जमशेदपुर । दैनिक हिंदुस्तान में 10 अगस्त 2010 को प्रकाशित एक खबर को लेकर काफी चर्चा है। शीर्षक है- ‘जिंक कंपनी की जमीन के मामले में नया पेंच’। खबर का इंट्रो इस प्रकार है- ”जिंक कंपनी की जमीन के मामले में नया पेंच फंस गया है। इस जमीन के एक दावेदार आधुनिक पावर ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कंपनी की अर्जी पर हाईकोर्ट ने आयडा को नोटिस जारी किया है। इस वजह से जमीन पर आधिपत्य को लेकर आयडा में होने वाली सुनवाई टलने की संभावना प्रबल हो गयी है। आयडा सचिव शिवेंद्र कुमार सिंह ने कहा है कि हाईकोर्ट की नोटिस के बाद ही आगे की कार्रवाई होगी।”
दिलचस्प यह कि इस खबर से पैदा गलतफहमी के बाद 17 अगस्त को इस मामले में आयडा में होने वाली सुनवाई टाल दी गयी। लेकिन जानकार सूत्रों के अनुसार यह खबर भ्रामक है। यह खबर 10 अगस्त को छपी है जबकि अब तक इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट में कोई सुनवाई ही नहीं हुई है, यह मामला हाईकोर्ट के किसी न्यायाधीश तक पहुंचा ही नहीं है और मामला हाईकोर्ट में एडमिट तक नहीं हुआ है। जाहिर है कि ऐसे में हाईकोर्ट द्वारा कोई नोटिस भी जारी नहीं की गयी है।
इससे स्पष्ट प्रतीत होता है कि यह खबर प्लांट की गयी है। किसने करायी, किसके हित में करायी, यह चर्चा का विषय है। अगर यह खबर प्लांटेड या भ्रामक नहीं तो दैनिक हिंदुस्तान को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किस दिन की सुनवाई में किस न्यायाधीश ने कौन-सी नोटिस जारी की है?
हिंदुस्तान, जमशेदपुर में प्रकाशित पूरी खबर इस प्रकार है…
(एक वरिष्ठ पत्रकार द्वारा भेजी गई चिट्ठी पर आधारित)
Manik Chandra
August 24, 2010 at 9:45 am
It is surprising that nobody from Dainik Hindustan came forward to clarify on this news. It means there was a big game behind this planted news