बाबा रामदेव के दामन पर भी कम नहीं हैं दाग

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दीपक आजाद: तहलका और संडे पोस्‍ट ने खोली पोल : स्विस बैंकों में जमा काली कमाई को स्वदेश लाने और देश में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ योग गुरु बाबा रामदेव के मुकाबले शायद ही कोई दूसरा शख्स इतना मुखर हो। रामदेव की इस मुखरता का हर वह आदमी कायल है, जो इस देश में भ्रष्टाचार रूपी राक्षसों से लड़ना चाहता है। इस मुखरता का मैं भी सम्‍मान करता हूं। लड़ाई अन्ना हजारे भी लड़ रहे है।

अन्ना के अनशन से भ्रष्टाचार के खिलाफ जो देशव्यापी उबाल दिखा, उससे उम्मीद जगी कि इस देश में मध्यमवर्गीय खाते-पीते तबके की आत्मा ने अभी पूरी तरह हरकत करना बंद नहीं किया है। अब बाबा रामदेव ने दिल्ली में अगले माह अनशन पर बैठने का ऐलान कर एक बार फिर भ्रष्टाचार के खिलाफ माहौल में गरर्मी ला दी है। अन्ना हजारे की सिविल सोसायटी जन लोकपाल के ड्राट के साथ सामने आई, तो अब बाबा रामदेव तल्खी के साथ अपनी तीन मांगों को लेकर मैदान में उतर आए हैं। बाबा चाहते हैं कि भ्रष्टाचारियों के साथ नरमी न बरती जाय और दोषियों को मौत की सजा मिले। जब दुनिया के ज्यादातार मुल्क मौत की सजा को खत्म कर चुके हों, तब भारत में मौत की सजा के विचार को खत्म करने के बजाय और मजबूती देने के बाबा रामदेव के तर्क से आज के परिदृश्य में सहमत-असहमत हुआ जा सकता है, यह एक बहस का मुददा है।

बाबा रामदेव की दो अन्य मांगें विदेशों में कालाधन जमा करने वालों के खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलाने और यूएन कन्वेन्शन अंगेस्ट करप्शन को संसद में मंजूरी दिलाना शामिल है। बाबा रामदेव के डिमांड चार्टर पर बहस हो सकती है, लेकिन उसे खारिज नहीं किया जा सकता। पर यह भी देखना होगा कि क्या बाबा रामदेव, अन्ना हजारे की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई के आइकॉन हो सकते हैं, क्या उनका दामन इतना पाक साफ है कि देशद्रोह और मृत्युदण्ड जैसे उनकी कठोर प्रवंचनाओं को मान लिया जाय? और यह भी कि क्या बाबा रामदेव अपने अरबों के कारोबारी साम्राज्य के साथ नैतिक रूप से इतने समृद्ध हैं कि इस देश की जनता को उनकी बात गौर से सुननी चाहिए।

मुझे लगता है कि पांच साल पहले हरिद्वार की योगपीठ फार्मेसी की दवाइयों में मानव हड्डियों के मिश्रण से लेकर अब तक ग्राम समाज की जमीनों पर कब्जेदारी, हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी बर्खास्त श्रमिकों की सेवा बहाली से इनकार और पतंजलि ट्रस्टों में कालेधन की आवक जैसे गंभीर आरोपों पर भी गौर करना जरूरी है। ये ऐसे आरोप हैं जो भूषण पिता-पुत्र के चऱित्र पर उठे सवालों से कहीं गहरे तक परेशान करने वाले हैं। मीडिया में समय-समय पर बाबा रामदेव के कामकाज के तौर-तरीकों का पोस्टमार्टम होता रहा है। यह अलग बात हैं कि राष्ट्रीय मीडिया विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक्स मीडिया बाबा रामदेव के कारोबारी चऱित्र पर अभी भी मौन साधे हुए हैं।

पिछले दिनों तहलका और संडे पोस्ट ने अपनी-अपनी रिपोर्ट में कई गंभीर प्रश्न खड़े किए हैं। हरिद्वार में जिस सैकड़ों हेक्टेयर जमीन पर बाबा रामदेव ने इन दस वर्षो में आयुर्वेद के नाम पर अपना कारोबारी साम्राज्य का ताना-बाना बुना है, उस जमीन के अधिग्रहण में ग्राम समाज की सहमति तक नहीं ली गई। औने-पौन भाव पर सियासी ताकत की हनक से जमीन तो हड़पी ही गई, उसकी आड़ में ग्राम समाज की जमीनों पर भी कब्जे कर लिए गए। तहलका ने गहनता से जमीनों की कब्जेदारी की पड़ताल की है। ऐसे ही संडे पोस्ट ने भी बाबा रामदेव के ट्रस्टों के खिलाफ स्टांप ड्यूटी चोरी किए जाने के दर्जनभर मुकदमे दर्ज होने का खुलासा हाल में किया है।

ऐसे में क्या बाबा रामदेव को इन सवालों का जवाब नहीं देना चाहिए? ताकि वे भ्रष्टाचारियों को मृत्युदण्ड की मांग करने के नैतिक अधिकारी हों और इस देश की जनता उनको ज्यादा संजीदगी से ले सके। एक बात जो जरूरी है, वह यह कि चाहे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई का मसला हो, महिलाओं के खिलाफ यौंन हिंसा या अन्य कोई अपराध, इसके खिलाफ कोई लड़ाई तब तक नहीं लड़ी जा सकती है, जब तक उसे लड़ने वालों के दामन पाक-साफ न हों। अन्यथा इस लड़ाई को वाहवाही तो मिल सकती है, लेकिन इसका हश्र बहुत अच्छा होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए।

संडे पोस्‍ट

तहलका

लेखक दीपक आजाद हाल-फिलहाल तक दैनिक जागरण, देहरादून में कार्यरत थे. इन दिनों स्वतंत्र पत्रकार के रूप में सक्रिय हैं.

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Comments on “बाबा रामदेव के दामन पर भी कम नहीं हैं दाग

  • दीपक भाई चलो अच्छा है ….जरुरत है राम देव को फिलहाल सपोर्ट करने की ,फासी को लागु होने पर और इनके खुद गलत साबित होने पर कोर्ट द्वारा वही फासी का फंदा उनके गले में डलवाए जाएगी आप प्रूफ इकठा करते रहे ……राहुल

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  • luck & time says:

    What is the problem in this’ let the nation change, then end the corruption by the hand of whoever, then in the non corrupt situation have the fair investigation against these media and baba both. Public will get the truth. by the way is this tehalka is same which is said to be front face of a political party.

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  • स्‍वतंत्र भारतीय says:

    दीपक जी, सनसनीखेज अंदाज में बेहद सावधानी से जिस तरह आप शब्‍दों का चुनाव करते हुए अपनी बात का ताना-बाना बुनते हैं वह मीडिया को पाक साफ समझने वाले एक सामान्‍य पाठक के दिमाग की कमजोर नसों को तेजी से उत्तेजित करने में तो सफल रहता है, लेकिन जो भी पाठक आज के मीडिया की असलियत की थोड़ी सी भी समझ रखता है (जिसके लिए भड़ास4मीडिया जैसे पोर्टल साधुवाद के पात्र हैं) वह इस बात का एहसास किए बिना नहीं रह सकता कि जिस तरह से आप एक साजिश के तहत लगातार बाबा रामदेव के पीछे हाथ धोकर पड़े रहते प्रतीत होते हैं वह भी अपने आप में बहुत कुछ सोचने को मजबूर करता है.

    हाल के वर्षों में तहलका या संडे पोस्‍ट जैसे अखबारों या पत्रिकाओं के एक नए वर्ग का उदय हुआ है जो परंपरागत मीडिया की तरह विज्ञापन खींचने के लिए स्‍तरहीन कंटेंट परोसने का घिसा-पिटा रास्‍ता अख्तियार नहीं करना चाहता, अत: इन मीडिया समूहों ने एक छद्म-बौद्धिक आवरण ओढ़ते हुए अपनी रोजी रोटी चलाने के लिए बौद्धिक ब्‍लैकमेलिंग का रास्‍ता अपनाया है, और चूंकि आप जैसे ख्‍याति को प्‍यासे तथा‍कथित ”पत्रकार” सिर्फ सनसनी फैलाने के लिए ऐसे गिरे हुए मीडिया संस्‍थानों (जो पूरी बेशर्मी से बार-बार देश की व्‍यवस्‍था व संविधान को जूते की नोंक पर रखने वाले नक्‍सलियों का साफ-साफ समर्थन करते हुए लेख भी नियमित रूप से प्रकाशित करते रहते हैं) के हवाले से किसी भी व्‍यक्ति पर कीचड़ उछालने का भौंडा प्रयास करते हैं तो बड़ी आसानी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन ब्‍लैंकमेलर मीडिया समूहों की कृपा प्राप्‍त करने को आप किस प्रकार से जान और (आत्‍म सम्‍मान भी) देने को तैयार हैं….. शर्म कीजिए दीपक जी…..

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  • विभु आनंद says:

    बाबा रामदेव सही हैं या गलत , यह समय बताएगा . फिलहाल भ्रष्टाचार के विरुद्ध संघर्ष जरूरी है. पूरा सिस्टम सड गया है . आजादी के पहले की राष्ट्रीय मानसिकता मर गई है. देश हो या प्रदेश , सारी सरकारें बिना पैसा लिये काम नहीं करती . आम जनता तबाह है . पत्रकार भी ईमानदारी से रिपोर्टिंग नहीं करते हैं. कुछ प्रदेशों की सरकारोँ के बारे में ठीक रिपोर्टिंग हो रही है. उनकी संख्या कम है . अन्ना हजारे ने एक परिवेश तो बनाया ही है. बाबा रामदेव भी एक परिवेश बनाएंगे . हमें मुद्दा को पकडना है. अगर बाबा रामदेव गलत होंगे तो समय उनको भी माफ नहीं करेगा . जनता ही ईश्वर है. जनता की सेवा ही भारत की सेवा है. जनविकास से भारत विकसित होगा और भारत का विकास ही हमारा सबका लक्ष्य है . इस दिशा में भ्रष्टाचार एक बडी बाधा है, जिसके बिरुद्ध संघर्ष करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना किसी पूर्वाग्रह के पूरे देश की आम जनता का समर्थन मिलना ही चाहिए.

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  • Ram Prasad Singh says:

    दोस्‍तों, मैं एक बात आपको बताना चाहता हूॅ कि यह सब खेल श्रीमती सोनिया गॉधी का है आज जो लोग बाबा रामदेव जी के बारे में बोल रहे हैं उन्‍हे याद करना चाहिए कि बाबा रामदेव का भ्रष्‍टाचार विरोधी अभियान विगत कई वर्षो से चल रहा है किन्‍तु जब योग गुरू की प्रसिधी बढने लगी तो पहले बन्‍दा करैत ने उनकी दवाओं पर उगली उठाई जो मुह की खानी पडी फिर इनके बढते हौसले से इर्साइयत पर खतरा महसूस होते देख सोनिया गॉधी घबरा गई और अपने इसाई सलाहकारों से राय लेकर फिर मदारी बन अन्‍ना हजारे जैसे को बन्‍दर के रूप में जनता के सामने प्रस्‍तुत कर खेल दिखाना शुरू किया अब आप समझ गये होंगे कि बाबा राम देव के भ्रष्‍टाचार विरोधी अभियन को फलाप करने के लिए अन्‍ना से सोनिया गॉधी ने यह नाटक करवाया और हॉ अन्‍ना के इस कार्यक्रम में कॉग्रेस ने अच्‍छी तरह से भारत की बिकाउ और राष्‍टद्रोही मीडिया को अच्‍छे से मैने किया था अगर नही तो क्‍या भारत में भ्रष्‍टाचार अचानक आया क्‍या अन्‍ना हजारे को पहले नही मालूम था अगर मालूम था तो अचानक यह नाटक क्‍यों कियाा भारत की इमानदार जनता सोनिया गॉधी के इस पैतरे से अनभिज्ञ होकर इमानदारी के नाम पर अन्‍ना कासमर्थना किया था रही बात बाबा रामदेव का तो उनके अभियान का फायदा भाजपा अथवा राष्‍टवादी संगठनों को मिलता देख कॉग्रेस और इसाई सलाहकारों ने यह सब नाटक रचा आपको बताते चलू कि अन्‍ना के साथ हमेशा एक नक्‍सली, राष्‍टद्रोही और हिन्‍दुत्‍व विरोधी भगवाधारी हमेशा दिखाई देता था वह कभी रामदेव के मंच पर कानपुर में गंगासफाई अभियान के दौर भी मंच पर देखा गया था मितरो, देश की भोली जनता इन सब चालाक भेडिये की करतूत नही समझ पाती अगर समझती ही होती तो विगत 15 सौ वर्षो से मुटठीभर मुगलो और 300 वर्षो से अग्रेजो के अत्‍याचार को नही झेलती दोस्‍तो जबतक इस देश के भीतर प्रत्‍येक नागरिको के अन्‍दर राष्‍टीय चरित और भारतीय सनातन संस्‍क़ति ओतप्रोत संस्‍कारों का निर्माण नही होगा तब तक किसी भी स्थिति में भ्रष्‍टाचार समाप्‍त नही हो पायेगा, वन्‍देमातरम

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  • Dr. aA.K. Sharma says:

    Ramdev ek number ka dhongi hai. usne kai tarh ke hathkande apna kar desh ke karodo rupaye loote hain. sabse bana BhrashtaChaari to wo swayam hai. Sarkar ko use turant Kalmadi ki tarah andar kar dena chahiye.

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  • if baba ramdeo is so firm against curruption then why he is no telling the name of the minister who demanded him bribe of two crores.if baba had told the name of the minister then his intensions would have been clear and whole of india would have supported him.but untill he discloses the name of the minister his mission will be under question marks.

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  • Baba Ramdev is not a baba in real sense. He is a businessman who has an eye on the chair of Prime Minister or President. For this he is doing all the “Nautanki.”

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  • vikram singh says:

    mr. deepak kaya app ko kewal shai admi ke bare me galat likhane par sukun milta hai, kya app danav vansh ke logo se mel rakhate ho. are patkar shab filhal mudda yeh nahi ki baba par elzam lagye uski invesigation kare, baba abhi jinda hai , or bahgwan ne chaha to tumhe bad me investigation ka bahut moka milega, filhal janta ko bhatkao mat baba ke rukh me laao, desh ko bahchane ka kam karo, yadi baba ne kamaya hai to uska ochitya dikaie deta hai , hasan ali ne kamya hai …… usme ullu tere ko kaya dikhaie deta hai, patrkarita ka dharam nibha, last movement parakun milega, desh ki garib anjan janta ko bhi age anne de……unki soch ko bhi ubnharane do kaya sab kuch tum hi janate ho… baki sab gobar khate hai kaya…… es par likhna or mere ko batana.

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  • बहुत दुःख की बात है के आगर अब कोई भारत के उज्वल भविष्य के लिए आगे आ के कोई काम करना वी चाहता है ,तो हम में से बहुत उसको शक की निगाहं से देखते हैं |असल में कुछ लोग तो होते ही नकरात्मक विचारों के हैं ,जो ना तो खुद कुछ करते हैं ,ना ही करने वालों कुछ करने देते हैं |आज अगर बाबा रामदेव जी नव भारत के निर्माण के लिए सारे भारत वासिओं को एक साथ इकठा करके हमारे घटिया सिस्टम के विरोध में जंग का ऐलान कर दिया है ,तो कुछ बेवकूफ और घटिया सोच वाले नेता और कुछ कोगों ने बाबा के बारे में ,,के उन्होंने इतना पैसा बना लिया ,उन्हों ने यह बना लिया उन्होंने वह बना लिया |अरे बुधि से गरीबो |वह किस के लिए बनाया ,हम ही लोगों के लिए ,,,,,,उस पैसे से सरे भारत में योग संसथान ,दवाई केंद्र का निर्माण हुआ |पता नहीं कितने लोग मोत के मुहं से निकलकर आज अपनों की बीच बेठें हैं ,यह नहीं दिख रहा आप लोगों को |लगता है बाबा का विरोध वह लोग ही कर रहे हैं यां तो जिन के वपार को खतरा है ,यां जो भारत को बेचना चाहते हैं ,और ख़ास कर रिश्वतखोर घटिया राज्नीतिवान | |सारे भारत में योग के संसथान खोले|पतंजली योगपीठ मनो जैसे कोई स्वर्ग और यह स्वर्ग किस ने दिया रामदेव बाबा ने यहाँ भारती अयुरुवेद से लोगों की बिमारिओं का इलाज़ होता है किस के लिए लोगों के लिए ,कितने लोगों का पतंजली योगपीठ में मुफ्त इलाज़ होता है ,अध भारत बिमारिओं से मुक्त हो चूका है बाबा के सिखाए हुए योग से ,और जो बात डाक्टरों के कुछ वर्गों को हजम नहीं हो रही ,और वह बाबा के विरोध में परचार कर रहे हैं ,लेकिन हुआ किया ,बाबा के कद्र तो दुगनी हुई ,सच तो सच ही होता है |MULTINATIONAL कम्पनी बाबा से काफी दुखी है उनका वपार जो खत्म हो रहा है गोर्खधंधे का | |भगवान कृष्ण ने भी गीता में कहा है के जब जब इस संसार में योग को खतरा पैदा होगा मैं जरुर किसी ना किसी को किसी रूप में भेजूंगा |तो वह बाबा रामदेव ही हैं |जो यह बोलते हैं के बाबा ने पैसा बना लिया पैसा बना लिया ,लेकिन उस पैसे से क्या बाबा ने खुद की सम्पति बना ली ,उनके आगे पीछे परिवार वाला कोन है वह तो स्नायासी हैं |भारती संस्कृति को पुन्र्जीव्त करने की बात असल में इन MULTINATIONAL कम्पनी को रास नहीं आई तो इन्हों ने हर तरीके से कोशिश की के इस आदमी को रोकना होगा |अरे भारत वासिओ हमारे एक इंसान ने सारी दुनिया की MULTINATIONAL कम्पनी को हिला कर रख दिया ,और भारती संस्कृति सभ्यता को उजागर किया ,इस तरफ किस लिए नहीं देखते आप |सरे भारत में इस महान इंसान ने राष्टरी भावना जागृत की |हम को जिन्दगी जीना सिखाया ,हम को योग के जरिये एक नया जीवन दिशा और दशा दी हम भारती उसी महान इंसान के विरोध में बोल रहे हैं |रामदेव ने जब काले धन को वापिस लाने के लिए मरन व्रत का ऐलान किया ,सारी सरकार इस के चरणों में जा गिरी के बाबा आप यह मत करो मत करो ,लेकिन धन है ,बाबा रामदेव जो भारत के नव निर्माण के लिए आगे आए और सरकार के दरकिनार कर दिया |दोस्तों बाबा को आज हमारी जरूरत है ,वह यह काम अपने निजी हित यां परिवार के लिए नहीं कर रहे सारे देश के हित में कर रहे हैं ,| भारत का धन भारत में आना ही होगा ,और जब वह सारा सारा कला धन भारत में वापिस आ जायगा ,तो भारत के मुख से गरीबी की काली परछाई

    ऐसे होते हैं संत लोग इन्हें बोलते हैं संत लोग ऐसे होते हैं मर्द | मेरे मुताबक संत वह होता है जिस की समाज को कोई दें होती है और रामदेव बाबा के बारे में यह धारणा पूर्ण तोर पर सही है |भारती सिस्टम को जो केंसर हो चूका है उसे अब बाबा रामदेव ही अछे से प्राणायाम करने के योग हैं |और हाँ मैं भारत सरकार को सलाह देता हूँ के अगर देश में मुर्ख ल…ोगों की गिनती करानी है तो अब बिलकुल सही वक्त है ,किओ के जितने भी मुर्ख लोग होंगे वह सभी बाबा रामदेव के विरोद में बोलेंगे |भारत वासिओ आओ हम बाबा के साथ हाथ में हाथ मिलाए और बिना किसी संदेह के इस महान संत आगू का साथ दे ,जो एक नव भारत के निर्माण के लिए जी तोड़ यतन कर रहे हैं …………………………..आकाशदीप

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