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वेब-सिनेमा

भड़ास4मीडिया में कुछ बदलाव

आक्रामक लाल रंग से आंखें चुभ-सी रहीं थीं. और लाल-लाल देखते-देखते मन एकरस-सा भी हो गया था. हलका ग्रीन, जो आंखों के लिए फ्रेंडली कलर है, को लाया गया है. शुरू-शुरू में ये अजीब लगेगा लेकिन मेरे खयाल से बाद में इस रंग के साथ आंखें एकाकार हो जाएंगी. इस रंग में सबसे खास बात है आखों में न चुभना. इससे आंखों को थोड़ी राहत होगी, खासकर उनके लिए जो दिन भर भड़ास के बुखार में तपते रहते हैं.

<p style="text-align: justify;">आक्रामक लाल रंग से आंखें चुभ-सी रहीं थीं. और लाल-लाल देखते-देखते मन एकरस-सा भी हो गया था. हलका ग्रीन, जो आंखों के लिए फ्रेंडली कलर है, को लाया गया है. शुरू-शुरू में ये अजीब लगेगा लेकिन मेरे खयाल से बाद में इस रंग के साथ आंखें एकाकार हो जाएंगी. इस रंग में सबसे खास बात है आखों में न चुभना. इससे आंखों को थोड़ी राहत होगी, खासकर उनके लिए जो दिन भर भड़ास के बुखार में तपते रहते हैं.</p> <p>

आक्रामक लाल रंग से आंखें चुभ-सी रहीं थीं. और लाल-लाल देखते-देखते मन एकरस-सा भी हो गया था. हलका ग्रीन, जो आंखों के लिए फ्रेंडली कलर है, को लाया गया है. शुरू-शुरू में ये अजीब लगेगा लेकिन मेरे खयाल से बाद में इस रंग के साथ आंखें एकाकार हो जाएंगी. इस रंग में सबसे खास बात है आखों में न चुभना. इससे आंखों को थोड़ी राहत होगी, खासकर उनके लिए जो दिन भर भड़ास के बुखार में तपते रहते हैं.

और हां, आंखों को राहत में विस्तार देते हुए पोर्टल के फांट साइज को भी दो प्वाइंट ज्यादा बढ़ा दिया गया है. इससे उन्हें सुविधा होगी, जिनकी उम्र ज्यादा हो गई है या जिनकी आंखें कमजोर हैं. साथ ही, लाल की जगह ग्रीन रंग करने से हेडिंग की चमक जो कम हुई होगी, उसकी भरपाई बढ़ा हुआ फांट कर देगा. कुछ नए कैटगरी भी शुरू किए गए हैं. लाइफस्टाइल कैटगरी में बदले रिश्ते, परिवार, नए व पुराने मूल्यों आदि को लेकर बातें करेंगे. यह कैटगरी इस जिद में शुरू किया गया है कि आखिर हम पढ़े लिखे लोग रिलेशनशिप व सेक्स जैसी चीजों पर सभ्य तरीके से क्यों बात नहीं कर सकते. हम क्यों अचानक पोर्न हो जाते हैं या फिर बिलकुल आध्यात्मिक. बीच में रहने में क्या परेशानी. तो, जिन लोगों को परेशानी हो रही थी, उनकी परेशानी बढ़ाते हुए बाकायदा लाइफस्टाइल कैटगरी को शुरू कर रहे हैं जिसमें ढेर सारे ऐसे विषयों पर हम लोग बातचीत करेंगे जिन्हें अब तक अपने दब्बूपने के कारण हम लोग उठाते नहीं थे, या बतियाते हुए शर्माते थे.

पॉवर-पुलिस कैटगरी में पुलिस व प्रशासन से जुड़ी विशेष खबरों को प्रकाशित किया जाएगा. उन खबरों को जिन्हें पारंपरिक मीडिया के लोग कई तरह के जोड़-गणित के कारण नहीं छापते. मदद-अपील कैटगरी में कोई भी पत्रकार या गैर-पत्रकार साथी अपनी जरूरत बता सकता है, उसे जॉब चाहिए तो अपनी योग्यता बताते हुए लेटर लिख सकता है, किसी को आर्थिक मदद की जरूरत है तो वो कारण बताते हुए अपनी बात लिखकर भड़ास के पास भेज सकता है. कोई शादी करना चाहता है तो उपयुक्त वर या वधू की तलाश के वास्ते अपनी प्रोफाइल भेज सकता है. किसी को खराब सेहत के वास्ते कोई सुझाव या मदद चाहिए तो उसके लिए अपील कर सकता है. इस कैटगरी के बनाने का मकसद हम मीडियाकर्मियों की दिन-प्रतिदिन की खास जरूरतों को संबोधित करना है.

विविध नामक कैटगरी का नाम बदलकर हलचल कर दिया गया है. दरअसल विविध शब्द अपने आप में कनफ्यूजिंग शब्द है. जहां कुछ समझ में न आए, वहां विविध कर दो. इसलिए इस कैटगरी को भी थ्यूराइज कर दिया गया. गैर-मीडिया की बड़ी व घटनात्मक खबरों, आयोजनों को हलचल कैटगरी में प्रकाशित करेंगे. आवाजाही नामक कैटगरी जो अभी तो पोर्टल में बाईं तरफ होता था, उसे पोर्टल के मेन में लाया गया है. उसके साथ एक कानाफूसी नामक कैटगरी को लांच किया गया है. इस कैटगरी में उन खबरों पर बात की जाएगी जिनमें खबर जैसी कोई बात तो नहीं होती लेकिन अंदरखाने उसकी चर्चा जोरदार तरीके से होती है. एक तरह से अर्द्धसत्य किस्म की खबरों को इसमें प्रकाशित किया जाएगा ताकि कुछ विशिष्ट व असरकारक कानाफूसियों को मंच प्रदान किया जा सके. अपना सुझाव दीजिएगा. साथ ही नए कैटगरी की जरूरतों के हिसाब से खबरें भेजने को तत्पर हो जाइए.

और हां, एक आखिरी लेकिन महत्वपूर्ण सूचना. भड़ास4मीडिया तक कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की मीडिया या गैर-मीडिया से संबंधित छोटी-बड़ी खबर सूचना जानकारी पहुंचाना चाहता है तो उसके लिए दो विकल्प दिए जाते रहे हैं. पहले विकल्प के तहत मेल और दूसरे विकल्प के तहत फोन. मेल आईडी वही है, [email protected] लेकिन फोन नंबर बदला जा रहा है. अभी तक जिस फोन नंबर का प्रकाशन किया जाता रहा है, वो मेरा अपना मोबाइल नंबर था. फोनों की अधिकता, एसएमएस की अधिकता और अपनी लगातार बढ़ती व्यस्तता के कारण मैं अपने नंबर को अब इस मंच से हटा रहा हूं. नया नंबर भड़ास4मीडिया के कंटेंट एडिटर अनिल सिंह के पास रहेगा. वे ही आगे से सारी सूचनाओं-खबरों को हैंडल करेंगे. अनिल पर आप उतना ही भरोसा कर सकते हैं जितना मेरे पर करते हैं.

पिछले कई महीनों के अपने काम के जरिए अनिल ने बेहतरीन परफार्म किया है. इसलिए उनके अधिकारियों व दायित्वों में लगातार बढ़ोतरी की जा रही है. नया मोबाइल नंबर, जो अनिल के पास रहेगा और जिस पर एसएमएस के जरिए या फोन काल करके, कोई भी सूचना दे सकते हैं, किसी भी वक्त, वो 08527330099 है. इस नंबर को अपने-अपने मोबाइल नंबर में भड़ास के नाम से सेव कर लें और अभी से इस नंबर को भड़ास4मीडिया का आफिसियल मोबाइल नंबर मानें. मेरा भी मोबाइल नंबर चालू रहेगा और सदा की भांति मेरे पास रहेगा. आप सभी के काल्स व एसएमएस का मेरे यहां भी स्वागत रहेगा लेकिन मैं अपने नंबर को अबसे इस पोर्टल पर नहीं प्रकाशित करूंगा ताकि उन लोगों की काल से बच सकूं जो फोन करके कहते हैं… ”किसी ने बताया है कि आप न्याय दिलाते हैं, आप किस थाने में तैनात हैं?”

न पहले मुझे मुगालता था, और न आज है कि भड़ास4मीडिया क्रांति का कोई मंच नहीं है, बल्कि साफगोई व सच्चाई का एक प्लेटफार्म है जिसमें उन बातों को उठाया जाता है जिसे आमतौर पर परंपरागत व स्थापित मीडिया माध्यमों में जगह नहीं मिलती, और ये भी कि पैसन को प्रोफेशन बनाने के जुनून में भड़ास ब्लाग से भड़ास4मीडिया डॉट कॉम की यात्रा के दौरान मैंने खुद व अपने परिवार के भरण पोषण के लिए इस मंच को माध्यम बनाया है और इस प्रक्रिया में अब खुद के खर्चे कम व इस पोर्टल के संचालन के खर्चे ज्यादा बढ़ गए हैं. इसी कारण इसके संचालन के लिए आप लोगों के आगे मदद की अपील समय-समय पर करता रहता हूं.

फिर बतियाते हैं.
आभार

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यशवंत

एडिटर, भड़ास4मीडिया

संपर्क : [email protected]

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0 Comments

  1. madan kumar tiwary

    January 23, 2011 at 1:21 pm

    अच्छा है नया कलेवर । पहले से लिखना भी आसान हो गया है । वैसे भी साईट का रंगरुप तो बदलते हीं रहना चाहिये । रोज रोज एक हीं ड्रेस में विश्व सुंदरी को भी देखने पे बोरियत होने लगती है । बढा हुआ फ़ोन्ट साईज ठिक है ।

  2. MOHD. JAVED SPN

    January 23, 2011 at 1:47 pm

    BADHAI YASHWANT JI……….!!!
    AB TO AUR JYADA NIKHARI NAZAR AATI HAI B4M. KYA BAAT HAI. 9838637495

  3. kmsingh

    January 23, 2011 at 2:12 pm

    wah yashwant ji wah jabab nahi hai is cantent ka ab lagta hai me jaise patrkaon ko or taakat milegi very very thikn u……

  4. Sageer.a.khaksar

    January 23, 2011 at 3:21 pm

    Bhadai ho sir,naye kalevar main purana tevar achcha laga.apni pakeezagi ko bus bachaye rakhiye.regards.9838922122

  5. sheikh alim

    January 23, 2011 at 4:32 pm

    now its looking very good, specially large font.

  6. Gabbar

    January 23, 2011 at 11:18 pm

    Dear Yashwantji,

    I am regular reader but may not be a poster. I think the new color is good to read when it is bold. But the columns in the side where the links are not bold it becomes little bit uncomfortable to read. May be you can change the background color. to improve the readability.

    Thank you
    Anand

  7. n bharadwaj

    January 24, 2011 at 2:39 am

    wah , very good

  8. AYUSH KUMAR

    January 24, 2011 at 3:33 am

    BEST-BEST-BESTTTTTTTTTTTT
    AAP GR8 HO SIR JI.BEST

  9. प्रोफे. सुभाष गुप्ता

    January 24, 2011 at 6:10 am

    बहुत सुंदर…. लाजवाब। अपने पोर्टल का ये नूर देखकर दिल गदगद हो गया… बदलाव बेहतरी के लिए हो, तो नतीजे इतने सु्ंदर हो सकते हैं… .. ये बदलाव बहुत खूबसूरत… मनभावन और सहजता लिये हुए है। यशवंत जी इस कदम से आपने पोर्टल का पूरा लुक ही नहीं, बल्कि इम्पैक्ट भी बदल दिया है। लेकिन ये सिर्फ आग़ाज़ है, अंजाम नहीं…. विश्वास है… ये कामयाबी और ये गंभीर खूबसूरती एक न टूटने वाला सिलसिला बन जाएगी…। बधाई।

  10. arun dogra reetu

    January 24, 2011 at 7:19 am

    यशवंत जी बधाई
    वास्‍तव में परिवर्तन संसार का नियम है और अब भडास पहले से और अधिक आकर्षक हो गया है
    आप इसी तरह आगे बढें यही हमारी कामना है
    अरुण

  11. Charanjeet Jassi

    January 24, 2011 at 7:48 am

    Jashwant G
    It is very nice & Best of luck for everything
    Jassi

  12. Vivek Vishvas

    January 24, 2011 at 7:53 am

    badlav hi jivntata hai.badhia..

  13. AN Shbili

    January 24, 2011 at 10:30 am

    यशवंत भाई
    वैबसाइट से लाल रंग हटा कर आपने बहुत अच्छा किया। मैं हमेशा सोचता था की यह रंग खराब है मगर यह सोच कर आपको मशविरा नहीं देता था की आप कहेंगे भाई मेरी साइट है मेरी मर्ज़ी। अनिल सिंह को नई जेम्मेदारी के लिए मुबारकबाद। रंग कोई भी हो उम्मीद है भड़ास पहले की भांति ही सफल रहेगा।

  14. sudeep

    January 24, 2011 at 11:50 am

    yaswant singh ji font size badana achcha nirnaya hai. magar, lal rang ka gayab hona achcha nahi lag raha hai.

  15. narender vats

    January 24, 2011 at 2:15 pm

    cong. this is good.

  16. rajesh chourasia (09424910001)

    January 24, 2011 at 2:52 pm

    अनिल सिंह को नई जेम्मेदारी के लिए मुबारकबाद..
    उम्मीद है भड़ास पहले की भांति ही सफल रहेगा…

  17. चंद्रशेखर हाडा

    January 24, 2011 at 4:17 pm

    बहुत सुन्दर बदलाव है यशवंत भाई….बस, तेवर नहीं बदलने चाहिए. हमेशा की तरह हमारी शुभकामनायें.

  18. Rajendra Gunjal

    January 24, 2011 at 5:18 pm

    Hara rang jama nahin.

  19. anjna singh parmar

    January 25, 2011 at 7:03 am

    thank’s yashwant sir, bhadas4media ka ye naya andaz mujhe kafi jhakas laga. is chage ko dekhkar yesa laga ki ab jyada achhe se bhadas nikal sakaenge. ye chage bilkul isake naam ke according ho gaya hai. i feel that hum readers ko jaise aapne bahut saari freedom apne vicharon ko vayakt karne ke liye de di ho.

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