Connect with us

Hi, what are you looking for?

सियासत

कठुआ रेप-मर्डर केस : पुलिस-सरकार की मिलीभगत भी दोषियों को बचा न सकी

जिस आपराधिक मामले में अभियोजन यानी पुलिस ही आरोपियों को बचाने के लिए साक्ष्य मिटाने में लगी हो, सरकार के दो मंत्रियों को आरोपिओं को बचाने के प्रयास के कारण मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा हो उस मामले में ट्रायल कोर्ट द्वारा 7 में से 6 आरोपिओं को दोषी ठहराया जाना कोई मामूली घटना नहीं है। ऐसा जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की देखरेख में चली क्राइम ब्रांच की जाँच से सम्भव हो सका है। जम्मू कश्मीर के कठुआ रेप और मर्डर केस में बंजारा समुदाय की 8 साल की बच्ची के साथ बलात्कार कर उसकी हत्या करने के मामले में कुल 7 में से 6 लोगों को दोषी ठहराया गया।इसमें तीन दोषियों सांझी राम, दीपक खजुरिया और परवेश कुमार को आजीवन कारावास तथा तीन अन्य दोषियों को 5-5 साल की सज़ा सुनाई गयी है। इसके अलावा जुर्माना भी लगाया गया है

यह फैसला सोमवार को पठानकोट में विशेष अदालत ने सुनाया। कोर्ट ने मुख्य आरोपी सांझी राम समेत 6 आरोपियों को दोषी करार दिया है।स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजुरिया, पुलिस ऑफिसर सुरेंद्र कुमार, रसाना गांव का परवेश कुमार, असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और सांझी राम का भतीजा (जिसे नाबालिग बताया गया) को दोषी करार दिया गया है।जबकि सांझी राम के बेटे विशाल को बरी कर दिया गया।कोर्ट ने इस केस में तीनों पुलिसकर्मियों को आईपीसी की धारा 201 (सबूत मिटाने) का दोषी करार दिया है।मुख्य आरोपी सांझी राम पर आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 376 (रेप), 328 (अपराध करने के आशय से जहर या नशीला पदार्थ खिलाना), 343 (तीन या उससे अधिक दिनों के लिए बंदी बनाए रखना) लगाई गई हैं।

Advertisement. Scroll to continue reading.

देश को स्तब्ध कर देने वाले इस मामले में बंद कमरे में सुनवाई 3 जून को पूरी हो गई थी। जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने 10 जून को फैसले की तारीख तय की गयी थी । पंद्रह पन्नों के आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई 8 साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। उसे 4 दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। मामले में रोजाना आधार पर सुनवाई पड़ोसी राज्य पंजाब के पठानकोट में जिला और सत्र अदालत में पिछले साल जून के पहले सप्ताह में शुरू हुई थी।

उच्चतम न्यायालय ने मामले को जम्मू-कश्मीर से बाहर भेजने का आदेश दिया था, जिसके बाद जम्मू से करीब 100 किलोमीटर और कठुआ से 30 किलोमीटर दूर पठानकोट की अदालत में मामले को भेजा गया। उच्चतम न्यायालय का आदेश तब आया जब कठुआ में वकीलों ने अपराध शाखा के अधिकारियों को इस सनसनीखेज मामले में आरोपपत्र दाखिल करने से रोका था। इस मामले में अभियोजक दल में जे. के. चोपड़ा, एस. एस. बसरा और हरमिंदर सिंह शामिल थे।

Advertisement. Scroll to continue reading.

इस मामले में कुल आठ आरोपी थे, जिनमें से एक नाबालिग था। अपराध शाखा ने इस मामले में ग्राम प्रधान सांजी राम, उसके बेटे विशाल, किशोर भतीजे और उसके दोस्त आनंद दत्ता को गिरफ्तार किया था। इस मामले में दो विशेष पुलिस अधिकारियों दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। सांजी राम से कथित तौर पर 4 लाख रुपये लेने और महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट करने के मामले में हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और एसआई आनंद दत्ता को भी गिरफ्तार किया गया।

जिला और सत्र न्यायाधीश ने आठ आरोपियों में से सात के खिलाफ दुष्कर्म और हत्या के आरोप तय किए थे। किशोर आरोपी के खिलाफ मुकदमा अभी शुरू नहीं हुआ है और उसकी उम्र संबंधी याचिका पर जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा।

Advertisement. Scroll to continue reading.

आरोपपत्र के अनुसार पिछले साल 10 जनवरी को अगवा की गई आठ साल की बच्ची को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में बंधक बनाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। उसे चार दिन तक बेहोश रखा गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में ग्राम प्रधान समेत 8 लोगों पर आरोप तय हुए। आरोपपत्र के अनुसार बच्ची को 10 जनवरी 2018 को अगवा कर उसे मंदिर में बंधक रखा गया था। बच्ची उस वक्त घोड़े को चरा रही थी, जब उसे अगवा किया गया था। इस दौरान उसके साथ गैंगरेप हुआ और बाद में हत्या कर दी गई थी।14 जनवरी को उसकी हत्या कर दी गई थी और 17 जनवरी को उसका शव मिला था। उसे नशे की हालत में मंदिर के देवीस्थान में रखा गया था और बार-बार उसका रेप किया गया था, फिर उसकी हत्या कर दी गई थी। आरोपपत्र में यह भी सामने आया था कि जम्मू के हिंदू बहुल इलाके से मुस्लिम आबादी को खदेड़ने के लिए बच्ची की नृशंस हत्या की गई थी।

बच्ची को मन्नार कैंडी (स्थानीय गांजा) और एपिट्रिल 0.5 एमजी जैसी टेबलेट्स दी गईं। सीडेटिव ड्रग्स की अत्यधिक मात्रा के चलते वह रेप और हत्या का विरोध नहीं कर पाई।बच्ची को जो दवा दी गई थी उसमें क्लोनाजेपाम साल्ट था, जिसे मरीज की उम्र और वजन को ध्यान में रखकर चिकित्सकीय निगरानी में ही दिया जाता है। उसे जो गोलियों दी गईं। उससे संभवत: वह सदमे की स्थिति में या कोमा में चली गई।बच्ची के 30 किलोग्राम वजन को ध्यान में रखते हुए तीन खुराक में बांटकर प्रतिदिन 0.1 से 0.2 एमजी दवा ही दी जा सकती थी। बच्ची को आरोपियों ने 11 जनवरी 2017 को जबर्दस्ती 0.5 एमजी की क्लोनाजेपाम की पांच गोलियां दीं जो सुरक्षित डोज से ज्यादा थी। बाद में भी उसे और गोलियां दी गईं। ज्यादा डोज के संकेत और लक्षण नींद, भ्रम, समझ में कमी, प्रतिक्रियात्मक गतिविधि में गिरावट, सांस की गति में कमी या रुकावट, कोमा और मृत्यु हो तक हो सकती है।

Advertisement. Scroll to continue reading.

जून 2018 को 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हुए थे। क्राइम ब्रांच ने आठ लोगों- मंदिर के संरक्षक और मुख्य आरोपी सांजी राम, उसके बेटे विशाल, विशेष पुलिस अधिकारी दीपक खजूरिया उर्फ दीपू, सुरिंदर वर्मा, परवेश कुमार उर्फ मन्नू, हेड कॉन्स्टेबल तिलक राज और उपनिरीक्षक अरविंद दत्त को गिरफ्तार किया था। 8वां आरोपी सांजी राम के भतीजे को भी गिरफ्तार किया गया था। उसकी सुनवाई अब तक नहीं शुरू हो सकी है, क्योंकि 18 साल से कम उम्र के होने के उसके दावे का प्रतिवाद कर रही है।

रणबीर दंड संहिता

Advertisement. Scroll to continue reading.

भारत के जम्मू कश्मीर राज्य में जो दंड संहिता लागू है उसे रणबीर आचार संहिता कहा जाता है।भारतीय संविधान की धारा 370 के मुताबिक जम्मू कश्मीर राज्य में भारतीय दंड संहिता का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। यहां केवल रणबीर दंड संहिता का प्रयोग होता है। ब्रिटिश काल से ही इस राज्य में रणबीर दंड संहिता लागू है।दरअसल, भारत के आजाद होने से पहले ही जम्मू कश्मीर एक स्वतंत्र रियासत था।उस वक्त जम्मू कश्मीर में डोगरा राजवंश का शासन था. महाराजा रणबीर सिंह वहां के शासक थे। इसलिए वहां 1932 में महाराजा के नाम पर रणबीर दंड संहिता लागू की गई थी। यह संहिता थॉमस बैबिंटन मैकॉले की भारतीय दंड संहिता के ही समान है। लेकिन कुछ मामलों में अंतर है।

लेखक जेपी सिंह इलाहाबाद के वरिष्ठ पत्रकार और कानूनी मामलों के जानकार हैं.

Advertisement. Scroll to continue reading.
1 Comment

1 Comment

  1. सईद अहमद अंसारी

    June 10, 2019 at 8:41 pm

    शानदार लेखनीय।जीत हमेशा सच्चाई की होती है बस देर लग सकती है।

Leave a Reply

Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Advertisement

भड़ास को मेल करें : [email protected]

भड़ास के वाट्सअप ग्रुप से जुड़ें- Bhadasi_Group

Advertisement

Latest 100 भड़ास

व्हाट्सअप पर भड़ास चैनल से जुड़ें : Bhadas_Channel

वाट्सअप के भड़ासी ग्रुप के सदस्य बनें- Bhadasi_Group

भड़ास की ताकत बनें, ऐसे करें भला- Donate

Advertisement