हैदराबाद से एक बड़ी खबर है कि ईटीवी प्रबंधन ने अपने पूर्व कर्मचारियों के सर्टिफिकेट जब्त कर लेने की अपनी ‘काली नीति’ में बदलाव करते हुए अब तक रखे सभी सर्टिफिकेट कर्मचारियों को लौटा दिए हैं। यह तो सबको पता है कि जब भी कोई ईटीवी में ज्वाइन करता है तो उसकी 10वीं, 12वीं, ग्रेजुएशन, पीजी और मास काम की सभी ओरीजनल सर्टिफिकेट वहां जमा करा ली जाती है। साथ में तीन वर्षों तक काम करने का बांड भी भरवाया जाता है। इस बांड को कोई तोड़ता है और नौकरी बीच में ही छोड़ देता है तो कंपनी उसके ओरिजनल सर्टिफिकेट को जब्त कर लेती है और लाख चिरौरी – विनती के बावजूद नहीं लौटाती है। पिछले दिनों अपनी इस नीति में बदलाव करते हुए इस दक्षिण की मीडिया कंपनी ने अपने दो हजार से ज्यादा कर्मचारियों को ओरीजनल सर्टिफिकेट लौटा दिए।
एकाएक दिल बदलने के बारे में सूत्रों का कहना है कि अपने सर्टिफिकेट्स को वापस लाने के लिए कुछ पूर्व ईटीवियन जो अब वीओआई व अन्य चैनलों के साथ हैं, संयुक्त रूप से लड़ाई लड़ने का मूड बना चुके थे और इन लोगों ने वकील के जरिए ईटीवी को नोटिस भी भिजवाया था।
एक अन्य सूचना के मुताबिक जिन 35 लोगों ने ईटीवी और उसके बांड को बीच में ही बाय कहकर नए लांच होने वाले रीजनल चैनल जी 24 घंटे छत्तीसगढ़ में ज्वाइऩ किया है, उन लोगों ने इस बांड की कानूनी वैधता को चुनौती देने के लिए कोर्ट में जाने का मन बनाया हुआ है। उधर, ईटीवी इन सभी लोगों से बांड तोड़ने के ‘जुर्म’ में हरजाने के रूप में 50 से 70 हजार रुपये मांग रहा है। अब ये लोग हर्जाना लौटाने के बजाय, कानूनी जंग शुरू करने की तैयारी की है।
आपको अगर इस खबर के बारे में कुछ कहना हो तो अपनी बात [email protected] पर मेल कर सकते हैं