कॉमरेडों से नीरा राडिया के रिश्ते क्या हैं? अपने आपको पूंजीवाद का विरोधी कहने वाले मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता नीरा राडिया की ऐतिहासिक दलाली के दस्तावेज पर चुप क्यो हैं? इसलिए कि वे जानते हैं कि बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी और उन्हें नंगा होने में देर न लगेगी। नीरा राडिया के जो फोन टैप हुए हैं उससे पता चला है कि राडिया के प्रकाश करात और मजदूर संगठन सीटू के नेताओं से करीबी संबंध रहे हैं।
राडिया ने बंगाल में कई बड़े सौदे करवाए हैं। इस गुप्त रिपोर्ट में साफ शब्दों में कहा गया है कि बड़े कॉरपोरेट घरानों के लिए बंगाल में नीरा राडिया बड़े सौदे करवाती रही है जिनमें मुकेश अंबानी की रिलायंस समूह प्रमुख है। कोलकाता के पास हल्दिया में नेप्था आधारित पेट्रोलियम पदार्थो को निकालने के एक बड़े सौदे में नीरा राडिया शामिल रही है और काफी हद तक सफल हुई है। स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले में ए राजा के साथ नीरा के जो संबंध उजागर हुए उसके बाद कॉमरेडो की डरी हुई खामोशी देखने लायक हैं। नीरा राडिया का फोन आयकर के जांच महानिदेशक के आदेश पर टैप किए गए थे। कुल नौ लाइन टैप हुई थी और उसमें केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी थी। इसी बातचीत से सामने आया है कि बंगाल के उद्योग मंत्री और मार्क्सवादी पार्टी के आज की तारीख में सबसे बड़े नेता प्रकाश करात ने हल्दिया पेट्रोकेमिकल सौदे में राडिया के कहने पर रिलायंस की आगे बढ़ कर मदद की थी। हल्दिया पेट्रोकैम में फिक्की के अध्यक्ष तरुण दास सरकारी प्रतिनिधि थे और उनका नाम भी राडिया के टैप में आ चुका हैं।
एक वार्तालाप में साफ कहा गया है कि तरुण दास ने नीरा राडिया की मदद से पूर्णेंदु चटर्जी जो हल्दिया पेट्रोकेमिकल्स के बड़े शेयर धारक हैं, को लाइन पर लाने की कोशिश की थी और नीरा महत्वपूर्ण मार्क्सवादी नेताओं को मैनेज करने में लगी थी। उनके कई बड़े वामपंथी और सीटू नेताओं से संबंध थे और खुद नीरा ने अपनी कंपनी की वेबसाइट पर कहा है कि परिणाम रिश्तों से निकलते हैं, रिश्ते संवाद से बनते हैं और हम संवाद संभव करते हैं। दलाली की इससे खूबसूरत परिभाषा इससे क्या हो सकती हैं। नीरा को तो साहित्या का कोई पुरस्कार मिलना चाहिए।
अब यह भी पता चला है कि बंगाल से नैनों कार का पूरा संयंत्र गुजरात में स्थापित करने में नीरा राडिया ने बड़ी भूमिका निभाई थी और नरेंद्र मोदी के लिए यह पंजी निवेश का बड़ा मौका था। सुरीन सेठ के घर पर एक मित्र के जरिए नीरा राडिया ने एयरटेल के सुनील मित्तल से भी मुलाकात की थी और इस मुलाकात में मित्तल ने राजा के संचार मंत्री बनने से रोकने की सलाह दी थी और नीरा राडिया को प्रतिनिधि बनने के लिए कहा था। नीरा राडिया ने कहा था कि वे टाटा की भी प्रतिनिधि हैं और टाटा के हितों को चोट नहीं पहुंचा सकती।
अब एनडीटीवी जैसा काफी इज्जतदार चैनल इतने बड़े घपले घोटाले पर खामोश क्यों हैं? एनडीटीवी इमेजिन की एक सहायक कंपनी एनडीटीवी ल्यूमैरे है। इमेजिन तो अब टर्नर समूह ने खरीद लिया है लेकिन ल्यूमैरे की स्थापना इसलिए की गई थी कि एनडीटीवी फिल्म रिलीज के धंधे में भी हाथ डालना चाहता था। एड लैब्स के मनमोहन सेट्ठी और सुनील दोषी भी इस अभियान में शामिल थे। ये संस्था होम वीडियो के अलावा चौबीस घंटे फिल्मे दिखाने वाला चैनल बनना चाहता था। खुद एनडीटीवी की वेबसाइट पर इस नए कारोबार के बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नताशा पॉल से बिटकॉम कंसलटिंग में संपर्क करने के लिए कहा गया था। बिटकॉम कंसलटिंग की मालकिन नीरा राडिया है और एनडीटीवी की वेबसाइट पर उनका जो फोन नंबर दिया गया था वह है नताशा पॉल- 9821067146। आप चाहे तो घंटी बजा कर देख सकते हैं वरना दिल्ली में बारखंभा रोड पर गोपालदास टावर में नीरा राडिया की दूसरी कंपनी नोएसिस का ऑफिस हैं। वहां भी संपर्क कर सकते हैं।
लेखिका सुप्रिया राय पत्रकार हैं और इन दिनों डेटलाइन इंडिया से जुड़ी हुई हैं.
TARUN
May 12, 2010 at 6:51 am
HAMAAM ME SAB NANGE HAIN