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सम्मान

बालेन्दु दाधीच को ‘ज्ञान प्रौद्योगिकी पुरस्कार’

[caption id="attachment_17057" align="alignleft" width="85"]बालेंदु दाधीचबालेंदु दाधीच[/caption]हिंदी के लोकिप्रय समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी॰कॉम के समूह संपादक बालेन्दु दाधीच को दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी का प्रतिष्ठित ‘ज्ञान प्रौद्योगिकी पुरस्कार’ देने की घोषणा की गई है। राजधानी में 23 मार्च को आयोजित किए जाने वाले समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और प्रख्यात बंगला लेखिका महाश्वेता देवी यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार स्वरूप 50 हजार रुपए नकद, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। श्री दाधीच को हिंदी पत्रकारिता और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। बालेंदु 12 वर्ष से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिंदी के लिए काम कर रहे हैं। वे हिंदी सॉफ्टवेयरों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित समिति के सदस्य हैं।

बालेंदु दाधीच

बालेंदु दाधीच

बालेंदु दाधीच

हिंदी के लोकिप्रय समाचार पोर्टल प्रभासाक्षी॰कॉम के समूह संपादक बालेन्दु दाधीच को दिल्ली सरकार की हिंदी अकादमी का प्रतिष्ठित ‘ज्ञान प्रौद्योगिकी पुरस्कार’ देने की घोषणा की गई है। राजधानी में 23 मार्च को आयोजित किए जाने वाले समारोह में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और प्रख्यात बंगला लेखिका महाश्वेता देवी यह पुरस्कार प्रदान करेंगी। पुरस्कार स्वरूप 50 हजार रुपए नकद, शॉल एवं प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। श्री दाधीच को हिंदी पत्रकारिता और सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान के लिए यह सम्मान प्रदान किया जा रहा है। बालेंदु 12 वर्ष से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हिंदी के लिए काम कर रहे हैं। वे हिंदी सॉफ्टवेयरों के बारे में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से गठित समिति के सदस्य हैं।

वे विदेश मंत्रालय की ओर से न्यूयॉर्क में आयोजित विश्व हिंदी सम्मेलन से जुड़ी तकनीकी एवं वेब समितियों के भी सदस्य रहे हैं। उन्हें संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि आयोग के पुरस्कार के अलावा 2008 का अक्षरम सूचना प्रौद्योगिकी सम्मान एवं माइक्रोसॉफ्ट मोस्ट वेल्युएबल प्रोफेशनल पुरस्कार मिल चुका है। हिंदी अकादमी के पुरस्कार पर प्रतिक्रिया करते हुए उन्होंने कहा कि यह हिंदी में हुई तकनीकी प्रगति और न्यू मीडिया का सम्मान है, जो इन क्षेत्रों में कायर्रत युवाओं को नया जोश और उत्साह प्रदान करेगा। प्रिंट और इलेक्ट्रानिक पत्रकारिता की तुलना में न्यू मीडिया में स्थितियां अधिक चुनौतीपूण्र हैं और इस तरह की मान्यता उन्हें शक्ति और नया हौसला देगी। पत्रकारिता के क्षेत्र में विश्वव्यापी परिवर्तनों और न्यू मीडिया की बढ़ती लोकप्रियता एवं व्यापकता को ध्यान में रखते हुए हिंदी अकादमी ने प्रिंट, इलेक्ट्रानिक और इंटरनेट पत्रकारिता को साथ जोड़कर देखा है, जो एक बहुत महत्वपूर्ण संकेत देता है। यह ट्रेंड आने वाले वर्षों में और मजबूत होगा। (हिंदी अकादमी ने प्रिंट, इलेक्ट्रानिक, ऑनलाइन मीडिया और सूचना प्रौद्योगिकी को साथ जोड़कर ‘ज्ञान प्रौद्योगिकी पुरस्कार’ शुरू किया है)।

अतीत में राजस्थान पत्रिका, जनसत्ता, होम टीवी, सहारा टीवी आदि से जुड़े रहे श्री दाधीच ने ऐसे समय पर प्रभासाक्षी॰कॉम का विकास किया था जब हिंदी में कंप्यूटर और इंटरनेट परियोजनाएं विकसित करना बहुत मुश्किल था। श्री दाधीच ने ‘माध्यम’ नामक हिंदी वर्ड प्रोसेसर का भी विकास किया है, जिसकी एक लाख से अधिक प्रतियां पिछले दस वर्षों में डाउनलोड हो चुकी हैं। अब इसका यूनिकोड संस्करण विकसित हो चुका है जो आर्टीफीशियल इन्टेलीजेंस की क्षमता से युक्त है। भारतीय भाषाओं में वेबसाइट निर्माण के लिए निर्मित उनका सॉफ्टवेयर ‘वेबसमर्थ’ काफी चर्चित हुआ था। याहू, जीमेल आदि में हिंदी यूनिकोड पाठ को लेकर आम यूजर्स को आने वाली समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने ‘संशोधक’ नामक इंटरनेट अनुप्रयोग का भी विकास किया था। वे हिंदी के प्रारंभिक ब्लॉगरों में से हैं और ‘वाह मीडिया’ और ‘मतांतर’ जैसे उनके ब्लॉगों की विशिष्ट पहचान है।

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0 Comments

  1. shail

    March 12, 2010 at 5:07 am

    jis aadmi ko teshnology ke bare main kuch pata hi nahi hai use yah puruskaar. behad durbhagpurna hai….muze umeed hai puruskaar milne ke baad aap technology ke bare main padne lagenge…technology ke bare main aapke likhe lekhon ko pad kar koi bhi anumaan laga sakta hai ki aap kite tchno-sebi hain…

  2. pradeep srivastava

    March 12, 2010 at 3:24 am

    bahut -bahut badhai balendu ji

  3. mohan lal

    March 11, 2010 at 11:19 am

    सचमुच पुरस्कार के हकदार है
    बालेन्दु जी को बधाई

  4. mohan lal

    March 11, 2010 at 11:18 am

    Balenduji,
    aap ko es purskar ki badhai

  5. chakrapani himanshu

    March 10, 2010 at 2:37 pm

    badhai ho balendu g

  6. master

    March 10, 2010 at 11:13 am

    puraskar lene ka maksad to poora ho gaya………ab kya iraada hai aage??

  7. ira jha

    March 10, 2010 at 12:49 pm

    tumhen samman mila to aisa laga hum sammanit hue.badhai balendu-ira jha

  8. Sapan Yagyawalkya

    March 10, 2010 at 9:28 am

    Badhai aur hindi seva ke liye sadhuvad.Sapan Yagyawalkya. Bareli. (MP)

  9. संजय कुमार सिंह

    March 10, 2010 at 5:59 am

    बधाई हो बालेन्दु। हम सब जब भी तुम्हारे योगदान का लाभ उठाते हैं तुम्हे याद जरूर करते हैं। कल ही परिवर्तन से एक आलेख का फौन्ट बदलने के बाद देखा कि भ अक्षर गायब थे। देर रात काम कर रहा था सो किसी से फोन कर पूछ भी नहीं सकता था और सुबह के लिए झंझट छोड़कर नींद भी नहीं आती। गुगल का सहारा लिया और माध्यम पर तुम्हारा की बोर्ड ले आउट मिल गया। और काम हो गया। पुरस्कार तो बहाना है वैसे भी तुम्हें बधाई देने का मन हो रहा था।

  10. Satyendra Jha

    March 10, 2010 at 4:51 am

    सचमुच पुरस्कार के हकदार है
    बालेन्दु जी को बधाई

  11. Shripal Jain

    March 10, 2010 at 1:14 am

    Balenduji,
    Many-many congratulations. It is a recognition of your excellent work in the field of knowledge technology.
    – Shripal Jain
    Editor,
    Panchayati Raj Update,
    Institute of Social Sciences,
    8, Nelson Mandela Road,
    Vasnat Kunj, New Delhi-110070

  12. Ashish Vijayaditya

    March 14, 2010 at 10:29 pm

    Very well done. I am a regular reader of your articles. I have read so many articles related to computers and electronics everywhere as its my hobby. But as simply (in simple language) you write and describe about any topic or matter, then its understood they are technocrats like you who are responsible for development of our (whole) country in the field of Science and Technology.

    Ashish Vijayaditya
    ‘Vijayaditya Niwas’
    Nai Basti, North of Gandhi Maidan,
    Siwan – 841226 (Bihar)

  13. Ramdonee Vikas

    March 19, 2010 at 7:17 am

    Sir, I must say I am pretty excited to take note of your articles related to Hindi and technology. I must admit that I was a bit pessimistic formerly before I came across your work. Now, I can proudly say that Hindi has got a bright future with people like you to lead in today’s world dominated by IT.

    ramdonee vikas,
    Chooroomoney Avenue,
    Bassin Road,
    Quatre Bornes,
    Mauritius.

  14. Vikash Ramdonee

    June 8, 2010 at 10:04 am

    Hello Balendu Sir!
    Puraskaar ke sahi haqdaar hain aap. Aapko bahut bahut badhaai ho. Kripaya Hindi aur IT ka knowledge poore vishva tak pahunchaane par gambhirta se vichaar kijiye. Hindi ko UN ki aadhikaarik bhaashaa banane ka ab samay aa gaya hai. Bas asli sena taiyaar karni hai. Jai Hindi. Namaskaar

    Vikash Ramdonee
    Mauritius

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