नोएडा पुलिस की पोल ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने खोली है। वैसे भी अगर पुलिस वाले पुलिस वालों की पोल न खोलें तो इस महाभ्रष्ट विभाग की पोलपट्टी तक बाहर न आए। पहले मीडिया वाले वर्दीधारियों की असली खबरें लिखते थे लेकिन बदले वक्त में अखबारों-चैनलों के पत्रकार हर एक अफ़सर व नेता की चाकरी करने लगे हैं।
इसलिए अब पुलिस की पोल पुलिस वालों की आपसी उँगलबाज़ी के चलते ही बाहर आ पाती है। नोएडा और ग़ाज़ियाबाद पुलिस के बीच अदावत की पुरानी कहानी है। पहले भी इन दो ज़िलों के पुलिस अफ़सरों के झगड़ों में बहुत सारा माल मैटेरियल बाहर आया था। इस बार भी सनसनीख़ेज़ खुलासे सामने आए हैं।
ताज़ा प्रकरण को अख़बारों ने विस्तार से छापा है। पढ़ें पूरी कहानी-
इस बीच, पुलिस कमिश्नर नोएडा आलोक सिंह ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए आरोपी पुलिस वालों की बर्खास्तगी के लिए जांच प्रक्रिया शुरू करा दी है. अगर ये जांच में दोषी पाए गए तो इन्हें नौकरी से निकाला जाएगा.
पुलिस उपायुक्त (अपराध) ने आरोपी पुलिस वालों को पत्र भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए कहा है… आरोपियों की सूची ये है-
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इस प्रकरण से संबंधित छपी खबरों की कटिंग को शेयर करते हुए वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार फेसबुक पर लिखते हैं- ”चोरों का करियर इतना लंबा होता है, पता नहीं था। बारह साल से यह गिरोह एटीएम से पैसे उड़ा रहा था। कई राज्यों में जाकर अपराध करता था। चोरों ने पुलिस की चोरी की पोल खोल दी है। वह दिन आ गया है जब चोर पुलिस को पकड़ेंगे। पुलिस का पीछा करेंगे। उनके पास गाड़ी होगी। 420 पर कॉल करते ही चोर पुलिस को पकड़ने आ जाएँगे।”