: गणपति की इटी नाऊ से विदाई : नीरा राडिया के चहेते पत्रकारों की हालत पतली : नई दिल्ली। सूत्रों का कहा यदि सच है तो पूर्व दूरसंचार मंत्री ए.राजा की डायरी में 17 पत्रकारों के नाम दर्ज हैं। सीबीआई ने ए. राजा के आवास पर मारे छापे में जो कागजात कब्जे में की है उसमें राजा की कुछ डायरी भी हैं। सूत्रो का कहना है कि उन डायरी में विभिन्न दलों के बहुत से नेताओं, कुछ दलाल लाबिस्टों और 17 पत्रकारों के नाम दर्ज हैं। सूत्रों के अनुसार उनमें कई के नाम के आगे अंकों में आंकड़ा लिखा है जिसे घूस के तौर पर मोटी रकम के रूप में दिये जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। सीबीआई जब ए.राजा से पूछताछ करेगी और यदि राजा ने इन तमाम महानुभावों को अपने तथाकथित किये महाघोटाले में से थोड़ी-थोड़ी चासनी चटाने की बात स्वीकार कर ली तब तो सब फंसेंगे।
इस संभावना के चलते दिल्ली, मुंबई, चेन्नई के उन तमाम सुनामधन्य पुरूष व महिला पत्रकारों की धड़कन बढ़ गई है जो ए. राजा और दलाल लाबिस्ट नीरा राडिया के चहेते रहे हैं। कहा जाता है कि इनमें ज्यादेतर अंग्रेजी वाले हैं। उन नेताओं की भी दिल की धड़कन बढ़ गई है जिनकी ए. राजा से घनिष्टता रही है। 2007 के बाद ए. राजा और नीरा के प्यारे-प्यारी पत्रकारों में से किनके अपने या परिजनों के नाम से देश-विदेश में मंहगे फ्लैट या प्लाट या कम्पनियों के शेयर हुए है या उनके बेटे-बेटी के देश-विदेश में पढ़ाई का पूरा मोटा खर्च कहीं से गया है इसकी तहकीकात शुरू हो गई है। चर्चा है कि इसके लपेटे में कई तथाकथित बड़े पुरूष व महिला पत्रकार के नाम आ रहे हैं। एक तथाकथित बड़े पत्रकार द्वारा अपने बेटे के मार्फत बड़े स्तर पर दलाली कराने की भी तहकीकात हो रही है।
सूत्रों का कहना है कि एक पार्टी के मालिक-मालकिन, बच्चों की लाइजनिंग पत्रकारिता करते-करते सांसद और एक हिन्दी टीवी चैनल का मालिक बन गये व्यक्ति का नाम भी ए. राजा की डायरी में है। कहा जाता है कि इस सत्ताधारी दलाल नेता को इसकी भनक लग गई है, सो इसने ऊपर से दबाव डलवाना शुरू कर दिया है। इधर लाबिस्ट नीरा राडिया के टेप में जिन-जिन पत्रकारों का नाम उजागर हुआ है उनमें से कई की हालत पतली हो गई है।
कहा जाता है कि नीरा राडिया से घनिष्ठता के चलते पत्रकार गणपति (गनु) को टाइम्स ग्रुप ने विदा कर दिया। गणपति इकोनामिक टाइम्स के बाद इटीनाऊ में इकोनामिक एडीटर के पद पर थे। टाइम्स नाऊ की पालिटिकल एडीटर नविका कुमार पर भी मालिकानों की भृकुटि तनी हुई है। इधर एनडीटीवी में बरखा दत्त से प्रणव राय व राधिका राय के उखड़े होने की चर्चा है। लेकिन विवेक गोयनका वाले इंडियन एक्सप्रेस समूह का सब कुछ देख रहे शेखर गुप्ता तो फाइनांसियल एक्सप्रेस के मैनेजिंग एडीटर एम.के.वेणु (लाबिस्ट नीरा राडिया के ये भी घनिष्ट हैं) को पूरी तरह बचाने में लगे हैं।
सूत्रों के मुताबिक पूर्व दूरसंचार मंत्री ए राजा के निवास पर सीबीआई के छापे के दौरान मिली डायरियों में तमिल भाषा में बातें लिखी गई हैं। इसमें लेन-देन की रकम भी दर्ज है। डायरी में कुछ हवाला डीलरों के भी नाम हैं। कहा जा रहा है कि इनके जरिए कुछ ताकतवर नेताओं को भी पैसे दिए गए हैं। हालांकि सीबीआई ने आधिकारिक तौर पर इस मामले में कुछ भी कहने से यह कहते हुए मना कर दिया कि मामले की निगरानी स्वयं सुप्रीम कोर्ट कर रहा है। राजा के मामले की जांच कर रही सीबीआई की डीआईजी तथा प्रवक्ता विनीता ठाकुर ने कहा, ‘राजा के निवास पर तलाशी के दौरान भारी संख्या में कागजात जब्त किए गए हैं। इनकी बारीकी से जांच की जा रही है।’
उन्होंने यह भी कहा कि इन कागजात में कुछ डायरी भी हैं लेकिन उनमें क्या लिखा हुआ है इसकी जांच होनी बाकी है। सूत्रों के मुताबिक, जब्त की गई डायरियों में तमिल भाषा में लिखा गया है। यह डायरी ए राजा के घर से जब्त की गई है। इसमें वर्ष 2003 से लेकर 2010 के बीच किए गए कई भुगतानों का जिक्र है। इस डायरी में दिल्ली व चेन्नई के कुछ हवाला कारोबारियों का भी जिक्र है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘राजा के घर से मिले कागजात व डायरी के आधार पर एक प्रश्नावली तैयार की गई है। संभव है कि आने वाले समय में ए राजा से इस मामले पर पूछताछ की जाए। हालांकि यह निर्णय पूरी तरह राजनीतिक स्तर पर लिया जाना है कि उनसे पूछताछ की जाए या अभी उन्हें इसके लिए न बुलाया जाए।’
लेखक कृष्णमोहन सिंह वरिष्ठ पत्रकार हैं. उनके ब्लाग सत्ता चक्र से साभार लेकर इस खबर का यहां प्रकाशन किया गया है.
klal
December 13, 2010 at 2:34 am
It is a pandora box of corroupt people
avdesh
December 13, 2010 at 6:36 am
its a brasht peiple
कमल शर्मा
December 13, 2010 at 6:53 am
कोयले की दलाली में हाथ काले लेकिन टेलीकॉम की दलाली में तो सब कुछ ही काला हो गया। राजा की डायरी में पाए गए पत्रकारों और राडिया, राजा से किसी भी तरह गठजोड रखने वाले पत्रकारों की जांच होनी चाहिए। दोषियों को जिंदगी भर के ब्लैकलिस्ट किया जाना चाहिए एवं मीडिया में कहीं भी नौकरी नहीं दी जानी चाहिए। साथ ही जिन मीडिया मालिकों ने राडिया, टाटा और राजा से धन लिया हो तो उनके मीडिया हाउस बंद कराने की जिम्मेदारी सरकार को उठानी चाहिए। साथ ही टाटा के सारे कारनामों की जांच होनी चाहिए क्योंकि यदि वे सही है तो टेप लिक होने पर बेचैन क्यों हैं। राडिया से संबंधों के अलावा वे दूसरे उद्योगपतियों की कब्र खोदने का भी कार्य कर रहे थे। मसलन सारी बातों से पता चलता है कि अनिल अंबानी को तबाह करना उनका मकसद था। राडिया ने अपनी बड़ी ताकत अनिल अंबानी को तबाह करने में लगा रखी थी लेकिन समय रहते भांडा फूट जाने से वे बच गए। राडिय की मीडिया कंपनी के सारे कर्मचारियों की सख्त पू्छताछ होनी चाहिए क्योंकि वे कर्मचारी नहीं, दलाली करवा रहे थे और पैसे बांटने के खेल के मोहरे हैं।
Ravi Shukla Bilaspur Chhattishgarh
December 13, 2010 at 9:07 am
patrrakaro ka asli chera samaj k samney aana chaheay unka naam ujagar kare
लमी
December 14, 2010 at 4:45 pm
DIAN WIKILEAKS
The bhadas4media
[email protected] पर मेल करें या 09999330099 पर
बेस्ट performance ऑफ़ the year …..congrtas येस्वंत जी —बेस्ट journalist
-……………………RADIA दलाल एंड कंपनी……PVT LTD .
corrupted journalist उर्फ़ दलाल एंड SONS
प्रभु चावला(aaj tak)=
प्रणय रॉय(NDTV)=
बरखा दत्त(NDTV)=
सांघवी=
उपेन्द्र राय :सहारा मिडिया के न्यूज़ डाइरेक्टर उपेन्द्र राय
pranjali
December 23, 2010 at 10:14 am
mujhe chashni chati hogi to………. baat par maza aa gaya. aise logo ke liye yai bhasha use honi chaiye