न्यूज 24 के मैनेजिंग एडिटर अजीत अंजुम पिछले दिनों हरिद्वार गए. महाकुंभ में शरीक होने. वे शरीक हुए तो पूरी आत्मा से हुए. गाजा-चिलम कभी पकड़ा नहीं, पिया नहीं पर वहां बाबाओं की कशबाजी देख उनका भी मन डोल गया. उन्होंने एक बाबा को पकड़ा और चिलम दर्शन को सैद्धांतिक तौर पर जानने-बूझने का प्रयास किया. पर सिद्धांत से दुनिया कहां समझ में आती है. उन्होंने प्रैक्टिकल की भी तैयारी कर दी.
बाबा से चिलम की मांग कर डाली. सकुचाए बाबा ने चिलम शहरी बाबू (ड्रेस कोड का पालन नहीं किया था अजीत जी ने) की तरफ बढ़ा दी. और देखते ही देखते कभी सिगरेट भी न पीने वाले शख्स ने दम मारो दम के अंदाज में चिलम गुड़गुड़ा दिया. इस अनुभव के बारे में अजीत अंजुम ने फेसबुक पर कुछ यूं लिखा है- ”हरिद्वार में बाबाओं को गांजे का कश लेते हुए देखकर मैं भी उनके पास बैठ गया. वैसे तो मैं पीने वालों में से नहीं हूं लेकिन सोचा, क्यों न बाबाओं की संगति का कुछ लाभ उठाया जाए. देखें तो आखिर इस कश में क्या है कि ये बाबा लोग इसके इतने शौकीन होते हैं. गंगा के किनारे धूनी रमाए बाबा मुझे चिलम पीने का तरीका समझाने लगे. कई बार कोशिश करने के बाद ही धुएं का एक कतरा खींच पाया. इतने में ही बेदम हो गया. धुआं मेरे शरीर के भीतर गया और पूरा शरीर कूदने लगा. कभी सिगरेट मैंने पी नहीं तो ये कश कहां से झेल पाता. लेकिन ये बाबा लोग तो पूरी जिंदगी चिलम भरते और पीते गुजार देते हैं.”
अजीत अंजुम फेसबुक पर आगे लिखते हैं- ”साधुओं के साथ मेरी इस तस्वीर को देखकर एक-दो साथियों ने मुझे कहा कि ऐसी तस्वीर नहीं पोस्ट करनी चाहिए. ऐसा उन्होंने पता नहीं क्यों कहा. अरे भाई, मैं कोई गंजेड़ी नहीं. शराब और सिरगरेट से भी मैं कोसों दूर हूं. साधुओं के साथ बैठे-बैठे सोचा कि जरा देखें तो क्या चीज है ये. बहुत मुश्किल से तो कश ले पाया और देर तक खांसता रहा. समझ में नहीं आया कि क्यों पीते हैं लोग. किसी जमाने में अपने दोस्तों को सिगरेट पीते हुए देखकर सोचा करता था आखिर इसमें ऐसी क्या खास बात है. मैंने भी एक दो बार दोस्तों की जिद के सामने झुकते हुए जबरन सिगरेट का कश लिया जरूर, लेकिन मेरे सवालों का जवाब आजतक नहीं मिला कि सिगरेट के धुएं में ऐसा क्या है.”
यह तो हुआ अजीत अंजुम का मस्तमौला चेहरा. पर महाराष्ट्र में शिव सैनिकों के उत्पात के वक्त अजीत अंजुम ने ‘न्यूज 24’ पर जो कार्यक्रम प्रसारित किया और उसमें जिस तरीके से सवाल-जवाब कर नेताओं की बोलती बंद की, उसकी काफी तारीफ हुई. उस कार्यक्रम के कुछ अंश को आप नीचे दिए गए वीडियो पर क्लिक कर देख सकते हैं….
Ganesh Jha
March 12, 2010 at 8:17 am
अरे अजीत जी, वाकई बहुत मजा आया होगा इस चिलमई दौरे में…पहले बताते की जा रहे हैं तोमैं बी साथ हो लेता. एक टोली बन जाती.
DIBYANSHU
March 12, 2010 at 5:55 am
एक बात जो अजीत जी ने फेसबुक पर नहीं लिखी है वो ये है कि कुंभ भ्रमण में उनके साथ गीतीश्री जी भी मौजूद थीं… दोनों ने बाबा दर बाबा कई मठों महंतों से मुलाकात की…
surendra joshi
March 12, 2010 at 11:22 pm
आदरणीय अंजुम साहब चिलम का कश खेंच कर कैसा महसूस किया…….क्या वाकई दम मारने से गम कम हो जाते है्………..
ajay tripathi,
March 13, 2010 at 3:18 am
अजीत भाई,
मैं तो आपको 1989 से जान और देख रहा हूं। ये वाला स्टाइल पहली बार देखा है।
चलो कुछ नया करते रहना चाहिए।
अजय त्रिपाठी भोपाल।
pratapsingh purohit, jalgaon(maharastra)
March 13, 2010 at 5:51 am
Ajit ji man gaye ise kahte hai story me pura dub jana aur magen ho jana ye hai patrekarita bhi aur babao ke sath enjoy bhi
pratapsingh purohit,
jalgaon(maharastra)
09850408196
raju
March 13, 2010 at 9:54 am
t v par sigrate ko ban kiyea jane ki vakalt karney waley ajit anjum ki yah harkat media key wastvikswroop ko darshati hi,
Ravishankar Ravi, Guwahati
March 13, 2010 at 9:59 am
Ajit ji to pahle se Fakkad kishm ke bairagi hai aur sath me Geetashee to subhan Ullah. Achchha laga jankar. Badhai hi.
promod
March 14, 2010 at 10:39 am
सब ड्रामा है भइया ड्रामा…
ravidra kumar
March 15, 2010 at 12:27 am
ganja piye raja
phoonk to bada jabardast mare hai bhai shaaab
Pankaj Mishra
March 17, 2010 at 4:22 pm
sir Aap ka ye kash accha raha keval bhagva ki kami thi nahi to aap bhi baba ban jate.
Pankaj Mishra
Jan Sandesh
ashraf ali
March 18, 2010 at 12:26 pm
sab TRP ka khel hai:)