दैनिक जागरण, आगरा के डीएनई रहे विनोद भारद्वाज ने कुछ माह पूर्व कार्यालय के कुछ लोगों पर साजिश करके उनकी जान लेने का आरोप लगाया था. उन्होंने पुलिस से इसकी लिखित शिकायत भी की थी, जिसके बाद जांच एसटीएफ को सौंपी गई थी. इसी क्रम में एसटीएफ लम्बे अंतराल बाद अपनी जांच कार्रवाई प्रारम्भ कर दी है. इस संबंध में जागरण के कुछ लोगों से पूछताछ की गई.
नित्यानंद राय 17 जून को आगरा पहुंचकर विनोद भारद्वाज से मिले तथा इस प्रकरण से संबंधित तमाम जानकारियां एक बार फिर उनसे प्राप्त की. इसके बाद उन्होंने 18 जून को जागरण के उन कर्मियों को बयान देने के लिए बुलाया था, जो डाक्टर परमार के दवाई देते वक्त जागरण कार्यालय में उपस्थित थे तथा इस घटना में शपथ पत्र दिए थे, पर शाम तक एक भी जागरणकर्मी बयान देने नहीं पहुंचा. सीओ राय 18 जून को जागरण कार्यालय जाकर इन कर्मचारियों से पूछताछ की तथा उनके बयान लिए. उन्होंने डाक्टर परमार तथा उनकी पत्नी को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. एसटीएफ जीजी नर्सिंग होम के उन डाक्टरों से भी पूछताछ करेगी, जिन्होंने श्री भारद्वाज का इलाज किया था.
पूरा घटनाक्रम यह है कि दैनिक जागरण, आगरा के साथ लगभग ढाई दशक तक काम करने विनोद भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि जागरण कार्यालय के कुछ लोग साजिश रचकर उनकी जान लेना चाहते हैं. पूरा मामला यह था कि विनोद भारद्वाज अपने घुटनों की तकलीफ से पीडि़त थे, इसका इलाज कराने के लिए वे दिल्ली जाने वाले थे. इस दौरान उनके कार्यालय में आपसी उठापटक चल रही थी. इसी दौरान परमार नाम का एक डॉक्टर उनके पास आया. विनोद भारद्वाज के अनुसार जो उनके एक सहकर्मी का काफी नजदीकी था, उसने उन्हें दवा दी. विनोद भारद्वाज वह दवा नहीं लेना चाहते थे, परन्तु उसने जिद करके और विश्वास में लेकर उन्हें दवा खाने को दे दिया. श्री भारद्वाज 31 जुलाई 2010 को वह दवा खाई. दवा खाने के बाद उनकी हालत खराब हो गई. जब उन्होंने डाक्टर परमार से सम्पर्क किया तो उसने सिम्टम समझ में न आने की बात कह कर पल्ला झाड़ लिया. इसके बाद श्री भारद्वाज के परिजनों ने उन्हें आगरा के जीजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया, जिसके बाद उनकी जान बच सकी. उन्होंने डाक्टरों से अपनी बीमारी के बारे में जानने की कोशिश की तो पता चला कि उनकी हालत खूब सारा नशा करने वाले जैसी हो गई थी.
इसके बाद श्री भारद्वाज ने अपने स्तर से दवा की जांच कराई. कुछ गड़बड़ी दिखने के बाद उन्होंने इसकी लिखित शिकायत पुलिस से की, परन्तु पुलिस ने इस मामले में कुछ खास ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद वे डीजीपी करमवीर सिंह से मिले तथा शिकायत की. इसके बाद डीजीपी ने एसटीएफ के आई सर्वेश कुमार सिंह को बुलाकर जांच करने को कहा, जिस पर उन्होंने इस पूरे मामले की छानबीन और जांच की जिम्मेदारी सीओ एसटीएफ नित्यानंद राय को 18 नवम्बर को सौंप दी. नित्यानंद राय ने जांच में कोई तेजी नहीं दिखाई, जिस पर श्री भारद्वाज ने आरोप लगाया कि जागरण प्रबंधन से परिचय तथा दबाव के चलते ही आईजी सर्वेश कुमार सिंह और सीओ इस जांच में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं, जबकि उनको पूरा साक्ष्य उपलब्ध करा दिया गया है. तमाम सहकर्मियों से हलफनामा दिलवाया गया है. इस दौरान वे एक बार फिर डीजीपी से मिले तथा उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया. अब जाकर एसटीएफ के सीओ नित्यानंद राय ने इस मामले में अपनी जांच शुरू की है.
इधर, विनोद भारद्वाज का आरोप है कि जागरण प्रबंधन के दबाव के चलते ही कर्मचारी गवाही देने नहीं पहुंचे. उनका मानना है कि प्रबंधन नहीं चाहता है कि सच सामने आए इसलिए ही शपथ पत्र देने वाले कर्मचारियों को गवाही देने नहीं आने दिया गया. इन्हें डरा धमकाकर चुप कराया जा रहा है ताकि दोषियों को बचाया जा सके.
Comments on “एसटीएफ ने जागरण के पूर्व डीएनई की जान लेने की कोशिश की जांच शुरू की”
are, bhardwaj ko to ab phskotrist ko dikhana chahiye. kaun unke chakkar me jhooti gavahi bhi de aur naukri bhi de, inke bhaskar, adhar, vishnu matlabi jaise salahkaro ne hi beda gark karaya hai. anyatha baithe ke 50000 mil rahe the har mahine. beauro chief aur upmanyu alg ghar ate the.
abe ramkumar, teri soch aur tere shabd teri aur tere peeche baithe tere pitajiyon ki baukhlaahat saabit karne ke liye kaafi hain………abhi to awasthi hi jhaarkhand pahunche hain agra se ….age age dekh bahut kuch hona abhi baaki hai……….. tum logo ko jitni dum lagani ho laga lo , jo kar pao kar lo…..lekin sach saamne aane se koi nahi rok paayega …..paisa aur rasookh har jagah kaam nahi aate hain…….