सिंह का पैसा लगा है. यादव सिंह ने अपनी पत्नी के माध्यम से अपनी काली कमाई के एक हिस्से को रियल स्टेट में लगाया तो कुछ हिस्सा इस नए नेशनल न्यूज चैनल में इनवेस्ट किया. कहा जा रहा है कि यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता इस चैनल में निदेशक या किसी अन्य भूमिका में हैं. चर्चा है कि यादव सिंह ने जानबूझ कर इस चैनल में अपनी पत्नी को सक्रिय किया ताकि वह खुद मीडिया की नजरों से बचा रहे. यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता से पूछताछ चल रही है. आरोपी नेशनल न्यूज चैनल पर भी छापा पड़ सकता है और यहां के एसेट जब्त किए जा सकते हैं.
यादव सिंह ने अपनी अरबों की काली कमाई से यूपी सरकार और नौकरशाही को अपनी जेब में कर रखा था. यादव सिंह के खिलाफत करने की हैसियत यूपी सरकार के किसी मंत्री से लेकर नौकरशाह तक की नहीं थी. यादव सिंह ने मीडिया की नजरों से स्वयं को दूर बनाए रखने के लिए एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल में करोड़ों रूपए का निवेश किया. पिछले वर्ष शुरू हुआ यह चैनल राष्ट्रीय और उत्तर प्रदेश में प्रादेशिक स्तर पर शीर्ष निजी समाचार चैनलों में स्थान रखता है. इस चैनल के संचालकों की टीम में यादव सिंह की पत्नी भी सक्रिय हैं. इस चैनल के कर्ताधर्ता कौन हैं, इसको लेकर लंबे समय तक मीडिया जगत में रहस्य बना रहा क्योंकि जो लोग फ्रंट पर दिखते रहे, वह असली चैनल मालिक नहीं बताए गए. ऐसे में मीडिया का एक हिस्सा इस नेशनल न्यूज चैनल को काले धन की उपज भी शुरू से मानता रहा है. पर सच्चाई पर से परदा अब हटना शुरू हुआ है. कहा जा रहा है कि देर सबेर इस चैनल पर भी गाज गिरेगी और इसे जब्त किया जा सकता है.
उधर, आयकर विभाग की छापेमारी के बाद सुर्खियों में आए उत्तर प्रदेश की नोएडा अथॉरिटी के इंजीनियर इन चीफ यादव सिंह और उसकी अरबों की काली संपत्ति पर यूपी सरकार का रवैया भले ही अभी तक नरम रहा हो, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ब्लैकमनी पर बनी एसआईटी ने शनिवार को इस मामले में दखल दे दिया है. एसआईटी के निर्देश पर आईटी और सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (सीबीडीटी) यादव सिंह और उसके करीबियों के खिलाफ जांच में मिल रहे तथ्यों को प्रवर्तन निदेशालय के साथ साझा करेगी.
ब्लैकमनी एसआईटी के चेयरमैन रिटार्यड जस्टिस एमबी शाह और वाइस चेयरमैन रिटायर्ड जस्टिस अरजित पसायत ने लखनऊ में यादव सिंह के खिलाफ जांच का नेतृत्व कर रही सीबीडीटी की चेयरमैन अनीता कपूर और आईटी डीजी कृष्णा सैनी को निर्देश दिया है कि वह जांच में सामने आ रहे तथ्यों की जानकारी को प्रवर्तन निदेशालय के निदेशक के साथ साझा करें जिससे प्रवर्तन निदेशालय यादव सिंह व उसके सहयोगियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ कर कार्रवाई कर सके. इस पूरे मामले में ब्लैक मनी एसआईटी की दखलंदाजी ने यूपी में सियासी गरमी एकबार फिर बढ़ा दी है. अब तक यादव सिंह मामले से ईडी की दूरी को लेकर सुरक्षित महसूस कर रहे यूपी के कई राजनेताओं और नौकरशाहों को एसआईटी की सक्रियता से झटका लगा है.
Avner
December 9, 2014 at 6:22 am
This channel looks so dull.
santosh singh
December 9, 2014 at 1:35 pm
maxsimam channel ka yhi hal hai sata aur power ke aar me kali kamini ko chhipana.
avishek
December 9, 2014 at 4:33 pm
Ya to hona hi tha yeshu companey ko turant band hona chaiya.aaj ke dor me media me hi logo ka jada sohan hai.
k.k.mishra
December 10, 2014 at 6:56 am
Yese channel ko to sarkar ko chahiye ki tatkal parbhav me chanch kar sil kar japt karle….