दैनिक हरिभूमि, दिल्ली के स्थानीय संपादक अरविंद कुमार सिंह द्वारा लिखित और नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित किताब भारतीय डाक के एक खंड चिट्ठियों की अनूठी दुनिया को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) ने आठवीं क्लास की हिंदी टेक्स्ट बुक वसंत-3 में शामिल किया है। भारतीय डाक पर अरविंद कुमार सिंह द्वारा लंबे शोध के बाद लिखी गई किताब को अब एनबीटी द्वारा अंग्रेजी समेत कई भाषाओं में अनूदित कर प्रकाशित किया जा रहा है।
किताब में संचार के कई पक्षों को समेटा गया है और भारतीय डाक को ग्रामीण इलाकों के लिए जबरदस्त उपयोगिता के बारे में बतलाया गया है। अरविंद कुमार सिंह की किताब में कई रोचक और संग्रहणीय तथ्य हैं, उदाहरण के तौर पर कुछ इस प्रकार हैं…..
- भारतीय डाकखानों द्वारा रोज साढ़े चार करोड़ चिट्ठियां भेजी जा रही हैं।
- भारतीय सैनिकों के बीच रोज सात लाख से अधिक चिट्ठियां बांटी जाती है।
- दुनिया का सबसे पुराना पत्र 2009 ईसा पूर्व सुमेर कालखंड का माना जाता है। यह पत्र मिट्टी की पटरी पर लिखा गया था।
हिंदी भाषा में लिखी गई इस किताब और किताब के एक अंश को आठवीं क्लास की किताब में शामिल किए जाने की गौरवाशाली उपलब्धि पर भड़ास4मीडिया की तरफ से वरिष्ठ पत्रकार अरविंद कुमार सिंह को ढेर सारी बधाइयां। अगर आप भी अरविंद जी को विश करना चाहते हैं तो उनसे उनकी मेल आईडी [email protected] से संपर्क किया जा सकता है।
chirag
July 3, 2010 at 12:22 pm
add something more………………….. disappointing:(:(:(:(
उमाशंकर उपाध्याय
November 7, 2010 at 9:24 pm
उमाशंकर उपाध्याय
सिंह साहब को उनकी किताब भारतीय डाक के एक खंड चिट्ठियों की अनूठी दुनिया को राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा आठवीं क्लास की हिंदी टेक्स्ट बुक वसंत-3 में शामिल किये जाने पर ढेरों बधाईयां एवम शुभ कामनायें…!
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