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अयोध्या : सुलह नहीं, फैसला चाहते हैं पक्षकार

लखनऊ / अयोध्या : उत्तर प्रदेश में अयोध्या के फैसले से पहले लखनऊ से लेकर फैजाबाद तक माहौल गरमा गया है। लखनऊ में सियासी पारा बढ़ रहा है तो अयोध्या में आशंका और तनाव। दूसरी तरफ अयोध्या मसले पर दोनों तरफ के पक्षकारों में सुलह की अंतिम कोशिश भी नाकाम होती नज़र आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले के पक्षकारों के बीच सुलह की एक और कोशिश के लिए 17 सितम्बर की तारीख़ तय की गई है। पर कोई पक्षकार सुलह के मूड में नहीं है।

<p style="text-align: justify;">लखनऊ / अयोध्या : उत्तर प्रदेश में अयोध्या के फैसले से पहले लखनऊ से लेकर फैजाबाद तक माहौल गरमा गया है। लखनऊ में सियासी पारा बढ़ रहा है तो अयोध्या में आशंका और तनाव। दूसरी तरफ अयोध्या मसले पर दोनों तरफ के पक्षकारों में सुलह की अंतिम कोशिश भी नाकाम होती नज़र आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले के पक्षकारों के बीच सुलह की एक और कोशिश के लिए 17 सितम्बर की तारीख़ तय की गई है। पर कोई पक्षकार सुलह के मूड में नहीं है।</p>

लखनऊ / अयोध्या : उत्तर प्रदेश में अयोध्या के फैसले से पहले लखनऊ से लेकर फैजाबाद तक माहौल गरमा गया है। लखनऊ में सियासी पारा बढ़ रहा है तो अयोध्या में आशंका और तनाव। दूसरी तरफ अयोध्या मसले पर दोनों तरफ के पक्षकारों में सुलह की अंतिम कोशिश भी नाकाम होती नज़र आ रही है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में इस मामले के पक्षकारों के बीच सुलह की एक और कोशिश के लिए 17 सितम्बर की तारीख़ तय की गई है। पर कोई पक्षकार सुलह के मूड में नहीं है।

दोनों पक्षकारों के वकीलों ने सुलह की संभावना से इनकार किया। दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कल सुबह अयोध्या में रामलला के दर्शन कर साधू संतों के साथ बैठक करने जा रहे हैं। हालाँकि अयोध्या-फ़ैजाबाद में निषेधाज्ञा लागू कर सभी तरह के प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। फैजाबाद के एसएसपी राजेश कुमार सिंह राठौर ने कहा- जिले में धारा 144 लागू है और इसके तहत नियमों का पालन करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह को अयोध्या में रामलला के दर्शन की इजाजत दी जा सकती है पर निषेधाज्ञा तोड़ने पर गिरफ्तार भी किया जा सकता है।

उधर भाजपा के उपाध्यक्ष विनय कटियार ने इस मामले में केंद्र सरकार से दखल की मांग की। उन्होंने कहा कि आस्था और विश्वास के मामले अदालते हल नहीं कर सकतीं। कटियार के मुताबिक अदालत ने निर्णय आने के पूर्व दोनों पक्षों को बातचीत का जो मौका दिया है वह सराहनीय है इसलिए अब केन्द्र सरकार को इस मामले में आगे आना चाहिए।

सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्षकारों के वकील जफरयाब जिलानी ने कहा- हमारा साफ मानना है कि इस मसले पर सुलह नहीं हो सकती, अदालत अपना फैसला दे। इस तरह की कोशिशें पिछले 19 साल में कई बार हुईं और कोई नतीजा नहीं निकला। इसलिए इस सिलसिले में जो अर्जी दी गई है उस पर विचार करने का कोई अर्थ नहीं है। हम इस मामले में किसी भी तरह के सुलह के पक्ष में नहीं है।

दूसरी तरफ रामजन्म भूमि पुनरोद्धार समिति की तरफ से पेश होने वाली वकील रंजना अग्निहोत्री ने भी सुलह की संभावनाओं को ख़ारिज करते हुए याचिकाकर्ता पर ही सवाल खड़ा कर दिया। रंजना अग्निहोत्री ने कहा- यह तो न्यायपालिका की साख खराब करने की कोशिश है। जिस व्यक्ति ने अर्जी दी वह अब तक कहाँ सोया हुआ था। हम इस मामले में फैसला चाहते हैं। दरअसल अंतिम समय में जिस तरह का दबाव बढ़ा और यह अर्जी दी गई, उससे लोग हैरान भी हुए हैं। लोगों का मानना है कि सभी फैसले का इन्तजार कर रहे, ऐसे में इस तरह की कवायद से भ्रम हो सकता है। गौरतलब है कि एक पक्षकार रमेश चन्द्र त्रिपाठी की अर्जी पर दोनों पक्षों से सुलह की कोशिश की जा रही हैं।

दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह कल अयोध्या जा रहे हैं। कल्याण सिंह ने कहा- मैं रामभक्त के रूप में रामलला के दर्शन करने अयोध्या जा रहा हूँ। वहां रामलला के दर्शन के बाद हनुमान गढ़ी जाऊंगा और उसके बाद साधू संतों के साथ सलाह मशविरा करूँगा। कल्याण सिंह के साथ करीब डेढ़ सौ गाड़ियों का काफिला होगा। उधर अयोध्या में सुरक्षा और बढ़ा दी गई है। कई और स्कूलों में सुरक्षा बल के जवान ठहरा दिए गए हैं। जिले के 52 स्कूलों को नोटिस दी गई है कि कभी भी उनका परिसर लिया जा सकता है। अयोध्या फैजाबाद में दफा 144 लगा दी गई है और प्रदर्शन पर रोक लगा दी गई है। इसके अलावा खुशी या गम का कोई कार्यक्रम भी सार्वजनिक रूप से नहीं मनाया जा सकता है।

बढ़ते तनाव का असर अब दिखाई देने लगा है। अयोध्या में लोगों ने खाने व अन्य सामान इकठ्ठा करना शुरू कर दिया है। इसके चलते शाक सब्जी का दाम भी बढ़ गया है। फैजाबाद प्रशासन कल्याण सिंह के दौरे को लेकर सतर्क है और उन्हें अपने समर्थकों के साथ जाने से रोका जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक उन्हें राम सनेही घाट या लखनऊ सीमा में ही रोका जा सकता है।

अंबरीश कुमार / त्रियुग नारायण तिवारी की यह रिपोर्ट आज जनसत्ता अखबार में प्रकाशित हुई है.

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0 Comments

  1. RAKESH SHARMA

    September 16, 2010 at 9:52 am

    AUR KYA HO SAKTA HAI IS DESH ME. DARSHAN BHI MAT KARNE DO . ARE KISI ME HIMMAT HAI TO KASMIR JAO . UNHE ROKO JO DESH SE GADDARI KAR RAHE HAIN . UNSE TO BAT KAR RAHE HO AUR INHE DARSHAN BHI MAT KARNE DO . HE RAM……………. AB TO SAMBHALO IS DESH KO

  2. gulshan saifi

    September 17, 2010 at 12:02 pm

    na koi hindu bura hai,na musalman bura hai,
    agra aa jao burai par to inshan bura hai,jai bharat mata jai hindustan.jai,,,,,,,,,,?

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