यशवंत जी, नमस्कार, बीबीसी संवाददाता अल्ताफ हुसैन की रिपोर्टिंग पर वरिष्ठ पत्रकार कुमार संजय त्यागी का विरोध पत्र भड़ास4मीडिया पर देखकर काफी दुख हुआ। मुझे इस बात का दुख तो है ही कि एक पत्रकार अपने ही साथी पत्रकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहा है, साथ ही इस बात का भी दुख है कि आपकी वेबसाइट ने उनकी नारेबाजी को अपने यहां स्थान दिया। लगता है लेखक का सामान्य ज्ञान काफी कमजोर है। उनको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि पूरा पश्चिमी मीडिया भारत की तरफ के कश्मीर को ‘भारत प्रशासित कश्मीर’ और पाकिस्तान की तरफ के कश्मीर को ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ कहता रहा है और उसमें बीबीसी भी शामिल है। और यह आज से नहीं, जब से कश्मीर दो भागों में बंटा है तब से ऐसा ही कहा जाता है। इतना ही नहीं, संयुक्त राष्ट्रसंघ भी इसी शब्दावली का इस्तेमाल करता है। और ऐसा पिछले कई दशकों से होता आ रहा है।
पता नहीं वरिष्ठ पत्रकार कुमार संजय त्यागी की इस पर आज क्यों नजर पड़ी। पत्रकारों के साथ आम लोग भी इस सच्चाई को जानते हैं कि अंतराष्ट्रीय समुदाय कश्मीर के दोनों भागों को भारत अधिकृत कश्मीर और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर ही बताता है। लेकिन लेखक को इसकी जानकारी आज हुई। इस विरोध लेख की भाषा पर भी मुझे घोर आपत्ति है। उन्होंने इसे अक्षम्य अपराध तो बताया ही, साथ ही इसे कुत्सित विचार कहा है। जबकि ना सिर्फ अल्ताफ हुसैन बल्कि हर अंतराष्ट्रीय मीडिया का पत्रकार भारतीय कश्मीर को भारत प्रशासित कश्मीर ही कहता है उसमें दिल्ली के भी वे सभी पत्रकार शामिल है जिन्होंने कभी ना कभी बीबीसी में काम किया है। इसके साथ ही जिस तरह से संजय त्यागी जी ने अखंड भारत का राग अलापा है उससे वे एक पत्रकार कम और किसी सतही संगठन के कार्यकर्ता ज्यादा लगते हैं। मेरी उनको यही सलाह है कि यदि आपको अंतराष्ट्रीय मीडिया द्वारा भारत अधिकृत कश्मीर कहना बुरा लगता है तो मीडिया संगठनों के खिलाफ आपको प्रदर्शन करना चाहिए था, ना कि एक पत्रकार पर निशाना साधना चाहिए था और उसे भारतीयता का पाठ पढा़ना चाहिए था। लेकिन लगता है अंतराष्ट्रीय मीडिया की कथित गुस्ताखी की जानकारी मिलने में आपको पचास साल की देर हो गई है।
–ओम सिंह
पत्रकार