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अनिल का नया काम- अर्थकाम.कॉम

[caption id="attachment_17240" align="alignleft" width="71"]अनिल सिंहअनिल सिंह[/caption]प्रतिभाशाली पत्रकारों में ब्लागिंग के शौक को पेशा बनाने का चलन बढ़ा : वरिष्ठ पत्रकार और आर्थिक मामलों के जानकार अनिल सिंह उर्फ अनिल रघुराज ने अर्थकाम डॉट कॉम नामक एक वेबसाइट लांच की है. आर्थिक गतिविधियों, अर्थशास्त्र, बिजनेस, मार्केट, मुद्रा के हर पहलू की बारीकी से विश्लेषण करने वाली यह वेबसाइट हिंदी भाषा में है.

अनिल सिंह

अनिल सिंह

अनिल सिंह

प्रतिभाशाली पत्रकारों में ब्लागिंग के शौक को पेशा बनाने का चलन बढ़ा : वरिष्ठ पत्रकार और आर्थिक मामलों के जानकार अनिल सिंह उर्फ अनिल रघुराज ने अर्थकाम डॉट कॉम नामक एक वेबसाइट लांच की है. आर्थिक गतिविधियों, अर्थशास्त्र, बिजनेस, मार्केट, मुद्रा के हर पहलू की बारीकी से विश्लेषण करने वाली यह वेबसाइट हिंदी भाषा में है.

इसे एक अप्रैल से आनलाइन किया गया है. अमर उजाला कारोबार, स्टार न्यूज, सीएनबीसी आवाज, बिजनेस भास्कर आदि अखबारों-चैनलों में काम करने के बाद अनिल सिंह अब नौकरियों से तौबा कर चुके हैं और अपनी प्रतिभा व अनुभव का इस्तेमाल करते हुए हिंदी भाषा और हिंदी भाषियों को आर्थिक मामलों में समृद्ध करने में जुट गए हैं. हिंदी में स्तरीय आर्थिक वेबसाइट की कमी को पूरा करने की अच्छी कोशिश है अर्थकाम डॉट कॉम. अर्थकाम डॉट कॉम का स्लोगन है- ”चुटकी भर टिप्स, मुट्ठी भर मंत्र”. साथ ही यह पोर्टल कहता है- ”….क्योंकि जानकारी ही पैसा है!”

इस वेबसाइट के बारे में अनिल सिंह कहते हैं- ”यह एक आदमी का प्रयास कतई नहीं हो सकता। लेकिन यह भीड़ का भी प्रयास नहीं है। यह हिंदी जगत के उन लोगों का प्रयास है जो अनेक होते हुए भी एक हैं। हिंदी समाज के जरिए सारे भारत को मजबूत धरातल देने का प्रयास है यह। हिंदी अवाम के बहाने सारे वंचित भारतवासियों को शक्तिसंपन्न बनाने का प्रयास है यह। अनेक में शामिल एक मैं हूं तो एक आप भी हैं। आइये, हम सब मिलकर कौटिल्य की परंपरा को आगे बढ़ाते हैं। गढ़ते हैं एक नया अर्थशास्त्र जो भारत की प्राकृतिक और मानव संपदा के संपूर्ण विकास की गारंटी देगा। लेकिन कुछ नया लाने के लिए पुराने को गहराई से समझना जरूरी है। तो शुरुआत मौजूदा आर्थिक व वित्तीय प्रणाली की गूढ़ता को भेदने से करते हैं।”

हिंदी-अंग्रेजी के सवाल पर अनिल सिंह का कहना है- ”भाषा ने एक जबरदस्त विभाजन रेखा खींच रखी है। करीब दस करोड़ लोग हैं जो अंग्रेजी में सोचते है, अंग्रेजी ही बोलते हैं। इनके लिए सारा अर्थ जगत खुला हुआ है। लेकिन हम हिंदी वालों के लिए अर्थ की दुनिया अबूझ पहेली की तरह है। इसलिए हमारी वित्तीय साक्षरता जरूरी है। दूसरे भारतीय परंपरा के अनुसार धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष में ही जीवन का संपूर्ण चक्र समाहित है। इन्हें जीवन का चार पुरुषार्थ माना गया है। इसलिए अर्थकाम आपकी वित्तीय साक्षरता ही नहीं बढ़ाएगा, वह आपको जीवन को समग्रता से समझने के साधन भी उपलब्ध कराएगा।”

अनिल सिंह हिंदी ब्लागिंग में लंबे समय से सक्रिय हैं. वे ”एक हिंदुस्तानी की डायरी” नामक ब्लाग लिखते हैं. वे पुराने व वरिष्ठ ब्लागों में शुमार किए जाते हैं. इधर ऐसा देखा जा रहा है कि जो लोग भी हिंदी ब्लागिंग में शुरुआत दौर में सक्रिय हुए, उनमें से ही कुछ लोग देर-सबेर फ्री के ब्लाग से सीख-समझ लेकर आगे बढ़ते खुद के पैसे से हिंदी में प्रोफेशनल वेबसाइट शुरू कर रहे हैं और हिंदी भाषी समाज को आनलाइन दुनिया में नया कुछ दे पा रहे हैं. पारंपरिक मीडिया को आइना दिखाते हुए ये वेबसाइटें ऐसी खबरें-घटनाएं प्रकाशित कर पा रही हैं जिसे पैसे के लालच या सत्ता के भय के कारण बड़े अखबार, बड़े न्यूज चैनल व बड़े मीडिया हाउसों की वेबसाइटें नहीं पब्लिश कर पाती हैं.

प्रोफेशनल वेबसाइट के जरिए इन पत्रकारों-ब्लागरों को अपनी प्रतिभा, अनुभव, प्रयोगधर्मिता के लिए एक उपयुक्त मंच तो मिल ही जाता है, साथ ही इसके जरिए वे खुद के लिए स्थाई रोजगार भी सृजित कर पाते हैं. अगर आपका शौक ही आपका पेशा बन जाए तो इससे अच्छी कोई बात हो नहीं सकती. आगे आने वाले दिनों में संभव है कई और हिंदी के पत्रकार हिंदी ब्लागिंग के अपने अनुभवों को विस्तार देते हुए नए-नए आइडियाज पर हिंदी वेबसाइट लांच करें और नौकरी करते रहने की ट्रेडीशनल सोच से मुक्त होकर स्व-रोजगार व उद्यमिता की नई दुनिया में प्रवेश कर जाएं.

अनिल सिंह की वेबसाइट पर जाने और उन्हें शुभकामनाएं देने के लिए क्लिक करें- अर्थकाम डॉट कॉम

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0 Comments

  1. jagat mishra

    April 11, 2010 at 8:29 am

    Badhai ho sir,
    aapne jo kaha tha kar dikhaya. is karya keliye dher sari
    shubhkamnaye.

    jagat

  2. neeraj rai

    April 9, 2010 at 5:48 pm

    bhut badhiya sir ji, kam se kam website ke jarey hum bhi aap se jude rahenge….
    neeraj rai

  3. sapan yagyawalkya

    April 3, 2010 at 10:33 am

    हिंदी भाषा में इस नए प्रयोग के लिए हार्दिक शुभकामनायें स्वीकार करें.
    सपन याज्ञवल्क्य, बरेली (मप्र)

  4. anand bharti

    April 3, 2010 at 12:04 pm

    achhi khabar. shubhkamnayen.

  5. Vishal Gupta

    April 3, 2010 at 1:09 pm

    many congratulations Anil Ji.

    iska shiddat se jarurat mahsoos ho rahi thi.

  6. Alok Vani

    April 3, 2010 at 1:31 pm

    I have worked with Anil Sir and all I can say about him that he is amazing journalist. Tons of best wishes for new venture.

    Regards-
    Alok Vani.

  7. sushil Gangwar

    April 3, 2010 at 2:03 pm

    Aajkal sabhi journalist apna blog or site shuru kar rahe hai . aap to pahle se hi hindi blog likhte rahe hai . aapki shaandaar kowshish achi hai . Sabhi log es tareeke ka pryaas karte rahe to journalism field me nayee karnti aa sakti hai .

    Editor
    sushil Gangwar
    http://www.sakshatkar.com

  8. Aniruddha

    April 3, 2010 at 2:10 pm

    sir, badhai…………….

  9. कमल शर्मा

    April 3, 2010 at 3:21 pm

    अनिल सिंह जी को मोबाइल पर पहले ही बधाई दे चुका हूं। अब भड़ास के माध्‍यम से बधाई। अनिल सिंह जी बेहद विद्धान व्‍यक्ति है और उम्‍मीद है वे अपने ज्ञान का प्रचार प्रसार आम हिंदुस्‍तानी तक अब अच्‍छी तरह कर पाएंगे। अर्थ पर चल रही सभी साइटों पर अनिल सिंह जी भारी पड़े, यही शुभकामना।

  10. अनिल सिंह

    April 3, 2010 at 6:50 pm

    यशवंत भाई, सचमुच अभी तक बिना किसी कोशिश के जिस तरह का रिस्पांस अर्थकाम को मिला है, उसके लिए मैं आप सभी का आभारी हूं। मुझे यकीन हो चला है कि हमारे समाज में एक आग है जिसे कोई भी राख नहीं बना सकता। दूसरे धीरे-धीरे मैं यह भी देख रहा हूं कि सत्ता शीर्ष में बैठे लोग भी औपनिवेशिक कचरे से मुक्ति पाना चाहते हैं चाहे वो रिवाजों का हो, या कानूनों का। ऐसे में मैं आप सभी को भरोसा दिलाता हूं कि भारतीय समाज में ठीक सतह के नीचे तैरती इस धारा को मुख्य धारा बनाने के लिए सतत प्रयासरत रहूंगा। बस, ऐसे ही हौसला आफजाई करते रहें। हम तो अरसे से बंधनों और बाधाओं को तोड़ने के कायल हैं।
    आलोक वाणी, इतनी अच्छी तरह याद करने के लिए शुक्रिया। बाकी सभी को भी तहेदिल से धन्यवाद।

  11. जीत भाटी

    April 3, 2010 at 9:37 pm

    बहुत बहुत बधाइयाँ अनिल जी इस नई सुरुआत के लिए, इस प्रकार की वेब साईट की काफी जरुरत महसूस की जा रही थी में स्वय भी
    तलाश कर रहा था और आपने ये खोज पूरी कर दी इसके लिए धन्यवाद् ,
    हो सके तो कुछ अर्थशास्त्र में रूचि रखने वाले नए लोगो को भी आपके साथ काम करने का अवसर दे .
    जीत भाटी

  12. pradeep srivastava

    April 4, 2010 at 5:02 am

    अनिल जी ,
    बहुत-बहुत बधाई,
    हिंदी में अर्थ -व्यापार पर साईट शुरु करने के लिए.
    हम अंग्रेजी का दुखड़ा ले कर ही रोते रहते हैं,लेकिन
    हिंदी में पहल ही नहीं करते.आप ने किया,इसके लिए भी बधाई.
    अर्थ व्यापार ,व्यवसाय पर हिंदी मे कुछ भी नहीं है केवल अंग्रेजी मे.
    अब अंग्रेजी वालों कों कुछ सोचना पड़ेगा .
    पुनः बधाई.
    प्रदीप श्रीवास्तव
    निज़ामाबाद (आंध्र प्रदेश)
    0 9848997327

  13. Neeraj Bhushan

    April 4, 2010 at 5:27 am

    Best wishes for the new effort. Congratulations.

  14. Manoj Kumar-Zee Business

    April 4, 2010 at 1:42 pm

    अनिल जी ,
    बहुत-बहुत बधाई.
    और हो सके तो अर्थशास्त्र में रूचि रखने वाले लोगो को भी आपके साथ काम करने का अवसर दे.

  15. satya prakash azad

    April 4, 2010 at 2:55 pm

    anil ji ko hardiq badhai, sachchi koshish achchha rang layega…….

  16. ankit mathur

    April 5, 2010 at 8:13 am

    badhai ho Anil ji, behad shandar portal hai.

  17. Sanjay Katiyar

    April 6, 2010 at 3:32 pm

    Badi vali BADHAI…..mein bhi arth k baare mein kuchh samajh sakunga.
    sanjay katiyar

  18. arvind kumar singh

    April 6, 2010 at 3:42 pm

    anil bhai ki pratibha se chhatr jeevan se hi parichit hoon.aap jo prayog karte hain sada safal hota hai.yah bhi hoga.
    arvind kumar singh

  19. Ahmad

    April 7, 2010 at 2:27 pm

    achhi site bani hai ham bhi is disha mein prayas kartey hain ki kam se kam mein patrakaar bandhu ko website uplabdh karayee jaye. apne pair par khadey hone ke liye aap ek adarsh hain. http://www.thewebcare.com

  20. शंकर मराठे

    April 7, 2010 at 12:00 pm

    अनिल जी,

    अर्थकाम डॉट कॉम शुरु करने के लिए शुभ कामनाएं…

    अमर उजाला – कारोबार के बाद इस वेबसाइट के जरिए आपसे संपर्क हो रहा है।

    शंकर मराठे

  21. prince shukla

    April 12, 2010 at 9:57 am

    बधाई हो….हम लोग काफी समय से आपकी इस वेबसाइट का वेट कर रहे थे….अर्थ जगत से जुड़ी इस खास साइट का फायदा हमें हमेशा मिलेगा….अच्छा है….

  22. kanhaiya Singh

    April 24, 2010 at 9:07 am

    Anilji,i truly believe that you will set a benchmark and bring new glories, in the feild of hindi business journalism.
    Congratulations and all the very best…….

    Regards,
    kanhaiya Singh

  23. Azhar Khan

    August 31, 2010 at 7:29 am

    Acchi site hai. aajkal mai bhi WordPress me site bana raha hu.

  24. JOAN20Solis

    February 2, 2011 at 5:53 pm

    Following my own investigation, millions of persons in the world receive the personal loans from different banks. Thus, there is a good chance to find a short term loan in all countries.

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