आखिरकार इंडिया टुडे समूह ने प्रभु चावला से प्रिंट छुड़ा ही दिया। साठ साल की उम्र में जब लोग रिटायर होते हैं, प्रभु चावला एक बार फिर इंडियन एक्सप्रेस की नौकरी करने चल दिए। इंडियन एक्सप्रेस का विचित्र तथ्य यह है कि इसके दो हिस्से हैं। एक मूल इंडियन एक्सप्रेस जो उत्तर और पश्चिम भारत से निकलता हैं और दूसरा न्यू इंडियन एक्सप्रेस जो बंटवारे के बाद दक्षिण भारतीय प्रदेशों से चलता है। यह संयोग भी हो सकता है कि इस इंडियन एक्सप्रेस के ताकतवर संपादक शेखर गुप्ता एनडीटीवी के सबसे लोकप्रिय कार्यक्रम के संचालक हैं और प्रभु चावला को विस्थापित करने के पीछे उन एम जे अकबर का नाम लिया जाता है, जिन्होंने अपने अखबार संडे गार्जियन में एनडीटीवी की आर्थिक अनियमितताओं की खाट खड़ी की हैं और अब मुकदमा झेल रही है। इसके अलावा इन तीनों अखबारी हस्तियों में प्रभु चावला का सीधी बात शो जो टीवी पर आता है वह काफी टेढ़ा और हास्यास्पद है।
हालांकि प्रभु चावला अपने बेटे को तो बचा लिए मगर इंडिया टुडे के मालिक और संस्थान की प्रतिष्ठा का पूरा ध्यान रखने वाले अरुण पुरी ने खुद पापा चावला की दलाली को नहीं बख्शा। दलाली भी सुपर दलाल नीरा राडिया के साथ मिल कर की गई थी और बेचारे प्रभु को अंग्रेजी नहीं आती इसलिए उन्होंने अपनी इस दलाली की जो सफाई सार्वजनिक रूप से प्रस्तुत की, वह भी किसी के गले नहीं उतरी। नीरा राडिया के बहाने दी गई सफाई में प्रभु चावला का कहना था कि वे इतने महान और विद्वान हैं कि नीरा राडिया उनसे राय ले रही थी और वे राय दे रहे थे। मगर इसका गलत अर्थ लगा लिया गया।
जिन्होंने प्रभु चावला और नीरा राडिया के वे टेप सुने हैं उनका कहना है कि प्रभु चावला इस बातचीत में दलाली करने के लिए कातर और आतुर दोनों नजर आते हैं। खास तौर पर अनिल अंबानी के दरबार में अपने बेटे को जगह नहीं मिलने से वे आहत थे और अपनी दलाली मुकेश और अनिल दोनों की जगह मंजूर नहीं होने से बेचैन थे।
अपनी प्रचंड प्रतिभाहीनता के बावजूद अरुण पुरी ने अगर प्रभु चावला को इंडिया टुडे में दो-दो बार रखा तो कोई न कोई प्रतिभा जरूर होगी। इसे जुगाड़ प्रतिभा कहते हैं और इसके लिए सबसे अनिवार्य गुण बेशर्मी होती है। वैसे वे इंडियन एक्सप्रेस में संपादक कैसे रहे इसकी कहानी आप पढ़ चुके हैं लेकिन सिर्फ याद दिलाने के लिए, उन्होंने एक जाने माने और दो टुक पत्रकार से इंडियन एक्सप्रेस के संपादक बनने जा रहे एच के दुआ के खिलाफ कुछ तकनीकी दस्तावेज हासिल कर लिए थे। उन्हीं की दम पर दुआ साब भी रहे और चावला भी।
बहुत जल्दी ही वे इंडिया टुडे में वापस लौट गए। आउटल लुक पत्रिका ने जो 800 टेप और निकाले हैं उनमें अभी कई जगह वीर सांघवी और प्रभु चावला के अलावा बरखा दत्त भी हैं। वीर सांघवी को तो शोभना भरतिया ने किनारे लगा दिया और प्रभु चावला तो अब ठिकाने ही लग चुके हैं, मगर बेचारे प्रणय रॉय की समझ में नहीं आ रहा है कि वे पहले अपने आपको बचाए या सरकार में मंत्री तक बनाने का दम रखने वाली अपनी लाडली बरखा दत्त को? यह बात अलग है कि बरखा दत्त भी प्रभु चावला की तरह लेकिन उनसे बेहतर भाषा में कह चुकी हैं कि वे तो नीरा राडिया को बेवकूफ बना रही थी। यह बात अलग है कि जो नया टेप सामने आया हैं उसमे नीरा राडिया ने कांग्रेस का रुख बदलने का पूरा श्रेय मनीष तिवारी के बयान के आधार पर बरखा को ही दिया है और बरखा इस शहर से अब दूर भाग रही हैं।
जहां तक प्रभु चावला की बात हैं तो उनके इंडिया टुडे और आज तक से हटने को बहुत लोग मिस नहीं करेंगे। सिवाय उन कुछ लोगों के जो उनका परम कॉमेडी शो सीधी बात देखते हैं और डॉली बिंद्रा इंटरव्यू देख कर धन्य हो जाते हैं और खली और प्रभु चावला का इंटरव्यू सुनते वक्त तुलना करते रहते हैं कि कौन ज्यादा साफ बोल रहा है? अभी तो ये नौकरियों की बात हो रही है जब इन सबको बुलाई थी और ठिकाना लगाएंगी तब नजारा देखने वाला होगा।
लेखक आलोक तोमर जाने-माने पत्रकार हैं.
Comments on “प्रभु चावला की कमी किसे अखरेगी?”
alok jee
main heran ho gaya eese padh kr, ? bade patrkar bade bhrshat hote hain
kk chauhan moradabad
आलोक तोमर दलाल पत्रकारों का संसार लिए हुए है जब एस – 1 मिडिया के मालिको ने उनके और रावत के उप्पर जालसाजी का मुकदमा के के पाल [कमिशनर] के साथ मिलकर बनाया था तब भी तोमर ने अपना मनोबल गिरने नहीं दिया और आज भी जब मै यशवंत की दुनिया में उनकी खबर को पढता हु तो तोमरजीकी लेखनी की वही धार मिलती है उनका प्रभु ,वीर ,राडिया,बरखा के लिए जो भी लेख आ रहा है वह तारीफ़ के साथ साथ बधाई के भी काबिल है हम तोमरजी को मिडिया माफिया के कारनामो की पोल खोलने के लिए भड़ास की टीम की भी सरहाना करते है [दोस्त काटो पर चलो पर दूसरो की खाल का जूता डाल कर ]-प्रदीप महाजन INS MEDIA 09810310927
alok ji
aisa lagta hai ki prabhu se aapki kaafi niji khundak hai. apni kalam ki kafi syahi is par kharch kar chuke hai…
Aalokji,Ye Upendra Rai koun hain,jara in par bhee Aalok daliye.
sdvczxsgzxs
l’kp[kafsdg
PRABHU CHAWALA KO PATRAKAR KYO KAH RAHEY HO AALOK JI??? PRABHU KABHI JOURNALIST NAHI THA AUR NA KABHI HOGA…WO HAMESHA DALAAL THA AUR HAMESHA DALAAL HI RAHEGA….
आज तक पर कॉमेडी शो खत्म होने से सूना सूना लग रहा है। सीधी बात का जोकर अब टेढा हो गया है।
entry ke liye yeh gud hone hi chahiye khaskar media me ha ha ha……
आलोक जी कोई कबीर छत्तीसगढ के लिये भी तैनात कीजिय यहां भी प्रभु चावला ,बरखाद्त्त और राडिया हैं ।आप और आपके जैसे लोग ही इन से निपट सकते है।
गॉड फटी तो बोला
डाबर का हाजमोला
if you feel uneasy, you can replace…..with first word of my comment.
thanx
pardeep tum pagal ho gaye ho alok media mafiya nhai hai radiya ya fir umesh kumar nni hai mafiya
आश्चर्य की बात है कि दूसरे मीडिया हाउस उनका क्या उपयोग करेंगे।
मुझे तो बहुत अस्चर्या हो रहा है इस इंडियन एक्सप्रेस के ऊपर ? ये अखबार लिखता है जर्नलिज्म ऑफ़ करेज….क्या बकवास है कथनी और करनी में इतना अंतर ? कहा तो इसको प्रभु चावला को सजा दिलाना चाहिए जिसने पत्रकारिता को दागदार किया है इसके पलट इसने नौकरी दे दिया. मुझे तो प्रभु चावला जैसे घटिया इन्सान को पत्रकार कहते हुए शर्म आ रही है.
मुझे तो बहुत अस्चर्या हो रहा है इस इंडियन एक्सप्रेस के ऊपर ? ये अखबार लिखता है जर्नलिज्म ऑफ़ करेज….क्या बकवास है कथनी और करनी में इतना अंतर ? कहा तो इसको प्रभु चावला को सजा दिलाना चाहिए जिसने पत्रकारिता को दागदार किया है इसके पलट इसने नौकरी दे दिया. मुझे तो प्रभु चावला जैसे घटिया इन्सान को पत्रकार कहते हुए शर्म आ रही है.
nira jaan ko
wah Alok ji aapane prbhu chawla jaise kamine dalaal ki pol kholi.bhagwan aapko salaamat rakhe.
dum hai agar bhadas me to ujagar kare vinod dua,rajat sharma , arun shory,dipak chorsiya and ramesh chandra agrwal jaise black mailaron ko benaqab kare. logon ka yah kahna hai ki aap bhi doodh ke dhule nahin hain.
tv99 suprimo manohar mojis kahin videsi agent to nahin.
bhartiy raajneeti me charm par panhuchane wale rajiv sukla jo kuch saal pahale ek samany patrkaar tha aaj dalali ke karn neta ban gaya kya bhadhas uske khilaf likhega.
मैं उनेश सोनी को छत्तीसगढ़ में कबीर का सम्मान देना चाहता हूँ