दिल की गंभीर बीमारी से पीड़ित जालंधर की तीन साल की बच्ची हर्षिता को बचाने के लिए अलग-अलग समाज सेवी संस्थाओं के इलावा आम जनता भी आगे आ रही है. मामले के मीडिया में आने के बाद एक हफ्ते में ही हर्षिता के इलाज के लिए तेरह लाख रुपये की रकम इकट्ठी हो गयी है. लेकिन बच्ची के इलाज के लिए अभी भी 47 लाख रुपये की जरूरत है.
जालंधर फोटोग्राफर एसोसिएशन की मीटिंग के दौरान किसानों ने भी दिल की बीमारी से पीड़ित हर्षिता के इलाज के लिये दिल खोल कर अपना योगदान दिया. मौके पर ही बच्ची के इलाज के लिए बीस हजार रुपये से ज्यादा की रकम इकट्ठी हो गयी. एसोसिएशन ने अपने निजी फंड में से भी हर्षिता के इलाज के लिए 51 हजार रुपये की मदद की घोषणा की. हर्षिता जन्म से ही प्लूमोनरी एट्रेसिया वीएसडी एंड मल्टीपल मल्टीफोकल ब्लड सप्लाई नाम की दिल की बीमारी से पीड़ित है.
तीन साल की हर्षिता के दिल में कुल तीन नाड़ियों में से एक नाड़ी गायब है. इस कारण हर्षिता के दिल की दो नाड़ियों पर दबाव बढ़ रहा है और यह नन्ही हर्षिता की जान के लिए खतरनाक हो सकता है. इस बीमारी का इलाज भारत में संभव नहीं है. मीडिया में मामले के आने के बाद अब तक देश-विदेश से बच्ची के इलाज के लिये तेरह लाख रुपये की रकम इकठ्ठी हो गयी है. विदेशों से कई आश्वासन मिले हैं कि वे लोग हर्षिता के इलाज के खर्च के एक अंश को वहन करने के लिए तैयार हैं.
हर्षिता के पिता अमित ने आम जनता से हर्षिता को बचाने के अभियान में मदद करने की अपील की है. हर्षिता के दिल को इन्फेक्शन से बचाने के लिये डॉक्टर पहले भी छः घंटे लंबी सर्जरी कर चुके हैं लेकिन अभी एक फाइनल आपरेशन विदेश में होना बाकी है. हर्षिता के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए या मदद के लिए आप उसके पिता अमित से 09781699996 पर संपर्क कर सकते हैं.
ravishankar vedoriya 9685229651
June 7, 2010 at 12:29 pm
ahmari duaaye harsita ke saat hai
Gourav singh
June 9, 2010 at 6:18 pm
sarkar kya so rahi hai! kiu nahi sarkar aise logo ki madad karti hai. kiu banete hai ham aisa sarkar jo zaruratmand logo ki madad nahi kar sakta. i pray to God for Harsita for long life.