दैनिक भास्कर, रांची से खबर है कि काम को लेकर हुए विवाद के बाद सीनियर रिपोर्टर प्रभात कुमार ने इस्तीफा दे दिया है. अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है. बताया जा रहा है कि बिहार डेस्क देखने वाले प्रभात कुमार का बिहार के एक ब्यूरो के रिपोर्टर से कहासुनी हो गई. उन्होंने उसकी शिकायत संपादक राघवेन्द्र से की, परन्तु संपादक ने कोई तवज्जो नहीं दिया, जिससे नाराज प्रभात कुमार शुक्रवार की रात को ही अपना इस्तीफा देकर चले गए. बताया जा रहा है कि विवाद करने वाला रिपोर्टर संपादक के साप्ताहिक अखबार में काम कर चुका है. इस संदर्भ में जब प्रभात कुमार से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन स्वीच ऑफ मिला.
आईबीएन7 से खबर है कि गौरव मिश्रा को हटा दिया गया है. गौरव मिश्रा पिछले कई सालों से सहारनपुर में आईबीएन7 को अपनी सेवाएं दे रहे थे. उन्हें अपने लोकल ब्यूरोचीफ की दूसरे चैनलों के लिए भी रिपोर्टिंग करने की बात न मानना महंगा पड़ गया. उन्होंने पूरे मामले की लिखित एवं मौखिक शिकायत यूपी के वरिष्ठों से लेकर नोएडा में बैठे हाकिमों से की थी, पर सीनियरों को अपने जूनियर की जूझने और अपनी बात कहने की हरकत रास नहीं आई और गौरव को ही बलि का बकरा बना दिया गया. गौरव की जगह पंकज बालियान को आईबीएन7, सहारनपुर की जिम्मेदारी सौंप दी गई है.
Sushant Kumar
September 24, 2011 at 10:51 am
आई बी एन 7 को शुभ कामनाऎं। चलो जो हुआ अच्छा ही हुआ। घण्टाघर पर एक पत्रकार के आफ़िस में लगे कई दिग्गज पत्रकारों में से एक (गौरव मिश्रा) का तो विकेट गिरा। कहते हैं ना अती हर चीज की बुरी होती है। घण्टाघर पर आफ़िस में क्या क्या होता है कंहा कंहा डील होती है यह सभी को मालुम है। अब जब चैनल वालों को पता चलेगा कि महाशय चैनल की आड में क्या क्या गुल खिलाते हैं तो चैनल वाले कंहा बर्दाश्त करने वाले हैं। जनाबेआला के पास ना तो कैमरा है ना ही आफ़िस है, बस घण्टाघर के आफ़िस में जमा कई चैनलों के दो कैमरा मैन हैं। वहीं सारी खबरों का संकलन कर लाते हैं और फ़िर एक मोहतर्मा उन्हे अपने कम्पयुटर से एडिट कर सभी चैनलों पर भेज देती हैं।
देखिये ऊपर वाला सभी का हिसाब किताब रखता है। यह तो सभी को पता था कि शहर कि दलाली करने वालों का यही हाल होता है। अब अगर तुम एस डी ए के साथ थानेदारों को भी धमकाओगे तो कोई ना कोई तो तुम्हारी शिकायत करेगा ही। तो अब भुगतो, तुम्हारे साथ जो हुआ अच्छा ही हुआ। तुम्हे तो आई बी एन 7 को बहुत पहले ही निकाल देना चाहिये था। चलो देर से ही सही किसी चैनल ने तो सहारनपुर की गन्दगी साफ़ करने की शुरुआत की। अब बाकी चैनलों को भी चाहिये की अपने चैनलों से इस तरह की गन्दगी को साफ़ करे।
Raju Malhotra
September 24, 2011 at 11:33 am
यशवंत जी,
गौरव मिश्रा जैसों की क्या औकात जो नोएडा में बैठे हाकिमों से अपनी नौकरी बचवा सकें। आईबीएन7 का लोकल ब्यूरो चीफ़ तो इतना भ्रष्ट है कि उसे सिवा पैसे के कुछ भी नज़र नहीं आता और ये पैसे के लिये खबर तो क्या अपने स्वाभिमान को भी बेच दें। नोएडा आफ़िस में भी इनके दलालों की लंबी फ़ौज बैठी है। जिस पंकज बालियान को जिम्मेदारी दी गई है वो पत्नी का ह्त्यारा है और प्रदीप शर्मा जैसे वरिष्ठ पत्रकार जिन्होंने इसे अपने घर में आसरा दिया उन्हीं की बीवी को दो बार लेकर भाग गया। और अब सहारनपुर में अपना मुंह छुपा कर पड़ा है।
Sushant Kumar
September 24, 2011 at 8:02 pm
यशवन्त जी नमस्कार।
आपसे अनुरोध है कि इस आईबीएन7 से हटाए गए गौरव, पंकज को जिम्मेदारी खबर को अलग लिंक में डाल दें। क्योंकि इसमें सभी को बहुत कन्फ़्यूजन हो रहा है। इस पर इतने कोमैन्टस आयेगें कि आप भी कहेगें कि इस हफ़्ते की सबसे बडी खबर यही है।
db
September 25, 2011 at 7:36 am
aisa koi saga nahi jisko raghvendra ne thaga nahi….good luck prabhat.achchha kiya. behtar hi hoga.isse zyada kya kaha ja sakta kyonki raghvendra ko jannewale iss baat ko achchhi tarah se samajh sakte hai.
vikas
September 25, 2011 at 11:41 am
Ranchi ka sampadak raghvendra chor hai. uske paas sare choron ki fauz hai. Bhaskar aakar usne in sabhi ko is sansthan se jod liya aur ab akhbar ki chavi dhumil kar raha hai. ise prabhat khabar ne dhanbad se hataya tha. iske karan Dhanbad ke ek parivar ke mukhiya ne suside kar liya tha. shayad dhanbad ka harf insan ye baat janta hai.
Gaurav Mishra
September 26, 2011 at 8:31 am
प्रिय सुशांत असली नाम से कमेंट डालते हुए फ़ट रही थी क्या?? घंटाघर पर जो होता है वो कम से कम तुम्हारे आफ़िस से तो कम ही होता है और रही बात दलाली की तो तुम्हें शर्म आनी चाहिए क्योंकि तुम तो रंडियों की भी दलाली करते हो और सब को यह बात मालूम है। आईबीएन7 में काम करने के लिये तो तुझ जैसा दलाल भी हाथ पैर मार रहा था और अपनी गां** के घोड़े खोल रहा था लेकिन क्या हुआ? लिहाज़ा औकात में रह और तरीके से रह तेरी कारगुज़ारियां किसी से नहीं छुपी हैं। गौरव मिश्रा किसी के तलुवे नहीं चाटता नहीं तो आज भी कोई ह्टा नहीं सकता था।
Rajesh Jain
September 26, 2011 at 10:21 am
प्यारे, नादान, सिरफ़िरे सुशांत,
घंटाघर दफ़्तर में हिजड़ों, कायरों और तेरे जैसे कमीने दलाल और दो मुंहे सांप जैसे के आने पर प्रतिबंध है। बोर्ड के माध्यम से स्पष्ट निर्देश अंकित हैं कि पापी लोग पवित्र स्थान से दूर रहें। दफ़्तर की पवित्रता क्या होती है ये तो शायद तेरी मां ने भी तुझे नहीं सिखाया होगा? तुझे मेरी नेक सलाह है कि चेहरे पर किसी और का नकाब न लगा क्योंकि फ़र्जी चेहरे वाले जरूर अपना मुंह काला कराते हैं। आईबीएन7 से गौरव को हटाया या पंकज को नियुक्त किया इससे मुझे लेना देना नहीं है पंकज हो या गौरव दोनों ही मेरे अपने छोटे भाई हैं। मेरी तुझे नेक सलाह है कि तू सहारनपुर के किसी भे पत्रकार के दफ़्तर को दलालों का दफ़्तर न बता और पहले अपने गिरेबान में झांक ले तो सब कुछ ठीक लगेगा।
RAM KUMAR PUNDIR
September 26, 2011 at 3:45 pm
Gauravji,ye jankar mujhe bahut dukh hua ? Yaswant ji,Namaskar Gaurav mishra ek nek dil insaan hai, jo ki peet patrekarita karte chale aa rahe hai,Lekin kuch logo ko yeh hajam nahi hota hai,meri to IBN7ke chief editor se yehi request hai k is par puneh vichar kare?
Khalid Hasan
September 27, 2011 at 7:55 am
यशवंत जी नमस्कार,
अपने इस कमेंट के माध्यम से मैं सहारनपुर के समस्त पत्रकार साथियों का ध्यानाकर्षण चाहूंगा और साथ-साथ सभी को सावधान भी करना चाहूंगा, सिवाए एक के । अब आप सब लोग सोच रहे होंगे कि ये एक कौन है? ये तथाकथित पत्रकार ऐसा विभीषण है जो सहारनपुर के पत्रकारों में न सिर्फ़ फूट डाल रहा है बल्कि अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिये उन्हें आपस में भिड़वा भी रहा है। ये एक ऐसा सांप है जो किसी को कभी भी डस सकता है। इस खबर पर सुशांत के नाम से कमेंट डालने वाला यह पत्रकार अब पहचाना जा चुका है और पूरे सबूतों के साथ अब इस सुशांत नाम के पत्रकार को बेनकाब किया जायेगा। सुशांत जी ये आप भी जानते हैं कि बहुत ज़्यादा चालाकी और राजनीति एक दिन खुद को ही ले डूबती है। तो दोस्तों इन्तज़ार कीजिये एक ऐसे खुलासे का जिस में सब साफ़ हो जायेगा|
faisal khan
September 28, 2011 at 1:19 pm
yasahwant ji pehle to mai apko ye bata doon ki jis insan mai sahi naam se samne aa kar baat karne ki himmat aur auqat nahi hai usko aap hi itni tawajjo kiyun dete hain,ye jo yashwant ke naam se coment dal raha hai ye saharanpur ka sabse bada kameena insan hai iski itni auqat to hai nahi ki kisi ke samne sahi naam se baat kare doosri baat ye ki saharanpur ke tamam patrkar iski asliyat jante hain ki ye zaleel insan kon hai ye zaleel saharanpur ke tamam patrkaron mai phoot daalna chah raha hai magar is kameene ko kamyabi nahi milne wali aur ham apko ye bhi bata rahe hain ki jaldi hi is zaleel ko benaqab karke bhadas ke samne layenge.aur doosri baat is kutte sushant ko bata den ki adhikariyon ki chaploosi karke koi patrkar nahi banta,himmat hai to patrkarita karke dikha chaploosi aur dalali mat kar kameene yashwant,,m faisal khan(channel one news)saharanpur-9412230786
faisal khan
September 28, 2011 at 1:51 pm
maine jo comment dala hai usme last mai sushant ki jagah ghalti se yashwant likh diya gaya hai mai uski maafi chahta hoon ye sushant padha jaye,m faisal khan,saharanpur
saurabh shukla
October 3, 2011 at 8:27 am
यशवन्त दादा नमश्कार , सहारनपुर मे पत्रकारो की उठा पटक के चलते बद्लाव की स्थिती भडास पर देखा के आई. बी. एन. 7 के स्ट्रीन्गर गौरव मिश्रा को हटा दिया गया…हटाने का कारण मेने पढा.. दुख हुआ के ब्युरो वाद के चल्ते एक काबिल नोजवान लड्के के भविष्य के साथ खिलवाड कहा तक उचित है. नोएडा डेस्क को ये भी खयाल रखना चाहिये आपके बडे- बडे चेनल इन्ही की बदोलत चलते है… एसे मे इन बेचारो को गलत ढग से अनुचित दबाव बनाकर ब्युरो चीफ़ द्वारा तगं किया जा रहा था. जिस्का नतीजा यह हुआ. के बडे मगरमछों ने छोटी मछ्ली को निगल लिया….मुझे पत्रकारिता मे 10 साल हो चुके है. ओर एसे ना जाने कितने ही किस्से मेरे सामने हुए कभी दुख नही हुआ. लेकिन अभिषेक शर्मा जेसे दलाल , भड्वे , चाटुकार टी. वी . पत्रकारिता मे विनाष की स्थिती उत्पन्न कर रहे है . इन अभिषेक शर्मा जेसे दलालो को राजदीप जी आई. बी. एन. 7 से बाहर का रास्ता ज़रुर दिखाए.. यही लोग चेनल को कम्ज़ोर बना रहे है. तभी अच्छे स्ट्रीन्गर ना के बराबर ही रह गए है..ओर चेनल सोजन्य से खबरे चलाते है. ब्युरो चीफ़ बने बागड बिल्ले हर समय मलाइ की तलाश मे रह्ते है. ओर जब चाहा किसी भी रेपोर्टर को हटा दिया ओर रख लिया……. इस अभिषेक शर्मा को मे दैनिक जागरण के समय से जानता हु जनाब थर्ड क्लास डिग्री से पास है. ओर जागरण मे क्राईम देखा करते थे . तब भी ये आदमी घटिया था. ओर आज भी घटिया है…
गौरव से एक ही बात कहना चाहुगा .. के बेटे ज़िन्दगी मे कभी हार नही माननी चाहिये..एसे ना जाने कितनी ही दिक्कते आयेगी.. डट कर मुकाबला करते रहो……
अंकित माथुर
October 4, 2011 at 9:23 am
स्टिंगर्स के साथ इस प्रकार का रवैया अख्तियार करना किसी भी चैनल के लिये कोई नई बात नही है, स्टिंगर्स चाहे कितनी भी मेहनत और ईमानदारी के साथ कम करें, (ईमानदारी खबर के लिये समर्पण के संदर्भ में पढ़ा जाये) फ़िर भी उनके साथ सदैव ही सौतेला व्यवहार किया जाता है। जब तक उनके हाकिम प्रसन्न वदन रहें तब तक तो आपकी मौज है, लेकिन यदि किसी व्यक्तिगत कारण के चलते वो आपसे रुष्ट हो जायें () तो फ़िर तो भईया स्टिंगरी गई ही समझिये। ऐसा ही कुछ सहारनपुर के युवा एवं काबिल पत्रकार गौरव मिश्रा के प्रकरण में हुआ है। गौरव द्वारा अपने हाकिमों के लिये तत्परता का एवं कुछ भी हाज़िर करने के लिये जुट जाने का एक अति सूक्ष्म प्रकरण मैने भी देखा है, जब अपने व्यक्तिगत मूल्यों के विपरीत जा कर के भी, अपना मन मारकर भी वो एक फ़रमाईशी (चीफ़ साहब की फ़रमाईशें) कार्यक्रम के संचालन करने के लिये बाध्य किये गये थे। सहारनपुर के कुछ आला अधिकारियों से उनका विवाद भी हो गया था, चूंकि उस समय हाकिमों का वरद हस्त उनके उपर था इस लिये कोई कुछ कर नही पाया, लेकिन ज़रा सी नाफ़रमानी करना उनके लिये काफ़ी महंगा साबित हो गया।
आशा है कि गौरव आने वाले समय में और अच्छे से काम करते रहें और सफ़लता के नये आयामों को प्राप्त करें।