स्वर्ग के द्वार पर तीन लोग खड़े थे. तीनों ही अंदर घुसना चाहते थे. लेकिन अंदर जाना था किसी एक को. ऐसे में भगवान को सामने आकर इन तीनों से कहना पड़ा…
भगवान : आप में से केवल एक ही अन्दर जा सकता है.
पहला : भगवान मैं एक पुजारी हूँ, सारी उम्र आपकी सेवा की है, स्वर्ग पर मेरा ही हक़ है.
भगवान शांत रहे.
दूसरा : भगवान मैं एक डॉक्टर हूँ, सारी उम्र दूसरों की सेवा की है, स्वर्ग पर तो मेरा ही हक़ है.
भगवान फिर शांत रहे.
तीसरा : भगवान मैं एक पत्रकार हूँ, और….
इतना सुनते ही भगवान से रहा न गया.
भगवान : बस बस… कुछ मत बोल मेरे बच्चे.. अब रुला भी देगा क्या? मुझे पता है, सारी जवानी तू नर्क में रहा है, नारकीय माहौल में काम भी किया है… स्वर्ग पर तो केवल तेरा ही हक़ है.
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som
December 9, 2010 at 11:43 am
wah…..
जय कुमार, चाईबासा झारखण्ड, टीवी रिपोर्टर
December 9, 2010 at 11:46 am
हा हा हा …………हा हा हा
बहुत खूब……………
बहुत दिन बाद भड़ास के गंभीर लेख के बीच हंसने का मौका मिला.
शुक्रिया…….
amitjo
December 9, 2010 at 2:19 pm
maja aa gaya
mahandra singh rathore
December 9, 2010 at 7:26 pm
bhadai chutkala to sabhi per bhari parta hai. sabhi pedhe hain eek se badkar eek hain. swarg -narak or patrkar kya baat hai.
shakil ahmed saif
April 15, 2012 at 10:15 pm
chalo bhagvan ko to patrkaro ke halat per tares aye