हाल ही में यहां आईएमए सभागार में आयोजित एक भव्य समारोह में दो पत्रकारों की पुस्तकों- ‘गाथा पांवधोई की’ व ‘अपनी धरोहर’ का सहारनपुर के मंडलायुक्त सुरेशचंद्रा, जिलाधिकारी चौब सिंह वर्मा, इलाहाबाद के जिलाधिकारी आलोक कुमार और पर्यावरणविद डा. एसके उपाध्याय ने लोकार्पण किया। दोनों ही पत्रकार मेरठ से प्रकाशित ‘दैनिक जनवाणी’ से संबद्ध हैं।
‘गाथा पांवधोई की’ सहारनपुर के बीच से बहने वाली ऐतिहासिक व अध्यात्मिक महत्व की उस नदी पर आधारित है, जिसे गंगा की पवित्र धारा माना जाता है। किवदंती है कि बाबा लालदास की साधना से प्रसन्न होकर मां गंगा की धारा सहारनपुर से करीब सात किलोमीटर दूर शकलापुरी में जमीन में विभिन्न स्थानों से स्रोत के रूप में प्रकट हुई थी। इस नदी किनारे वर्षों तक मेले लगे रहे और स्नान के लिए घाट भी बने थे लेकिन पिछले आठवें दशक से इस नदी का स्वरूप बिगड़ने लगा और लोगों ने इसमें गंदगी प्रवाहित करने के साथ ही इसे कू़ड़े का खत्ता बना दिया। पुस्तक के लेखक डा. वीरेंद्र आजम इसके पुराने स्वरूप को लौटाने के लिए लगातार पिछले तीस वर्षों से विभिन्न समाचार पत्रों में लिखने के अलावा विभिन्न मंचों से यह मामला उठाते रहे।
अंततः गत वर्ष तत्कालीन जिलाधिकारी आलोक कुमार ने इसे गंभीरता से लिया और पांवधोई बचाओ समिति का गठन कर जनसहयोग से एक आंदोलन चलाया। जिसके परिणामस्वरूप नाले में परिवर्तित हो चुकी यह नदी अपने प्राचीन स्वरूप की ओर लौटने लगी है। गाथा पांवधोई की पुस्तक में नदी के इतिहास, पर्यावरण, उसके महत्व, उद्गम स्थल, उद्गम के जल का वैज्ञानिक विश्लेषण, नदी के संबंध में भावी योजनाएं और समाचार पत्रों में प्रकाशित समाचारों आदि का समावेश किया गया है। लेखक डा. वीरेंद्र आजम ‘जनवाणी’ सहारनपुर के ब्यूरो चीफ हैं और अनेक पुस्तकों व पत्रिकाओं का संपादन कर चुके हैं। उनके द्वारा संपादित साहित्यिक पत्रिका ‘शीतल वाणी’ का शमशेर बहादुर अंक व डा. लक्ष्मी नारायण लाल अंक हिंदी जगत में इन दिनों काफी चर्चा का विषय है। पूर्व आईएएस व साहित्यकार, कवि, लेखक आरपी शुक्ल के साहित्यिक और सामाजिक अवदान पर उनके द्वारा संपादित पुस्तक ‘कुछ गुलाब की, कुछ कपास की’ भी काफी चर्चाओं में रही है। ‘अपनी धरोहर’ पुस्तक जिले के एक दर्जन से अधिक उन जलाशयों पर आधारित है, जो अपने में प्राचीन इतिहास समेटे हैं और जिनका पर्यावरण व जिले के भूजल स्तर में विशेष महत्व है।
Comments on “सहारनपुर में दो पत्रकारों की पुस्तक का लोकार्पण”
Vishisht uplabdhi ke liye aadarniya azam ji aur bhai rajeev ko hardik badhai…!
is uplabdhi ke liye aadarniya v. azame ji ko hardik badhai. aadarniya v. azame ji apne lekhan ke madhayam se hmesha samaj ko nai disha dete aaye hain. ek baar fir sir v. azam ji ko hardik bhadai. rajeev sir ko bhi is uplabdhi ke liye hardik subhkamnayen.
apni dharohar ke lekhak ka naam gayab hai?
virender azam ji badhayi ke patr hain doosri baat ye ki virender bhai ne paon dhoi nadi ke liye kafi kuchh kiya hai aur apna kafi sehyog bhi diya hai .ab rahi kitab ki baat to ummeed hai usme kafi kuchh hoga magar kiya khas hoga ye to ham padh kar hi bata sakte hain aur virender bhai ne kitab ham tak pahunchayi nahi to bhai virender azam ji is par bhi ghaur karen.aik baar phir badhayi.m faisal khan (UNI.TV.saharanpur)9412230786.9760020786
is uplabdhi ke liye aadarniya v. azame ji ko hardik badhai