नोएडा पुलिस का पागलपन किसी लोकतांत्रिक देश में, जहां कानून के और संविधान के अनुपालन की अवधारणा हो, किसी पुलिस कप्तान के खिलाफ खबरें चलाने पर पत्रकारों को गिरफ्तार कर उन पर गैंगस्टर लगाने की अनुमति किसी को नहीं दी जा सकती। ये तो पुलिस द्वारा किया गया बौद्धिक एनकाउंटर है। दरअसल कुछ लोग शासन सत्ता के चहेते अधिकारी होते हैं जो अपने को स्वम्भू सर्वशक्तिमान मान लेते हैं और उन्हें अपनी आलोचना व खबरों का आईना पसंद नहीं होता है तो वे कानून की मनमानी व्याख्या करके कानून का ही मखौल उड़ने लगते हैं। ऐसा ही मामला नोयडा का सामने आया है।
क्या न्यूज़ पोर्टल चलना गैरकानूनी है? क्या अख़बार प्रकाशित करना देशद्रोह है? क्या पुलिस और पुलिस अधिकारियों के काले कारनामें प्रकाशित करना अपराध है? क्या कहीं प्रकाशित सूचना, खबर को फेसबुक व्हाट्सअप पर शेयर करना अपराध है? क्या शेयर करने वाला गिरोहबंद है? कम से कम नोयडा पुलिस इसे गैंगेस्टर एक्ट का अपराध मानती है। नोएडा में चार पत्रकारों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इनमें से एक लखनऊ का पत्रकार है। पुलिस का कहना है कि इन्हें एक्सटॉर्शन के मामले में धरा गया है। इनकी गिरफ्तारी गाज़ियाबाद, लखनऊ और ग्रेटर नोएडा से की गयी है। पुलिस ने गौतमबुद्ध नगर के कासना थाने में एफआईआर संख्या 08 06 /23 -08 -2019 समय 18.06 घंटे पर दर्ज़ की है। यह एफआईआर थाना बीटा के थानाध्यक्ष द्वारा मैखिक रूप से बोलकर थाना कासना में दर्ज़ कराई गयी है।
गिरफ्तार चार पत्रकारों के नाम हैं चंदन रॉय, नीतीश पांडेय, सुशील पंडित और उदित गोयल। पांचवां पत्रकार रमन ठाकुर फरार है, जिनकी पुलिस तलाश कर रही है। गिरफ्तार किए गए पत्रकारों पर गैंगस्टर लगाया गया है। पत्रकार चंदन राय पर पहले से कोई भी मुकदमा नहीं है। बावजूद इसके इन पर भी गैंगस्टर लगाया गया है। चंदन राय ग़ाज़ीपुर जिले के रहने वाले हैं। चंदन रॉय पुलिसमीडियान्यूज डाट काम चलाते हैं। इनका पोर्टल खोलने पर पुलिस के पक्ष में 80 फीसदी से ज़्यादा सूचनात्मक और सकारात्मक खबरें दिख रही हैं।
नीतीश पांडेय पुलिसन्यूजयूपी डाट काम चलाते हैं। इनके पोर्टल में भी पुलिस के पक्ष में 90 फीसद से ज़्यादा सूचनात्मक और सकारात्मक खबरें दिख रही हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की पुलिसिया आयोजन से पोर्टल भरा हुआ है।
सुशील पंडित सनसनीइंडिया डाट काम पोर्टल चलाते हैं और पैनी नज़र नाम से अख़बार निकालते हैं। पोर्टल में सामान्य खबरों के अलावा नोएडा पुलिस के कारनामों पर विजुअल्स हैं। पैनी खबर के वेबसाइट पर कोई खबर नहीं दिख रही है। आरोप है कि रमन ठाकुर व उदित गोयल के द्वारा उपरोक्त तीनों न्यूज पोर्टल पर चलाए जाने वाले खबरों को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे वाहट्सएप, फेसबुक, ट्वीटर आदि पर प्रचारित एवं प्रसारित किया जाता है।
गलत खबर या भ्रामक खबर चलने पर संबंधित अधिकारी या मंत्री या नागरिक, जिसकी भी मानहानि होती है, सबसे पहले नोटिस देकर खबर का खंडन करने को कहता है। ऐसा न करने पर फौज़दारी या दीवानी मुकदमा कायम किया जाता है। यहां न कोई नोटिस दी गयी न खबर का खंडन भेजा गया न मानहानि का फौजदारी/दीवानी मुकदमा कायम कराया गया। किसी अधिकारी को स्वतः ऐसा करने का अधिकार उनकी सेवा नियमावली में नहीं दिया गया है। इसके लिए उन्हें संबंधित राज्य/केंद्र सरकार से अनुमति लेनी पड़ती है जो अत्यंत मुश्किल से मिलती है। इसलिए इसमें पुलिसिया रास्ता अपनाया गया और इनमें से तीन पत्रकारों, सुशील पंडित, उदित गोयल और रमन ठाकुर पर पूर्व के केवल एक एफआईआर के आधार पर गैंगेस्टर एक्ट का मुकदमा कायम करा दिया गया है ताकि जल्दी ज़मानत न हो सके।
देखें नोएडा पुलिस द्वारा जारी प्रेस रिलीज-
प्रेस विज्ञप्ति
जनपद गौतम बुद्ध नगर
पत्रकारिता की आड में भ्रष्टाचार को बढावा देने वाले तथा अधिकारियो को ब्लैकमेल करने वाले तथाकथित पत्रकारो के अन्तर्जनपदीय गिरोह का पर्दाफाश
विगत कुछ समय से क्षेत्र में अपराधियो का एक संगठित अन्तर्जनपदीय गिरोह सक्रिय था, जो पत्रकारिता के पवित्र पेशे की आड में सरकारी सेवकों, विशेषकर पुलिस विभाग में कार्यरत अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालकर उनको उनके विधिपूर्ण कर्तव्यों के पालन से रोककर स्वयं आर्थिक (pecuniary) व भौतिक (material) लाभ प्राप्त करते थे। यह गिरोह मुख्य रूप से जनपद गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद व लखनऊ में सक्रिय था। यह गैंग यह कार्य दो प्रकार से सम्पादित करता था। प्रथम, इस गैंग के सदस्य सरकारी सेवको, विशेषकर पुलिस अधिकारियों को अनुचित आर्थिक लाभ का प्रलोभन देकर व्यक्ति विशेष के पक्ष मे कार्य करने के लिए उत्प्रेरित करते थे। जो सरकारी सेवक/पुलिस अधिकारी इनके उत्प्रेरण के प्रभाव में आ जाते थे, उनको ये अवैध आर्थिक लाभ पहुॅचाकर अनुचित व विधि विरूद्ध कार्य करवाते थे। द्वितीय, जो सरकारी सेवक/पुलिस अधिकारी इनके इस प्रभाव में नही आते थे, उसके विरूद्ध ये लोग विभिन्न इलेक्ट्राॅनिक व सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म जैसे न्यूज पोर्टल, व्हाॅट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर आदि पर व्यापक रूप से उसके विरूद्ध असत्य, अनर्गल व तथ्यहीन प्रचार-प्रसार कर उसकी नकारात्मक छवि बनाकर इतना दबाव डालने का प्रयत्न करते थे कि वह सरकारी सेवक/पुलिस अधिकारी विवश होकर इन लोगो की इच्छानुसार अवैध कार्य करने लगे जिससे ये लोग आर्थिक लाभ प्राप्त कर अपना हित साध सके। इनके द्वारा सरकारी सेवको/पुलिस अधिकारियों के विरूद्ध व्यापक स्तर पर नकारात्मक प्रचार के कारण समय- समय पर लोक व्यवस्था (Public Order) भी प्रतिकूल रूप से प्रभावित हुयी है।
दिनांक 23.08.2019 को थाना बीटा-2 जनपद गौतमबुद्धनगर पर मुकदमा अपराध संख्या 806/19 धारा 2/3 उ0प्र0 गिरोहबन्द समाज विरोधी क्रियाकलाप (निवारण) अधिनियम 1986 (गैंगस्टर एक्ट) निम्नलिखित अभियुक्तगण के विरूद्ध पंजीकृत किया गया है।
- सुशील पंडित पुत्र ब्रहमेश्वर निवासी सी-127, सैक्टर 37, थाना बीटा-2 गे्रटर नोएडा,
- उदित गोयल पुत्र स्व0 योगेन्द्र कुमार निवासी बी 102 मिक्सन ग्रीन मेन्शन, सूरजपुर,
- रमन ठाकुर पुत्र सुरेश ठाकुर निवासी ई 413, बीटा-1, गे्रटर नोएडा,
- चंदन राय पुत्र ओंकार नाथ राय निवासी बी-19 जयभारत इन्कलेव, निकट पुलिस स्टेशन साहिबाबाद जनपद गाजियाबाद
- नितीश पांडेय पुत्र मनोज पांडेय निवासी मकान नं0 1/150, विवेक खण्ड, गोमती नगर जनपद लखनऊ
उक्त गैंग का नेतृत्व सुशील पंडित के द्वारा किया जा रहा था। उक्त अभियुक्तगण में अभियुक्त सुशील पंडित व उदित गोयल को जनपद गौतमबुद्धनगर, चंदन राय को जनपद गाजियाबाद व नितीश पांडेय को जनपद लखनऊ से दिनांक 23.08.2019 व 23/24.08.2019 की रात्रि विभिन्न टीमों द्वारा गिरफ्तार किया जा चुका है तथा इनके कार्यालयो को सील किया जा चुका है। अभियुक्त रमन ठाकुर फरार चल रहा है जिसकी गिरफ्तारी पर रूपये 25000 का पुरष्कार भी घोषित किया गया है।
बरामदगी का विवरण-अभियुक्त चंदन राय के कब्जे से एक फार्चूनर कार नम्बर डीएल4सी एनसी 9990, एक आई-20 कार नम्बर यू0पी0 14 डीआर 3990, एक एप्पल आईफोन-10, एक सैमसंग फोन व एक मैक बुक बरामद हुआ है। अभियुक्त उदित गोयल के कब्जे से एक इनोवा कार नम्बर डीएल 2सीक्यू 5873, दो मोबाईल फोन व अभियुक्त सुशील पंडित के पास से एक मोबाईल फोन बरामद हुआ है।
इसी गैंग के सदस्यो सुशील पंडित, उदित गोयल व रमन ठाकुर द्वारा दिनांक 30.01.2019 को तत्कालीन थाना सैक्टर 20 प्रभारी मनोज पंत को अभियुक्तगण के पक्ष में कार्य करने के लिए अवैध रूप से उत्प्रेरित किया गया और इस कार्य के एवज में अभियुक्तगण से कुल 08 लाख रूपये प्राप्त कर, 75 प्रतिशत भाग अर्थात 06 लाख रूपये स्वयं को आर्थिक लाभ पहुॅचाने के लिए हडप लिये गये। उक्त तीनो व्यक्ति थाना सैक्टर 20 नोएडा के प्रभारी निरीक्षक के कक्ष से रंगे हाथ पकडे गये थे जिनमें प्रत्येक के पास से अवैध रूप से प्राप्त किये 02-02 लाख रूपये बरामद हुये थे। इस सम्बन्ध में इन तीनो के विरूद्ध थाना सैक्टर 20 पर मुकदमा अपराध संख्या 166/19 धारा 7/8/13 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम व 384 भा.द.वि पंजीकृत किया गया है। उक्त अभियोग में विवेचनोपरान्त आरोप पत्र माननीय न्यायालय प्रेषित किया जा चुका है। इस अभियोग के विचारण में साक्षियों को प्रभावित करने के लिए एवं अभियोग की पैरवी करने वाले पुलिस अधिकारियों पर अनुचित दबाव डालने के लिए इनके द्वारा विभिन्न इलेक्ट्राॅनिक व सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म पर नकारात्मक व असत्य दुश्प्रचार सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध किया जा रहा है। अभियुक्त रमन ठाकुर के विरूद्ध वर्ष 2015 में भी थाना सैक्टर 20 पर मुकदमा अपराध संख्या. 795/15 धारा 420/467/468/471/500/504/506 भा.द.वि, 25 शस्त्र अधिनियम व 66/67 आई.टी.एक्ट भी पंजीकृत किया गया था।
सुशील पंडित द्वारा sansaniindia.com नामक वेब पोर्टल का संचालन किया जा रहा था तथा पैनी खबर के नाम से समाचार पत्र का भी सम्पादन किया जा रहा था। उक्त पोर्टल टीम 50 नेटवर्क कंपनी द्वारा तैयार किया गया है। उक्त कंपनी भी संभवतः सुशील पंडित के द्वारा ही ंसंचालित की जा रही है। इसी प्रकार नितीश पांडेय द्वारा policemedianews.com तथा चंदन राय के द्वारा policemedianews.com नाम से वेब न्यूज पोर्टल का संचालन किया जा रहा था। रमन ठाकुर व उदित गोयल के द्वारा उपरोक्त तीनो न्यूज पोर्टल पर चलाये जाने वाले दुष्प्रचार को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म जैसे व्हाट्सऐप, ट्विटर, फेसबुक आदि पर प्रचारित व प्रसारित किया जाता था।
दिनांक 21.08.19 से sansaniindia.com न्यूज पोर्टल व पैनी खबर समाचार पत्र में यादव थानेदारो पर क्यों मेहरबान नोएडा के कप्तान ? ……शीर्षक के अन्तर्गत यह खबर चलाई जा रही है कि विगत सपा सरकार पोस्ट रह चुके यादव थानेदार योगी सरकार में भी सक्रिय है। यह भी वर्णित है कि, नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण की यादव परिवार में रिश्तेदारी है। रिश्तेदारी का रसूक व आईपीएस की पावर का नोएडा में मोटा खेल चल रहा है। सपा नेताओ के इशारे पर यादव जाति के लोगो को वरीयता दी जा रही है। policemedianews.com पोर्टल पर यही खबर आखिर क्यों सर नेम को छुपाकर इस जनपद में हो रही है पोस्टिंग शीर्षक के नाम से चलायी गयी है। इससे पूर्व policenewsup.com पोर्टल द्वारा दिनांक 28.06.19 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक लखनऊ को लक्ष्य करते हुए जाति के आधार पर एसएसपी कलानिधि नैथानी देते है थानेदारो को पोस्टिंग खबर पोस्ट की गयी है।
दिनांक 18.08.2019 को जनपद में कानून व्यवस्था को सुदृढ करने एवं अपराध के नियंत्रण के उदे्दश्य से पुलिस रेगुलेशन के सम्बन्धित प्रावधानों एवं स्थानान्तरण के सम्बन्ध में समय-समय पर निर्गत शासनादेशो का अनुपालन करते हुए कतिपय प्रभारी निरीक्षको/थानाध्यक्षों का स्थानान्तरण किया गया था जिसमें विधिक रूप से जिलाधिकारी गौतमबुद्धनगर की भी सहमति ली गयी थी। उक्त सुशील पंडित द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर को व्यक्तिगत रूप से लक्ष्य कर उक्त दुश्प्रचार किया गया है। उक्त सुशील पंडित पूर्व में अन्य सह-अभियुक्तो के साथ भ्रष्टाचार के प्रकरण में रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था। उक्त मुकदमेे की पैरवी को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करने, पुलिस में नेतृत्व के प्रति अविश्वास उत्पन्न करने एवं द्वेष भावना के कारण सुशील पंडित द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (freedom of speech) का दुरूपयोग करके इस प्रकार का असत्य व नकारात्मक दुष्प्रचार किया गया है। उक्त प्रकार की खबरो के द्वारा पुलिस विभाग में कर्मचारियो को जाति (caste) के आधार पर बाॅटने का प्रयास कर लोक व्यवस्था अस्त-व्यस्त की जा रही है। पुलिस के दिन-प्रतिदिन के कार्यो की संवेदनशीलता (sensitivity and risk) को दृष्टिगत रखते हुए इस प्रकार के प्रयास लोक व्यवस्था के अनुरक्षण व पुलिस विभाग के लिए घातक होते है। इस प्रकार के तथ्यहीन दुष्प्रचार न सिर्फ विभाग के आन्तरिक प्रशासनिक मामलो मे हस्तक्षेप है, बल्कि इसके कारण पुलिस बल की एक नकारात्मक छवि जन सामान्य के मस्तिष्क में बनती है। इस प्रकार के नकारात्मक प्रचार से पुलिस विभाग के अधिकारियो/कर्मचारियों का मनोबल भी गिरता है जिसका प्रतिकूल प्रभाव लोक व्यवस्था के अनुरक्षण पर भी पडता है।
इससे पूर्व दिनांक 04.08.19 को sansaniindia.com न्यूज पोर्टल द्वारा नोएडा में अब तक का सबसे बडा खुलासा, 60 करोड के अवैध खनन में बडे अधिकारी शामिल संलिप्त….. शीर्षक के नाम से खबर चलायी गयी है जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गौतमबुद्धनगर श्री वैभव कृष्णा पर ईमानदारी का ढोंग पीटने व अवैध खनन से करोडो रूपये कमाने का आरोप लगाया गया है। इसी खबर को policemedianews.com पोर्टल द्वारा दिनांक 06.08.19 को जनपद में थाना प्रभारी से लेकर वरिष्ठ अधिकारी ने खूब की लूट-खसोट शीर्षक के नाम से पोस्ट किया गया है। उक्त आधारहीन असत्य दुष्प्रचार मात्र पुलिस अधिकारियो पर मानसिक रूप से दबाव बनाने व उनके द्वारा किये जाने वाले शासकीय कर्तव्यों को निष्पादित करने में व्यवधान उत्पन्न करने के उद्देश्य से किया गया है जिससे सम्बन्धित happyपुलिस अधिकारी गिरोह के सदस्यों के दबाव में आकर गिरोह के सदस्यों की अनुचित/अवैध इच्छाये पूर्ण करे।
दिनांक 19.04.2019 को policenewsup.com न्यूज पोर्टल पर लोगो से पैसे ऐंठने में सिपाही की मदद करती थी पीएसी कमांडेट कल्पना सक्सेना? शीर्षक के नाम से भी खबर चलायी जा चुकी है जोकि गलत तथ्यों पर आधारित है। इस प्रकार की खबरो से पुलिस विभाग मंे कर्मचारियो में अपने अधिकारियो के प्रति अविश्वास की भावना उत्पन्न होती है जिसके कारण न सिर्फ कर्मचारियो में असंतोष व्याप्त होता है।
इससे पूर्व भी विगत 06 माह में उक्त पोर्टलों पर निम्न शीर्षक के नाम से अधिकारियो को लक्ष्य करते हुए खबरे चलायी है –
- भ्रष्ट दरोगाओ पर कब चलेगा आपरेशन क्लीन का डंडा
- झूठे शपथ पत्र के आधार पर प्रमोशन लेने वाले दरोगा पर क्यों मेहरबान है नोएडा पुलिस के आला अधिकारी
- एक नंबर के कामचोर ,चापलूस और बहुत बडे चाटुकार है सी.ओ साहिबाबाद
- डी.जी.पी की फटकार के बाद कुंभकर्णी नींद से जागे वैभव कृष्ण
- वैभव कृष्णा की पुलिस बनी अपराधियों की रहनुमा, फरियादी परेशान
- बाराबंकीः कुंभकरणी निंद्रा में एसपी मस्त, दरोगा की घूसखोरी से जनता त्रस्त
- कायदे-कानून को अपनी जेब में रखते है आईपीएस आकाश तोमर
- नोएडा सैक्स रेकट भंडाफोड: आप करो तो रामलीला हम करें तो कैरेक्टर ढीला
- लखनऊ में नही चल पा रही कलानिधि की कलाकारी
- नाकामी पर पर्दा डालने के लिए कप्तान कलानिधि ने शुरू किया ट्रांसफर-पोस्टिंग का खेल
प्रत्येक पोर्टल पर शीर्षक के साथ सम्बन्धित वरिष्ठ अधिकारी की फोटो भी लगायी गयी है, ताकि उक्त शीर्षको के माध्यम से अधिकारियो को व्यक्तिगत रूप से लक्ष्य कर उपरोक्तानुसार अनुचित कार्य करवाकर अवैध लाभ प्राप्त किया जा सके। उपरोक्त समस्त दुष्प्रचार पत्रकारिता की आड में व अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (freedom of speech) का दुरूपयोग कर एक सोची-समझी पूर्व नियोजित साजिश के तहत पोर्टल व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म जैसे व्हाट्सऐप, ट्विटर , फेसबुक आदि पर किया गया है।
विवेचना में अभियुक्तगण के अपराध कारित करने के तरीके (modus oprandi), आय के स्त्रोत, अर्जित चल-अचल सम्पत्ति के सम्बन्ध में जानकारी व साक्ष्य एकत्रित किये जा रहे है।
मीडिया सेल
गौतमबुद्धनगर पुलिस
वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार जेपी सिंह की रिपोर्ट.
पूरे प्रकरण को समझने और गैंगस्टर शुदा पत्रकारों का वर्जन देखने के लिए ये वीडियो भी देख सकते हैं-
Noida Police ka Paagalpan Video
मूल खबर-
खबर छापने के जुर्म में नोएडा पुलिस ने 4 पत्रकारों को अरेस्ट कर ठोंका गैंगस्टर, 5वां फरार (पढ़ें FIR और प्रेस रिलीज)
इन्हें भी पढ़ें-
Mukesh Kumar kacher
August 25, 2019 at 1:00 pm
न्यूज वेब पोर्टल तो देश में ऐसे पैदा हो रहा हैं जितने कुकुरमुत्ता भी पैदा नहीं होता होगा, जितना वेब पोर्टल पैदा हो गये हैं |
दूध बेचने वाला, चाय बेचने वाला, समोसे बेचने वाला, ऑटो चलाने वाला और अपराधी प्रवृत्ति के लोग पोर्टल खोल कर बैठे हैं |
पोर्टल चलाने के लिए एक मोबाइल, और 10 हजार रुपये में पोर्टल तैयार और बन बैठे संपादक, मालिक और रिपोर्टर, और लग गये वसूली पर, 50 रुपये से लेकर जितना भी मिल जाए वसूली हो जाती है इनके द्वारा |
जब से वेब पोर्टल के संपादक और पत्रकार पैदा हो गये हैं तब से पत्रकारिता और पत्रकारों का वजूद ही मिटता जा रहा है |
वेब पोर्टल वाले अगर पत्रकार हैं तो जो पत्रकारिता पढ़ कर आ रहे हैं तो वो क्या है |
एक बड़े अखबार का संपादक और एक फोकट छाप पोर्टल के संपादक में फर्क ही खत्म हो गया है |
पत्रकारिता को बदनाम करने वालों पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए, जिससे इस पेसे को लोग बदनाम न कर सकें |