Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

‘मंथन’ में खबरों के धंधे पर कोई बात नहीं हुई

जागरण समूह के संपादकीय विभाग के वरिष्ठों की सालाना बैठक संपन्न हो गई। यह बैठक दो दिनों तक सूरजकुंड में चली। 30 सितंबर और एक अक्टूबर को चली इस बैठक का नाम दिया गया था- ‘मंथन 2009’। नाम से स्पष्ट है कि बैठक में संपादकीय विभाग के कामकाज को ठीक करने, नए चैलेंजेज पर बात करने, पाठकों से जुड़ाव को मजबूत करने और नई नीतियों पर विचार-विमर्श कर उसे लागू करने का दौर चला। बैठक से पहले ही हर किसी को बता दिया गया था कि उन्हें किन-किन विषयों पर प्रजेंटेशन देना है। किन विषयों पर अपनी बात रखनी है।

जागरण समूह के संपादकीय विभाग के वरिष्ठों की सालाना बैठक संपन्न हो गई। यह बैठक दो दिनों तक सूरजकुंड में चली। 30 सितंबर और एक अक्टूबर को चली इस बैठक का नाम दिया गया था- ‘मंथन 2009’। नाम से स्पष्ट है कि बैठक में संपादकीय विभाग के कामकाज को ठीक करने, नए चैलेंजेज पर बात करने, पाठकों से जुड़ाव को मजबूत करने और नई नीतियों पर विचार-विमर्श कर उसे लागू करने का दौर चला। बैठक से पहले ही हर किसी को बता दिया गया था कि उन्हें किन-किन विषयों पर प्रजेंटेशन देना है। किन विषयों पर अपनी बात रखनी है।

सबने खूब तैयारियां कीं और अपनी बात को प्रभावपूर्ण तरीके से रखा। जागरण के ग्रुप एडिटर संजय गुप्ता समेत ज्यादातर निदेशक इस बैठक में मौजूद थे। दो दिनों के ‘मंथन’ के बाद लोग अपनी-अपनी यूनिटों में वापस लौट आए हैं। पर एक सवाल अभी तक अनुत्तरित है। संपादकीय विभाग के सालान ‘मंथन’ में क्या किसी ने लोकसभा चुनाव के दौरान पैसे लेकर खबर छापने की प्रवृत्ति का विरोध करते हुए इसे जागरण के लिए और पत्रकारिता के लिए आत्मघाती बताया? इस सवाल का जवाब जब भड़ास4मीडिया ने तलाशने की कोशिश की तो निराशा ही हाथ लगी।

उम्मीद यह थी कि जागरण समूह अपने इनहाउस संपादकीय बैठक में चुनावों के दौरान पैसे लेकर विज्ञापन की जगह खबर छापे जाने के मसले पर आंतरिक बहस की शुरुआत करेगा और बहुमत की राय को स्वीकार कर अपनी पालिसी तय करेगा। पर ऐसा नहीं हुआ। किसी ने भी इस बड़े सवाल की चर्चा तक नहीं की। सूत्रों का कहना है कि दरअसल, जो लोग भी इस बैठक में शामिल थे, वे कहीं न कहीं पैसे लेकर खबर छापने की मुहिम के हिस्सा थे और उन लोगों ने इस मुहिम को आगे बढ़ाया था, इसलिए नैतिक रूप से वे सवाल उठाने के लायक ही नहीं थे। सवाल वही उठा सकता था जिसने इस धंधे से खुद को अलग रखा हो, भले ही सैद्धांतिक तौर पर, और उचित मौका देखकर इस मुद्दे पर बातचीत कराने की कोशिश करता। पर ऐसा नहीं हुआ। जागरण समूह के स्थानीय संपादकों, संपादकीय प्रभारियों, न्यूज एडिटरों और चीफ रिपोर्टरों ने दो दिनी मंथन में जागरण समूह के सामने खड़े सबसे ज्वलंत सवाल पर मंथन करना-कराना उचित नहीं समझा। इसे दुर्भाग्यशाली परिघटना ही कहा जा सकता है।

क्या मान लेना चाहिए कि मुख्यधारा की पत्रकारिता में सक्रिय ढेर सारे पत्रकार यह मान चुके हैं कि खबरें बिकाऊ होती हैं और खबरों के आधार पर भी बिजनेस किया जा सकता है? अगर ऐसा मान लिया गया है तो यह न सिर्फ पत्रकारिता के लिए दुखदायी है बल्कि पाठकों के साथ सबसे बड़ा छल और धोखा है। जिस पाठक के भरोसे पर जागरण देश का नंबर वन ब्रांड बना, उस पाठक को बिना सूचित किए खबरों का सौदा करना अक्षम्य अपराध है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव सिर पर है। जो खबरें दैनिक जागरण से निकल रही हैं, वे बताती हैं कि इस बार भी खबरों का धंधा करने के आदेश दे दिए गए हैं लेकिन सतर्कता ये बरती गई है कि अबकी यह खेल खुलेआम न हो और चुनावी पेज को देखकर यह पता न चल सके कि ये खबरें पेड हैं या नहीं। सूत्रों का कहना है कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में पैसे के बदले खबरों के खेल का मुख्यालय चंडीगढ़ को बना दिया गया है। वहीं से सारी डील की जाएंगी और वहीं से मिले निर्देश के अनुसार खबरें प्रकाशित की जाएंगी। हालांकि प्रभाष जोशी ने अपने इस हफ्ते के कागद कारे के स्तंभ में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि उन लोगों ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में अखबारों व न्यूज चैनलों का खेल पकड़ने के लिए कई टीमें लगा दी हैं लेकिन अगर जागरण की संपादकीय टीम खुद ही इस धंधे को गलत नहीं मानती तो फिर कोई कितनी भी टीमें क्यों न लगा ले, यह धंधा रुकने से रहा। यह तभी रुकेगा जब जागरण के संपादकीय विभाग के वरिष्ठ खुद सैद्धांतिक तौर पर इस बात को स्वीकारें कि खबरों का धंधा करना गलता है।

इस मसले पर आप क्या सोचते हैं, अपनी राय से हमें अवगत कराइए, [email protected] पर मेल करके.

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

हलचल

: घोटाले में भागीदार रहे परवेज अहमद, जयंतो भट्टाचार्या और रितु वर्मा भी प्रेस क्लब से सस्पेंड : प्रेस क्लब आफ इंडिया के महासचिव...

Advertisement