: उपेंद्र राय और सुबोध जैन को भी नोटिस : सहारा समूह की पोल खुलनी शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट ने 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले की जांच में दखल देने के आरोप में शुक्रवार को सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत राय के खिलाफ कोर्ट की अवमानना संबंधी नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजेश्वर सिंह को कथित तौर पर धमकी देने और ब्लैकमेल करने पर सहारा के डाइरेक्टर न्यूज उपेंद्र राय और पत्रकार सुबोध जैन को भी नोटिस जारी किया है.
यह याचिका ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह ने दायर किया है. 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले में अब सहारा ग्रुप भी लपेट में आ गया है. ईडी और सीबीआई सहारा समूह की स्वान टेलीकॉम से रिश्तों की पड़ताल कर रही है. ईडी के मुताबिक सहारा ग्रुप पर स्वान टेलीकॉम को 150 करोड़ रूपए ट्रांसफर करने के आरोप हैं. इसी मामले की जांच ईडी अधिकारी राजेश्वर सिंह कर रहे हैं. ईडी और सीबीआई के काम में बाधा पहुंचाने पर अपेक्स कोर्ट 16 मार्च को चेतावनी नोटिस जारी कर चुका है.
ईडी ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सुब्रत रॉय 2 जी मामले में उनके जांच अधिकारियों को डराने की कोशिश कर रहे हैं. ईडी ने कहा कि बार-बार नोटिस दिए जाने के बावजूद सुब्रत रॉय की ओर से कोई जवाब नहीं आया. यह भी कहा गया उनके अखबार में राजेश्वर सिंह के खिलाफ लेख छापे गए. शुक्रवार को सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया रॉय के खिलाफ न्यायालय के आदेश की अवमानना का मामला बनता है. न्यायमूर्ति जीएस सिंघवी और न्यायमूर्ति एके गांगुली की पीठ ने नोटिसों का जबाव देने के लिए छह सप्ताह का समय दिया है.
सहारा मीडिया ने ईडी के अधिकारी राजेश्वर सिंह से जिस तरह से निजी सवाल पूछे और सहारा ग्रुप के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत नोटिस जारी करने के बाद ईडी अधिकारी के खिलाफ स्टोरी सीरीज चलाने की धमकी दी, इसको कोर्ट ने संज्ञान में लिया. पीठ ने कहा कि रिकार्डो को देखकर प्रथम दृष्टया लगता है कि राजेश्वर सिंह द्वारा 2जी स्पेक्ट्रम घोटाला और इससे जुड़े मामलों की जांच में हस्तक्षेप करने का प्रयास किया गया है, इसलिए हम उन्हें नोटिस जारी करते हैं. पीठ ने सहारा इंडिया न्यूज नेटवर्क और इसकी सहयोगी इकाइयों को राजेश्वर सिंह से जुड़ी कोई खबर या कार्यक्रम चलाने से भी रोक दिया है.
पीठ का यह आदेश सुबोध जैन द्वारा सिंह को भेजे गए 25 प्रश्नों के संबंध में भी लागू है. सुबोध जैन ने सिंह को 25 प्रश्न भेजकर उनसे जवाब मांगा था. ये प्रश्न व्यक्तिगत प्रकृति के थे. कोर्ट ने पाया कि यह सिंह को ब्लैकमेल करने का एक प्रयास था क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय द्वारा सहारा प्रमुख को जांच के संबंध में एजेंसी के समक्ष पेश होने का समन जारी किए जाने के बाद सिंह को ये प्रश्न भेजे गए थे. प्रवर्तन निदेशालय ने 2जी घोटाले की जांच के संबंध में सुब्रत राय को समन जारी कर उन्हें निदेशालय में उपस्थित होने को कहा था. यह समन मनी लांडरिंग रोधी कानून के प्रावधानों के तहत जारी किया गया था.
प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारी राजेश्वर सिंह द्वारा दायर इस याचिका में कहा गया है कि 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले से जुड़े 150 करोड़ रुपये के एक संदिग्ध लेनदेन के संबंध में राय को निदेशालय के समक्ष उपस्थित होने का नोटिस जारी किया गया था. याचिका में आरोप लगाया गया है कि सुब्रत राय प्रवर्तन निदेशालय के समक्ष उपस्थित नहीं हुए, उल्टे उन्होंने जांच अधिकारी को ब्लैकमेल करने की कोशिश की. जिसके बाद कोर्ट ने सुब्रत रॉय को अवमानना का नोटिस जारी किया है.
Anonymous
May 6, 2011 at 4:08 pm
आप सब बिहारी भाइयों से अनुरोध,
कृपया वर्तनी और व्याकरण सही रखें.. हेडिंग में त्रुटि है.. सुप्रीम कोर्ट ने दिया अवमानना का नोटिस होना चाहिए.. आप से देश को बहुत आशाएँ हैं
PC Ravi
May 6, 2011 at 6:03 pm
jee ha, SAHARA GROUP money laundrying karata hai. aap yahan kitana bhi KALA DHAN jama karke aap WHITE MONEY yanee cheqye le sakate hain. जी हा, सहारा ग्रूप मनी लॉंड्रियिंग करता है. आप यहाँ कितना भी काला धन जमा करके आप व्हाइट मनी यानी चेक ले सकते हैं. पूरे भारत के गाँव गाँव में हर किसी को ये बात पता है. ईडी के अफ़सरों को ये बात अब पता चली इसका अचरज है. अगर मेरी बात पर यकीन ना हो तो सहारा के किसी भी एजेंट से बात करके देख लीजिए, वह खुशी से आपको यह सब समझा देगा, क्योंकि इस पर उसे आठ प्रतिशत तक कमीशन मिलता है. ऐसे लोगों को सहारा में ‘इनवेस्टर्स’ कहा जाता है.[b][/b]
rajesh sthapak 09329766651
May 7, 2011 at 3:40 am
sahara saymay ya sahara ka sanchalan karne ki jo mansha h vh ekdm spst h me aaj sahara me nhi hu pr mene puri imandari se sahara me 6 varsho tk kam kiya h sahara shri ko in sb ghotalo me shamil kiya gya kya paristhitiya bni ye to paristhitiya banane wale hi jante h kintu yh ktu saty h ki jo bhi huya h unki jankari se chupa kr kiya gya hoga kyoki sahara ki kartvy kounsil bhi inki vfadar nhi h mere pas aaj bhi sahara ka 75 hjar rupya rkha h jise me chilla kr bta rha tha jiski na koi shikayat thi nahi kisi ne mujhse manga kintu me un chand beiman farji kartvy yogiyo ki chal ka shikar ho gya jo sahara ke nam pr rupye hdpane ghat lagaye bethe h or isase sidh hota h ki sahara shri ko andhere me rkh kr sahara ke nam pr khula khel khela ja rha h – rajesh sthapak seoni mp 9329766651
john
May 7, 2011 at 5:30 am
Aage aage dekho hotaa hai kya ?Upendra Roy ki wicket sahara se girne vaali hai
MUDIT MATHUR
May 7, 2011 at 9:19 am
Finally heat of irregularities would blow away the facade of corporate veil which the group is camouflaging. Actually It is AOP and they build up capital by illegally retaining investors money despite Supreme Court’s Orders to pay back them treating its Golden Key Schemes unconstitutional as a result of rendering U.P. Chit Fund and money circulation Act ultra vires of the Constitution of India.