प्रति, संपादक, भड़ास4मीडिया डॉट कॉम, श्री सुनील तनेजा की ओर से उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती को कथित तौर पर लिखे गए पत्र को आपने अपनी वेबसाइट पर प्रकाशित किया है। हम आपको बताना चाहते हैं कि अपने पत्र में सुनील तनेजा ने जो गंभीर आरोप जनसंदेश चैनल के प्रबंधन पर लगाए हैं, वे निराधार और दुर्भावना से प्रेरित हैं। श्री सुनील तनेजा ने अपने पत्र में लिखा है कि उनको चैनल से तनख्वाह नहीं मिल रही। इसकी वजह ये है कि श्री सुनील तनेजा कंपनी के निर्देशों की लगातार अवहेलना कर रहे हैं। मेरठ ब्यूरो में सुनील तनेजा नियुक्त रहे हैं, लेकिन उनके खिलाफ जनसंदेश प्रबंधन को कई तरह की शिकायतें मिली थीं। इनमें धन वसूली का मामला भी है जिसके बाद श्री सुनील तनेजा को होल्ड पर रखा गया था।
जनसंदेश चैनल में फिलहाल कुछ बदलाव हो रहे हैं और चैनल को री-स्ट्रक्चर किया जा रहा है। श्री तनेजा से प्रबंधन ने कहा था कि इस वजह से वो अपने पास रखे कंपनी के करीब पांच लाख के सामान को लेकर नोएडा मुख्यालय में रिपोर्ट करें। श्री तनेजा ने कंपनी का ये निर्देश भी नहीं माना। कंपनी ने कई बार उनसे आग्रह किया, लेकिन श्री तनेजा नहीं माने। इस पर कंपनी ने सुनील तनेजा से कहा कि पांच दिसम्बर तक सामान लेकर मुख्यालय में रिपोर्ट करना होगा। सुनील तनेजा ने वैसा भी नहीं किया। अब वो कंपनी पर निराधार आरोप लगा रहे हैं कि कंपनी ने उनकी तनख्वाह रोक रखी है। जबकि कंपनी की ओर से उन्हें साफ कहा गया है कि पहले वो पांच लाख का सामान जमा कराएं।
आपको अवगत कराना है कि जनसंदेश के इलाहाबाद, वाराणसी और कानपुर ब्यूरो ने कंपनी के निर्देशों को माना, लेकिन सुनील तनेजा इन निर्देशों को मानने से साफ इनकार कर रहे हैं। कंपनी के निर्देशों को मानने की बजाय श्री तनेजा जनसंदेश के प्रबंधन पर मिथ्या आरोप लगा रहे हैं और पांच लाख का सामान हड़पने की साजिश उन्होंने रची है। प्रबंधन को ये भी शक है कि सुनील तनेजा के इस कदम के पीछे जनसंदेश के वे लोग शामिल हैं, जिन्हें कंपनी विरोधी गतिविधियों के लिए पहले ही हटाया जा चुका है। तनख्वाह न मिलने के सुनील तनेजा के आरोप इस वजह से भी निराधार हैं क्योंकि जनसंदेश की लांचिंग से आज तक हर महीने की पहली तारीख को स्टाफ को तनख्वाह मिल रही है। ऐसे में आप खुद समझ सकते हैं कि श्री तनेजा की ओर से लगाए जा रहे आरोप कितने निराधार हैं।
जनसंदेश प्रवक्ता