छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में बीती रात दैनिक भास्कर के पत्रकार सुशील पाठक की अज्ञात हमलावरों ने गोली मार कर हत्या कर दी। सुशील दैनिक भास्कर में प्रांतीय डेस्क के प्रभारी थे तथा प्रेस क्लब के सचिव भी थे। सरकंडा इलाके के चटर्जी गली में उनका निवास था, उनकी हत्या निवास के पास ही की गई, जब वे आफिस से घर लौट रहे थे। हत्या किस वजह से की गई है या किन लोगों ने सुशील की हत्या की है, इसका पता अब तक नहीं लग पाया है।
रात के तकरीबन दो बजे आफिस से काम कर लौटते समय घर के पास ही अज्ञात हमलावरों ने उन पर तीन चार गोलियां दागी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। घटनास्थल के पास ही उनका शव देर रात को एक स्थानीय पत्रकार ने देखा और अन्य पत्रकारों को सूचना दी। लेकिन दफ्तर से लौटते वक्त एक पत्रकार की हत्या ने सवाल खड़े कर दिये हैं कि अब पत्रकार भी सुरक्षित नहीं हैं, ऐसे में क्या पत्रकार निर्भिकता से देर रात तक अपने कर्त्तव्यों को पूरा कर पाएंगे?
छत्तीसगढ़ की न्यायधानी के नाम से विख्यात बिलासपुर शहर में इस तरह एक पत्रकार की हत्या होने से पत्रकार बिरादरी तो स्तब्ध है ही, आम लोग भी असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। अधिक सर्कुलेशन वाले अखबारों में आमतौर पर नाईट शेड्यूल में दो बजे तक खबरें ली जाती है और इस काम में एक-दो पत्रकारों की विषेश तौर पर रोजाना ही ड्यूटी निर्धारित रहती है। काम के बाद लगभग दो बजे ही ऐसे पत्रकार छुट्टी पाते हैं। आधी रात के समय सड़कें और माहौल भी सुनसान हो जाता है, जिसके चलते अपराधिक प्रवृत्ति के लोगों के लिए किसी पर हमला करना, हत्या करना या नुकसान पहुंचाना बहुत ही आसान हो जाता है, क्योंकि गश्त पर लगी पुलिस ईमानदारी से अपना काम करती नही तो असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद हो जाते हैं।
बिलासपुर में छत्तीसगढ़ का एकमात्र हाईकोर्ट भी है, इसके बावजूद शहर की सुरक्षा को लेकर पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली से पत्रकार बिरादरी में रोष है। क्योंकि सुशील की हत्या जिस जगह पर की गई है, घटनास्थल से लगभग दो सौ मीटर दूर सीपत चौक बेहद व्यस्ततम् माना जाता है, जहां पर पुलिस प्वाइंट भी है। लेकिन घटना की खबर पुलिस को नहीं लगना साबित करता है कि वहां कोई पुलिसकर्मी ड्यूटी पर था ही नहीं। आधे-पौन घंटे तक लाश सड़क पर पड़ी रही और गश्त पर रही पुलिस ने देखा तक नहीं, क्योंकि पुलिस उस इलाके में गश्त पर थी ही नहीं। कुल मिलाकर सुशील पाठक की हत्या ने पत्रकार बिरादरी की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं ? दिवंगत पत्रकार भाई सुशील पाठक को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
रतन जैसवानी की रिपोर्ट.
Comments on “बिलासपुर में भास्कर के पत्रकार सुशील की गोली मारकर हत्या”
ye kya hu bhu! aesa hi hoga to hum bachache dar jayege
sachmuch dukhad ghatna hai.govt and district administration journalists ke safety ka intejam kare.
दिवंगत पत्रकार भाई सुशील पाठक को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
is hriday vidarak ghatna ke baad yahi kahaa ja sakta hai apradhi mast janta past aur police bodi vasuli men mast , dhikkar hai nyaydhani ke police ko
police ki kaarsali per sawaal uthna swabhabik hai . police ke aman per lag rahe daag ko dhone ke liye apradhio per kadi kaarbahi honi chahiye.
is hriday vidarak ghatna ke baad yahi kahaa ja sakta hai apradhi mast janta past aur police bodi vasuli men mast , dhikkar hai nyaydhani ke police ko
-satish pandey
(naidunia) raipur
ye haal hain cg ki kanun vyavastha ke.vah raman singh sarkar…vah……….
sushilji ki aatma ko bhagwan shanti de.
दिवंगत पत्रकार भाई सुशील पाठक को मेरी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि।
Korba bhaskar pariwar ki or se lts sushil pathak ji ko aashrupurohit sradhanjali….
Is Tarah Jo Goli Markar Hattya Ki Gai Hai Wah Pradesh Mai Phel Rahi Arajakta Ka Namuna Hai. Police Or Prashasan Naam Ki Koi Chiz Nhi Hai.