दिल्ली के मीडियाकर्मियों में पिछले दो दिनों से एक अफवाह ने हंगामा मचा रखा है। सभी एक दूसरे से इस अफवाह के बारे में बताने-जानने में जुटे हैं। भड़ास4मीडिया के पास भी फोन, मेल और एसएमएस आए, साथ में यह अनुरोध की खबर तुरंत फ्लैश कर दी जाए। अफवाह रूपी सूचना यह दी जा रही थी कि कुछ महीनों पहले लांच हुए एक एक टीवी न्यूज चैनल की महिला पत्रकार के साथ न्यूज चैनल के प्रबंधन से जुड़े लोगों ने गैंग रेप किया और वह लड़की कोमा में जा चुकी है। साथ में यह भी बताया गया कि लड़की की तरफ से थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा चुकी है। दूसरे टीवी न्यूज चैनलों से जुड़े लोगों ने सूचना को सच मान और ज्यादा तथ्य पता करने में जुट गए। सवाल आया कि लड़की का नाम क्या है? किस थाने में केस दर्ज है?? लड़की का नाम शुरू में नहीं बताया गया लेकिन थाने का नाम शकरपुर कहा गया। शाम होते-होते थाने का नाम बदल दिया गया। रात होते-होते लड़की का नाम भी प्रचारित कर दिया गया।
यह भी कहा गया कि लड़की थाने में बैठी है और कैमरे के सामने बयान दे रही है। भड़ास4मीडिया टीम ने इस पूरे मामले की सच्चाई जानने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन कहीं से सूचना पुष्ट होती नजर नहीं आई। जिस न्यूज चैनल से लड़की के जुड़े होने की बात कही जा रही थी, उस चैनल के सभी सीनियर भी इस अफवाह से सकते में आ गए और सच्चाई पता करने में जुट गए। जब उन लोगों तक लड़की का नाम और थाने का नाम पहुंचा तो इन लोगों ने थाने से संपर्क करने के साथ-साथ लड़की से संपर्क साधने की कोशिश की। आखिर में जो कुछ पता चला, वो न सिर्फ मीडिया में अफवाहबाजों के बढ़ते दबदबे की ओर इशारा करता है बल्कि एक खतरनाक प्रवृत्ति को भी दर्शाता है। टीवी जर्नलिज्म में अब कभी भी किसी के भी बारे में कुछ ही मिनटों में अफवाह को सच की तरह फैलाया और जमाया जा सकता है, किसी की छवि खराब की जा सकती है और किसी के भी चरित्र की हत्या की जा सकती है। जिस न्यूज चैनल पर आरोप लगे, वहां के लोग उस लड़की से संपर्क साधने और उसे चैनल के दफ्तर बुलाने में सफल हो गए जिसके साथ गैंगरेप किए जाने की बात प्रचारित की गई थी। यह लड़की इस चैनल को कुछ माह पहले छोड़कर बिहार स्थित अपने गांव जा चुकी थी। उसने वहां परीक्षा देने के बाद शादी की और पति के साथ दिल्ली आकर रहने लगी। अफवाहबाजों ने इसी लड़की के नाम को देर शाम इसलिए प्रचारित किया क्योंकि लड़की दिल्ली में नहीं थी और चैनल छोड़कर गांव जा चुकी थी और अफवाह का खंडन करने के लिए उसके उपलब्ध होने का अंदेशा बिलकुल नहीं था।
यह लड़की अपने पति के साथ चैनल के दफ्तर आई और अफवाह से परेशान प्रबंधन ने इस लड़की को न्यूज चैनल के रात 11 बजे के बुलेटिन को एंकर करने का दायित्व सौंप दिया ताकि अफवाहों पर विराम लगाया जा सके। बाद में इस लड़की और उसके पति ने चैनल प्रबंधन को बयान दिया कि वे लोग चाहते हैं कि अफवाह फैलाने वाले पत्रकारों की शिनाख्त कर उनके खिलाफ आपराधिक केस दर्ज कराया जाए और इस केस को अंजाम तक पहुंचाने में वे लोग पूरी तरह मदद करेंगे। चैनल प्रबंधन से जुड़े लोगों ने भड़ास4मीडिया को जानकारी दी कि दिल्ली के दो न्यूज चैनलों के तीन पत्रकारों के नाम का पता लगा लिया गया है। ये लोग सुबह से लेकर रात तक अफवाह को नए-नए रूप में फैलाते रहे। अफवाह को जिंदा रखने के लिए ये लोग सुबह से शाम तक थाने का नाम बदलते रहे। शुरू में लड़की का नाम न मालूम होने की बात कहते रहे लेकिन देर शाम अफवाह को पुष्ट साबित करने के लिए एक ऐसी लड़की का नाम उछाल दिया जो चैनल छोड़ कर गांव जा चुकी थी और जिसके लौटने की संभावना नहीं थी। इन तीनों अफवाहबाज पत्रकारों ने चैनलों को फोन कर लड़की के नाम को फ्लोट किया। चैनलों को यह भी बताया गया कि लड़की थाने में बैठी है और कई कैमरों के सामने सब कुछ कैसे हुआ, इस संबंध में बयान दे रही है। चैनल प्रबंधन के मुताबिक जिन तीन पत्रकारों का नाम अफवाह फैलाने में सामने आया है, इन लोगों ने करीब 25 लोगों और कई न्यूज चैनलों को फोन कर यह फर्जी सूचना दी थी।
महिला पत्रकार के साथ आए उसके पति परेशान दिखे। हालांकि 10 अप्रैल को लड़की की परीक्षा खत्म होने फिर 16 अप्रैल को शादी होने के बाद से लड़की लगातार उनके साथ ही थी, इसलिए किसी तरह की शंका की गुंजाइश नहीं थी लेकिन इस अफवाह ने उनके नए दांपत्य जीवन में संकट खड़ा करने जैसी स्थिति पैदा कर दी है। उधर, शकरपुर थाने के एसएचओ का कहना है कि सुबह से शाम तक करीब 50 पत्रकारों और 10 बड़े अफसरों के फोन उनके पास आए और सभी महिला पत्रकार के साथ गैंग रेप किए जाने की घटना के संबंध में सच्चाई जानना चाह रहे थे। इतने फोन कालों से परेशान एसएचओ का कहना है कि किसी ने बेहद सुनियोजित साजिश के साथ इस अफवाह को प्रचारित कराया है। न्यूज चैनल से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने भड़ास4मीडिया से कहा कि मीडिया जैसे पवित्र पेशे में अफवाहबाज पत्रकारों की तगड़ी घुसपैठ न सिर्फ खतरनाक है बल्कि भयावह भविष्य की ओर संकेत भी है। सरोकार और संवेदना के मीडिया से दूर होने की बात तो पहले ही कही जाती रही है, अब दौर निर्दोषों की चरित्र हत्याओं और निजी जिंदगियों में अफवाहों के जरिए जहर घोलने का आ चुका है। सरोकार और संवेदना विहीन ये लंपट पत्रकार सुबह से शाम तक अफवाहों को ढोने, फैलाने और जिलाने में जुटे रहते हैं। इन लोगों की शिनाख्त कर इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं शुरू की गई तो कल को ये लोग किसी भी मीडिया सेलिब्रिटी, मीडिया मालिक और मीडिया पर्सनाल्टी की इज्जत सरे-बाजार उछालने का फिर कुत्सित साजिश रच सकते हैं। इसी कारण चैनल प्रबंधन इस मामले को सिर्फ सामान्य बात मानकर छोड़ने के मूड में नहीं है। अफवाहबाज पत्रकारों की शिनाख्त करने का काम पूरा कर लिया गया है और महिला पत्रकार व उसके पति के बयान के बाद अब इन लोगों के खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दायर करने की तैयारी की जा रही है।
इस अफवाह के बारे में अगर आप भी कुछ कहना चाहते हैं तो [email protected] पर मेल कर सकते हैं। अनुरोध करने पर पहचान व नाम गुप्त रखा जाएगा।