Connect with us

Hi, what are you looking for?

प्रिंट

भास्कर, ग्वालियर के आरई का इस्तीफा

दैनिक भास्कर, ग्वालियर के स्थानीय संपादक दिनेश मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकृत हो गया है। इस्तीफे के पीछे वजह क्या है, यह पता नहीं चल पाया है। बी4एम ने दिनेश मिश्रा से इस्तीफे के बारे में जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। दिनेश मिश्रा ग्वालियर संस्करण के स्थानीय संपादक आठ महीने रह पाए। इससे पहले वे दैनिक भास्कर की पानीपत यनिट के प्रभारी थे। ग्वालियर संस्करण के नए रेजीडेंट एडिटर अनिल कुमार शर्मा बनाए गए हैं। अनिल दैनिक भास्कर, भोपाल में डिप्टी एडिटर के रूप में कार्यरत थे। वे आज शाम को ग्वालियर आकर नया कार्यभार ग्रहण करेंगे। 

दैनिक भास्कर, ग्वालियर के स्थानीय संपादक दिनेश मिश्रा ने इस्तीफा दे दिया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार उनका इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकृत हो गया है। इस्तीफे के पीछे वजह क्या है, यह पता नहीं चल पाया है। बी4एम ने दिनेश मिश्रा से इस्तीफे के बारे में जानने के लिए संपर्क किया तो उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया। दिनेश मिश्रा ग्वालियर संस्करण के स्थानीय संपादक आठ महीने रह पाए। इससे पहले वे दैनिक भास्कर की पानीपत यनिट के प्रभारी थे। ग्वालियर संस्करण के नए रेजीडेंट एडिटर अनिल कुमार शर्मा बनाए गए हैं। अनिल दैनिक भास्कर, भोपाल में डिप्टी एडिटर के रूप में कार्यरत थे। वे आज शाम को ग्वालियर आकर नया कार्यभार ग्रहण करेंगे। 

अनिल का तबादला कोटा संस्करण के स्थानीय संपादक के रूप में किया गया था लेकिन कोटा उन्हें रास नहीं आया। 15 दिन पहले उन्हें भोपाल बुला लिया गया और अब ग्वालियर रवाना किया जा रहा है। दिनेश मिश्रा के इस्तीफे को लेकर कई तरह की व्याख्याएं हो रही हैं। कुछ लोग दैनिक भास्कर के अंदर हुए संगठनात्मक बदलावों से इसे जोड़कर देख रहे हैं। दिनेश मिश्रा को भास्कर में श्रवण गर्ग के बेहद करीबी लोगों में माना जाता है। प्रबंधन ने ग्रुप एडिटर के रूप में कल्पेश याज्ञनिक की ताजपोशी की है और श्रवण गर्ग को अन्य नीतिगत कार्य सौंपे गए हैं। भास्कर में अब कई ‘पावर सेंटर’ हो रहे हैं। श्रवण गर्ग के अलावा कल्पेश याज्ञनिक, अभिलाष खांडेकर, यतीश राजावत अखबार के मजबूत केंद्र बन गए हैं। इन पावर सेंटर्स से जुड़े लोग हर यूनिटों में हैं और इनमें आपस में एक अघोषित गुटबाजी है। पहले सिर्फ श्रवण गर्ग की तूती बोलती थी। अब कई लोगों के आदेश लागू होने लगे हैं। इससे काम करने वालों के बीच में संशय की स्थिति है कि किसका कहा मानें और किसका न मानें।

भास्कर से जुड़े एक संपादक ने नाम न प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि संगठनात्मक ढांचे में हुए बदलाव के निचले स्तर तक पहुंचने और फिर संस्थाबद्ध होने में वक्त लगेगा। यह ट्रांजिशन फेज है। इस चरण में कई लोग आ-जा सकते हैं क्योंकि नए पावर सेंटर्स अपने को मजबूती से स्थापित करने के लिए अपने लोगों को हर जगह जमाने-बढ़ाने की कोशिश करेंगे और जमे-जमाए लोगों को दाएं-बाएं करने की कवायद जारी रखेंगे।

Click to comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

अपने मोबाइल पर भड़ास की खबरें पाएं. इसके लिए Telegram एप्प इंस्टाल कर यहां क्लिक करें : https://t.me/BhadasMedia

Advertisement

You May Also Like

Uncategorized

भड़ास4मीडिया डॉट कॉम तक अगर मीडिया जगत की कोई हलचल, सूचना, जानकारी पहुंचाना चाहते हैं तो आपका स्वागत है. इस पोर्टल के लिए भेजी...

Uncategorized

भड़ास4मीडिया का मकसद किसी भी मीडियाकर्मी या मीडिया संस्थान को नुकसान पहुंचाना कतई नहीं है। हम मीडिया के अंदर की गतिविधियों और हलचल-हालचाल को...

टीवी

विनोद कापड़ी-साक्षी जोशी की निजी तस्वीरें व निजी मेल इनकी मेल आईडी हैक करके पब्लिक डोमेन में डालने व प्रकाशित करने के प्रकरण में...

हलचल

[caption id="attachment_15260" align="alignleft"]बी4एम की मोबाइल सेवा की शुरुआत करते पत्रकार जरनैल सिंह.[/caption]मीडिया की खबरों का पर्याय बन चुका भड़ास4मीडिया (बी4एम) अब नए चरण में...

Advertisement